सनातन धर्म की परंपराओं में प्रत्येक मास का अपना एक विशेष स्थान और महत्व होता है। इन्हीं में से एक है — ज्येष्ठ माह, जिसे अत्यंत पुण्यदायक और तपस्वियों का प्रिय महीना माना जाता है। यह महीना विशेष रूप से दान, तप, व्रत और जल सेवा के लिए प्रसिद्ध है। 2025 में यह शुभ मास 13 मई से आरंभ होकर 11 जून तक चलेगा।
ज्येष्ठ माह 2025 की तिथि: कब से कब तक?
वैदिक पंचांग के अनुसार, 12 मई 2025 को वैशाख पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। इसी पूर्णिमा के बाद सूर्य के उदय के साथ 13 मई 2025 से ज्येष्ठ मास का शुभारंभ होगा और यह 11 जून 2025 को समाप्त होगा।
ज्येष्ठ माह का धार्मिक महत्व
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ मास में की गई तपस्या और दान का फल कई गुना अधिक मिलता है। यह मास सूर्य की तेज़ता और गर्मी का प्रतीक होता है, लेकिन इसी समय धर्म, भक्ति और सेवा की शीतल छाया भी सबसे अधिक फलदायक मानी जाती है। प्राचीन कथा के अनुसार, इसी माह में प्रभु श्रीराम और बजरंगबली हनुमान का प्रथम मिलन हुआ था। इस कारण इस महीने के मंगलवार को ‘बड़ा मंगल’ कहा जाता है, और इस दिन हनुमान जी की विशेष पूजा का विधान है।
क्या करें ज्येष्ठ माह में?
इस माह में किए गए पुण्यकर्म, विशेषकर जल सेवा, अन्नदान, वस्त्र दान और धन दान, व्यक्ति को जीवन की अनेक बाधाओं से छुटकारा दिलाते हैं। प्रमुख पुण्यकर्म इस प्रकार हैं:
- जल सेवा करें: इस महीने की गर्मी में प्यासे को पानी पिलाना सर्वोत्तम सेवा मानी जाती है। घर के बाहर प्याऊ लगाना, छाछ, शरबत या जल वितरण करना पुण्यकारी होता है।
- अन्न और फल का दान: गरीब और ज़रूरतमंदों को भोजन कराना अत्यंत पुण्यकारी होता है। विशेषकर सत्तू, आम, जलजीरा, खरबूजा आदि का वितरण उत्तम होता है।
- वस्त्र और छाता दान करें: गर्मी से बचाव के लिए कपड़े, छाते, पंखे आदि का दान करने से मानसिक और आर्थिक शांति मिलती है।
- दान के साथ व्रत और पूजा करें: हर मंगलवार को हनुमान जी की उपासना करें। श्रीरामचरितमानस का पाठ, सुंदरकांड का पाठ, और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
बड़ा मंगल 2025: तिथियाँ और महत्व
बड़ा मंगल, उत्तर भारत विशेषकर लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज और वाराणसी जैसे नगरों में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन हनुमान मंदिरों में विशेष पूजा होती है और भंडारे का आयोजन किया जाता है। 2025 में ज्येष्ठ माह में पाँच बड़ा मंगल पड़ेंगे:
- 13 मई 2025 – पहला बड़ा मंगल
- 20 मई 2025 – दूसरा बड़ा मंगल
- 27 मई 2025 – तीसरा बड़ा मंगल
- 2 जून 2025 – चौथा बड़ा मंगल
- 10 जून 2025 – पाँचवाँ बड़ा मंगल
इन सभी तिथियों पर विशेष पूजा, व्रत, और भंडारा करना अत्यंत फलदायक माना गया है।
हनुमान जी की कृपा के लिए करें यह मंत्र जाप
बड़ा मंगल के अवसर पर हनुमान जी और श्रीराम जी की आराधना विशेष रूप से फलदायी होती है। पूजा करते समय निम्न मंत्रों का जाप अवश्य करें:
ॐ आपदामप हर्तारम् दातारं सर्व सम्पदाम।
लोकाभिरामं श्रीरामं भूयो भूयो नमाम्यहम्॥
श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे।
रघुनाथाय नाथाय सीतायाः पतये नमः॥
ज्येष्ठ माह में क्या न करें?
- क्रोध, विवाद और झूठ से दूर रहें।
- तामसिक भोजन और मद्यपान से बचें।
- पीपल, तुलसी और अन्य पवित्र वृक्षों की छाया को हानि न पहुँचाएं।
- जल का अपव्यय न करें।
- ज्येष्ठ माह से जुड़ी अन्य धार्मिक बातें
- इस मास में गंगा स्नान और तीर्थयात्रा का विशेष महत्व होता है।
- सूर्य को जल अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- एक समय भोजन, उपवास और ब्रह्मचर्य पालन से मन की शुद्धि होती है।
- इस समय शरीर और मन को तपाकर आत्मशुद्धि प्राप्त करने का उत्तम अवसर होता है।
ज्येष्ठ माह न केवल शरीर की परीक्षा है, बल्कि आत्मा को मजबूत बनाने का अवसर भी है। इस महीने में तप, त्याग और सेवा से किया गया प्रत्येक कार्य भविष्य में शुभ फलों को जन्म देता है। 13 मई 2025 से जब यह शुभ महीना आरंभ हो रहा है, तो आप भी अपनी आस्था को ऊर्जा दें और धर्म-पथ पर अग्रसर हों।