Chicago

मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कविताएं

🎧 Listen in Audio
0:00

ख्वाहिशें: एक गहरी सोच    

ख्वाहिशें कभी भी मुझे मशहूर होने की नहीं थीं,
आपकी पहचान ही मेरे लिए सबसे बड़ी बात है।

अच्छे ने मुझे अच्छा जाना, और बुरे ने बुरा,
क्योंकि जो जिसे चाहिए, वही पहचानता है।

जिंदगी का फलसफा भी अजीब है,
कभी रातें नहीं कटतीं, और साल गुज़रते जाते हैं।

ये जिंदगी की दौड़ बड़ी अजीब है,
जीतते हुए भी कुछ लोग पीछे रह जाते हैं,
और हारते हुए अपने ही पीछे छोड़ जाते हैं।

मैं अक्सर मिट्टी पर बैठता हूं,
क्योंकि मुझे अपनी असल औकात अच्छी लगती है।

क़लम के जादूगर: एक समर्पण

क़लम के जादूगर, आप हमेशा याद रहेंगे,
आपकी कमी हर साहित्य प्रेमी को खलेगी।

आपने कहा था, 'खलनायक तभी मरना चाहिए,
जब पाठक चीखें और कहें, मार-मार, इस कमीने को।'

लेकिन आजकल, नायक और नायिका को भी,
जब चाहे मार दिया जाता है और फिर जिंदा कर दिया जाता है।

यह नाटक चलता रहता है,
'क्या इसे मारा जाए या जिंदा किया जाए?'
सच, आपकी कमी हमें हमेशा महसूस होगी,
हर उस इंसान को, जिसे साहित्य, सपनों और समाज से मुहब्बत है।

हे कलम के सिपाही,
आज हम आपके चरणों में श्रद्धा समर्पित करते हैं।

दुनिया की सच्चाई

दुनिया में हर किसी से मिलते हैं लोग,
पर अफसोस, उनके चेहरे पर अक्सर एक ज़र्द रंग होता है।

मज़हब की रौशनी से जगमगाती दुनिया,
लेकिन मज़हब के ठेकेदारों से शहर तंग लगता है।

जो सच की उड़ान भरता है,
वो शहादत की ओर बढ़ता है।

कल तक जो जाँ निसार था,
आज वही अनोखा ढंग अपनाता है।

उसने उसूल का लिबास पहना,
वो अब सियासत की पतंग उड़ाता है।

जो सूली पर चढ़ कर हक़ बोलता है,
वह इतिहास के पन्नों पर अमर हो जाता है।

जब शीशे में अपनी शक्ल देखता हूँ,
तो खुद को देखकर भी हैरान हो जाता हूं।

मज़नू के साथ हर कदम पर भीड़ होती है,
हर हाथ में एक नुकीला पत्थर होता है।

अब कदम सहर की तरफ बढ़ने के बजाय,
हमें एक नया युद्ध लड़ना पड़ता है।

Leave a comment