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सोमवार व्रत 2025: 2 जून को होगा शिव अराधना का पावन उपवास, पूजा पूजा विधि और महत्व

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भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए समर्पित श्री सोमवार व्रत इस साल 2 जून, सोमवार को रखा जाएगा। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धापूर्वक उपवास रखने और शिव पूजन करने से भगवान भोलेनाथ भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। व्रत का पारणा यानी उपवास तोड़ने का समय 3 जून, सुबह 5:44 बजे निर्धारित किया गया है।

भगवान सोमेश्वर की आराधना का विशेष दिन

‘सोमवार’ शब्द संस्कृत के ‘सोम’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है चंद्रमा। चंद्रमा के देवता ‘सोम’ भगवान शिव के जटाजूट में सुशोभित होते हैं, इसलिए शिव को ‘सोमेश्वर’ भी कहा जाता है। इस दिन उपवासी भक्त भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा कर सुखमय जीवन और मोक्ष की कामना करते हैं।

सोमवार व्रत क्यों है खास

  • अविवाहित युवतियां योग्य वर की प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत रखती हैं।
  • विवाहित स्त्रियां अपने वैवाहिक जीवन की सुख-शांति और पति की लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं।
  • भक्तों का मानना है कि इस व्रत से सभी सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है और अंततः मोक्ष भी।

कौन-कौन से सोमवार होते हैं विशेष

  • श्रावण सोमवार (जुलाई-अगस्त): उत्तर भारत, महाराष्ट्र, गुजरात में लोकप्रिय
  • कार्तिक सोमवार (अक्टूबर-नवंबर): कर्नाटक, आंध्र प्रदेश में प्रचलित
  • कार्तिकई सोमवारम (नवंबर-दिसंबर): तमिलनाडु में पूजनीय
  • सोमवती अमावस्या: जब अमावस्या का दिन सोमवार को पड़े, तब यह दिन विशेष फलदायी माना जाता है।

व्रत रखने की विधि

  • व्रतधारी सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं।
  • घर या मंदिर में शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक किया जाता है (दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल)।
  • बिल्व पत्र, सफेद फूल और भस्म भगवान को अर्पित किए जाते हैं।
  • दिनभर ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप किया जाता है।
  • शाम के समय भक्त श्रद्धा से सोमवार व्रत की पौराणिक कथा का पाठ करते हैं।
  • उपवासी दिनभर निर्जल व्रत रख सकते हैं, या फलाहार कर सकते हैं। कुछ लोग एक बार भोजन करते हैं।
  • अगले दिन सुबह पूजा कर व्रत का पारणा किया जाता है और प्रसाद बांटा जाता है।

पौराणिक कथा का उल्लेख

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्रदेव ने शिव आराधना के माध्यम से यह व्रत शुरू किया था। उन्होंने भगवान शिव से यह वर मांगा था कि जो भी यह व्रत श्रद्धा से करेगा, उसे संसारिक सुख और अंत में मोक्ष की प्राप्ति होगी। इस व्रत को ऋषि वशिष्ठ ने भी किया और उन्हें देवी अरुंधती पत्नी के रूप में प्राप्त हुईं।

2025 में सोमवार व्रत की सभी तिथियां और पारणा समय

व्रत तिथि

दिन

पारणा तिथि

पारणा समय

3 फरवरी

सोमवार

4 फरवरी

सुबह 7:09 बजे

3 मार्च

सोमवार

4 मार्च

सुबह 6:49 बजे

31 मार्च

सोमवार

1 अप्रैल

सुबह 6:22 बजे

28 अप्रैल

सोमवार

29 अप्रैल

सुबह 5:58 बजे

2 जून

सोमवार

3 जून

सुबह 5:44 बजे

30 जून

सोमवार

1 जुलाई

सुबह 5:48 बजे

28 जुलाई

सोमवार

29 जुलाई

सुबह 6:00 बजे

25 अगस्त

सोमवार

26 अगस्त

सुबह 6:11 बजे

22 सितंबर

सोमवार

23 सितंबर

सुबह 6:19 बजे

27 अक्टूबर

सोमवार

28 अक्टूबर

सुबह 6:33 बजे

24 नवंबर

सोमवार

25 नवंबर

सुबह 6:51 बजे

22 दिसंबर

सोमवार

23 दिसंबर

सुबह 7:08 बजे

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