Chicago

हार्ट अटैक के 5 बड़े संकेत: समय रहते पहचानें और बचाएं अपनी जान

🎧 Listen in Audio
0:00

आज के दौर में हार्ट अटैक एक आम लेकिन खतरनाक बीमारी बन गई है। अक्सर लोग इसे अचानक आता हुआ मानते हैं, लेकिन सच यह है कि हार्ट अटैक कभी भी अचानक नहीं आता। यह महीनों पहले ही शरीर में कुछ संकेत छोड़ता है, जिन्हें समझना और पहचानना बहुत जरूरी होता है। यदि हम इन संकेतों को समय रहते समझ लें और नजरअंदाज न करें, तो अपनी और अपने परिवार की जान बचाई जा सकती है। इस लेख में हम हार्ट अटैक के पांच प्रमुख लक्षणों पर विस्तार से चर्चा करेंगे और बताएंगे कि कैसे आप इन संकेतों को पहचान कर बचाव कर सकते हैं।

हार्ट अटैक क्यों होता है?

हार्ट अटैक का मुख्य कारण है हृदय को खून सप्लाई करने वाली रक्त वाहिकाओं में रुकावट आना। अस्वस्थ जीवनशैली, अधिक तैलीय और जंक फूड का सेवन, मोटापा, शारीरिक गतिविधि की कमी, धूम्रपान और तनाव जैसे कारण इसके लिए जिम्मेदार होते हैं। जब हृदय की धमनी (coronary artery) में कोलेस्ट्रॉल या फैट जमा हो जाता है, तो रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप हृदय के मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

चक्कर आना और अंधेरा दिखाई देना

अगर आपको खड़े होते ही या झुकते समय बार-बार चक्कर आने लगे, सिर हल्का लगे या आंखों के आगे अंधेरा छा जाए, तो इसे हल्के में न लें। यह संकेत हो सकता है कि आपका दिल ठीक से काम नहीं कर रहा है और शरीर के जरूरी हिस्सों तक सही मात्रा में खून और ऑक्सीजन नहीं पहुंचा पा रहा है। खासकर जब दिमाग को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती, तो ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसे दिल की पंपिंग क्षमता में कमी का संकेत माना जाता है। अगर ये लक्षण बार-बार दिखें, तो बिना देर किए किसी अच्छे हार्ट स्पेशलिस्ट से जांच करवाना जरूरी है, ताकि वक्त रहते इलाज शुरू किया जा सके और किसी गंभीर स्थिति से बचा जा सके।

पैरों में सूजन आना

पैरों में सूजन का कारण शरीर में अतिरिक्त फ्लूइड का जमा होना होता है, जो हार्ट फेलियर की शुरुआत का संकेत हो सकता है। जब दिल सही तरीके से ब्लड पंप नहीं कर पाता तो शरीर का फ्लूइड बाहर नहीं निकल पाता और गुरुत्वाकर्षण के कारण पैरों या टखनों में जमा हो जाता है। यह संकेत भी कभी-कभी नजरअंदाज किया जाता है, लेकिन इसे गंभीरता से लेना जरूरी है। 

हर वक्त थकान महसूस होना

अगर आपको बिना कोई भारी काम किए या दिनभर आराम करने के बाद भी लगातार थकान महसूस होती है, तो इसे हल्के में न लें। यह दिल की कमजोरी का संकेत हो सकता है। जब दिल ठीक से ब्लड पंप नहीं कर पाता, तो शरीर के अंगों और खासकर मांसपेशियों तक ऑक्सीजन ठीक से नहीं पहुंचती। ऐसे में शरीर कमजोर और थका हुआ महसूस करता है। ये थकान कोई आम थकान नहीं होती, बल्कि हार्ट की कार्यक्षमता में कमी के कारण होती है। अगर यह लक्षण लगातार बना रहे, तो समय पर डॉक्टर से जांच कराना और सही इलाज करवाना बहुत जरूरी होता है।

सांस फूलना और घबराहट

अगर आपको रोज़मर्रा के छोटे काम करते समय जैसे कि थोड़ा चलने, सीढ़ी चढ़ने या झुकने पर अचानक सांस फूलने लगे और घबराहट महसूस हो, तो यह हार्ट से जुड़ी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। इसे मेडिकल भाषा में ‘एग्जर्शनल डिस्पनिया’ कहा जाता है। जब दिल सही तरीके से खून पंप नहीं कर पाता, तो फेफड़ों में ब्लड जमा होने लगता है जिससे शरीर को ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो जाती है। यही कारण है कि सांस लेने में तकलीफ और बेचैनी होती है। अगर यह समस्या बार-बार हो रही है, तो इसे सामान्य थकावट समझकर नजरअंदाज न करें बल्कि तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं।

छाती में जकड़न या भारीपन

अगर आपकी छाती में बार-बार भारीपन या जकड़न जैसा महसूस होता है, तो इसे हल्के में बिल्कुल न लें। यह दिल की बीमारी का संकेत हो सकता है, जिसे ‘एंजाइना’ कहा जाता है। जब दिल की मांसपेशियों तक खून सही मात्रा में नहीं पहुंचता, तो सीने में दर्द या दबाव जैसा लगने लगता है। यह परेशानी सिर्फ छाती तक सीमित नहीं रहती, बल्कि गर्दन, जबड़े या हाथों तक फैल सकती है। ऐसा लक्षण अक्सर हार्ट अटैक आने से पहले दिखाई देता है और इसे समय रहते पहचानना और डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी है, वरना यह जानलेवा साबित हो सकता है।

हार्ट अटैक से बचाव के उपाय

स्वस्थ आहार अपनाएं: फास्ट फूड, जंक फूड, अधिक तैलीय और मैदे से बनी चीजों का सेवन कम करें। इन खाद्य पदार्थों में ट्रांस फैट और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल होता है जो नसों को बंद कर सकता है। इसके स्थान पर फल, सब्जियां, दलिया, नट्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर भोजन करें।

नियमित व्यायाम करें: कम से कम रोजाना 30 मिनट की हल्की-फुल्की एक्सरसाइज, जैसे तेज चलना, योग या साइकलिंग करें। यह दिल को स्वस्थ रखता है और रक्त संचार को बेहतर बनाता है।

तनाव से बचें: तनाव हार्ट अटैक का एक बड़ा कारण हो सकता है। ध्यान, मेडिटेशन, गहरी सांस लेने की तकनीकें अपनाएं और जरूरत हो तो मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लें।

नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं: ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर की नियमित जांच कराएं। समय रहते इनका नियंत्रण हार्ट अटैक से बचाने में मदद करता है।

धूम्रपान और शराब से परहेज करें: सिगरेट और शराब से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ता है। इन्हें पूरी तरह बंद करना या सीमित करना हार्ट की सुरक्षा के लिए जरूरी है।

क्या आपका भोजन दिल का ख्याल रखता है?

हमारा खान-पान भी हार्ट हेल्थ पर सीधा असर डालता है। आज के समय में चीज़, बर्गर, मैदा, टिक्की, समोसे जैसी चीज़ें हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन गई हैं। लेकिन ये सभी ट्रांस फैट और खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) से भरपूर होते हैं जो धमनियों में जमकर ब्लॉकेज बनाते हैं। इससे हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

इसलिए बेहतर होगा कि आप अपनी डाइट में इन चीजों से दूरी बनाएं और साबुत अनाज, फल, हरी सब्जियाँ, ओमेगा-3 युक्त खाद्य पदार्थों (जैसे अलसी के बीज, अखरोट, मछली) को शामिल करें।

हार्ट अटैक कोई अचानक हुई दुर्घटना नहीं है, बल्कि यह महीनों पहले आपके शरीर में चेतावनी संकेत देता है। अगर आप ऊपर बताए गए पांच लक्षणों में से किसी को भी महसूस करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर सही इलाज और जीवनशैली में सुधार से इस जानलेवा बीमारी से बचाव संभव है।

Leave a comment