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इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) में मेडिटेरेनियन डाइट: राहत पाने का एक प्राकृतिक और आसान तरीका

इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) में मेडिटेरेनियन डाइट: राहत पाने का एक प्राकृतिक और आसान तरीका
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इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) एक आम लेकिन कष्टदायक पाचन समस्या है, जिससे दुनिया भर में लाखों लोग प्रभावित हैं। यह बीमारी पेट और आंतों से जुड़ी होती है और इसके लक्षणों में पेट दर्द, ऐंठन, दस्त, कब्ज, और ब्लोटिंग जैसी समस्याएं शामिल हैं। IBS का कोई स्थायी इलाज तो नहीं है, लेकिन खान-पान में सुधार से इस पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है।

हाल ही में अमेरिकी शोधकर्ताओं ने एक दिलचस्प खोज की है कि मेडिटेरेनियन डाइट यानी भूमध्यसागरीय आहार IBS के मरीजों को राहत देने में मददगार साबित हो सकती है। इस अध्ययन ने इस डाइट के फायदे और आसान पालन के कारण इसे IBS के लिए एक संभावित बेहतर विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया है। आइए जानते हैं इस स्टडी के बारे में विस्तार से और मेडिटेरेनियन डाइट IBS में कैसे काम कर सकती है।

IBS क्या है और इसके सामान्य लक्षण

इरिटेबल बाउल सिंड्रोम आंतों का एक क्रॉनिक डिसऑर्डर है, जो आंतों के सामान्य कामकाज को प्रभावित करता है। इसके कारण पेट में दर्द, गैस, कब्ज या दस्त जैसी समस्याएं होती हैं। IBS के लक्षण कई लोगों के लिए दिनचर्या को प्रभावित कर सकते हैं।

इसका कारण पूरी तरह समझा नहीं गया है, लेकिन माना जाता है कि तनाव, अनियमित भोजन, कुछ खाद्य पदार्थ, और आंतों के संक्रमण IBS को बढ़ावा देते हैं। ऐसे मरीजों के लिए सही डाइट और जीवनशैली में बदलाव बहुत जरूरी हो जाता है।

मेडिटेरेनियन डाइट क्या है?

मेडिटेरेनियन डाइट को अक्सर दुनिया की सबसे सेहतमंद डाइट माना जाता है। यह डाइट मुख्य रूप से भूमध्यसागरीय क्षेत्र के पारंपरिक खाद्य पैटर्न पर आधारित है। इस डाइट में ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, नट्स, बीज, जैतून का तेल, मछली, और कम मात्रा में मांसाहार शामिल होता है।

इस डाइट में लाल मांस और प्रोसेस्ड फूड कम से कम होता है, और इसके स्थान पर पौष्टिक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता दी जाती है। इसके कई फायदे पहले से ही दिल की बीमारियों, डायबिटीज और दिमागी स्वास्थ्य के लिए साबित हो चुके हैं।

नई स्टडी: मेडिटेरेनियन डाइट और IBS

अमेरिकी मिशिगन मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने एक नई स्टडी की जिसमें उन्होंने IBS के मरीजों के दो समूह बनाए। एक समूह को मेडिटेरेनियन डाइट का पालन करने को कहा गया, जबकि दूसरे समूह को कम फोडमैप डाइट (Low FODMAP Diet) अपनाई गई।

कम फोडमैप डाइट ऐसी डाइट है जिसमें उन खाद्य पदार्थों को कम या बंद किया जाता है जो पेट में गैस और सूजन बढ़ाते हैं। हालांकि यह डाइट IBS में काफी प्रभावी होती है, पर इसे अपनाना काफी चुनौतीपूर्ण होता है क्योंकि इसमें कई सामान्य और पसंदीदा खाने की चीजों को बंद करना पड़ता है।

इस स्टडी के परिणाम बताते हैं कि मेडिटेरेनियन डाइट अपनाने वाले 73 प्रतिशत मरीजों को IBS के लक्षणों में सुधार महसूस हुआ। वहीं, कम फोडमैप डाइट वाले समूह में यह सुधार लगभग 81.8 प्रतिशत था। हालांकि कम फोडमैप डाइट अधिक प्रभावी रही, लेकिन मेडिटेरेनियन डाइट भी काफी प्रभावशाली और आसान विकल्प साबित हुई।

IBS में क्यों फायदेमंद है मेडिटेरेनियन डाइट?

  • आसान पालन: कम फोडमैप डाइट के मुकाबले मेडिटेरेनियन डाइट को अपनाना ज्यादा आसान है क्योंकि इसमें खाने की ज्यादा चीजें शामिल होती हैं। मरीजों को अपने खाने-पीने में बहुत ज्यादा प्रतिबंध नहीं लगाना पड़ता।
  • पोषण की भरपूर मात्रा: मेडिटेरेनियन डाइट में ताजे फल, सब्जियां, नट्स, और स्वस्थ वसा होते हैं, जो शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं। इसके विपरीत, कम फोडमैप डाइट में कुछ आवश्यक खाद्य समूहों की कमी हो सकती है।
  • दिल और दिमाग के लिए भी फायदेमंद: IBS से जूझ रहे मरीजों के लिए ये एक अतिरिक्त फायदा है कि मेडिटेरेनियन डाइट हृदय और मस्तिष्क स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाती है। यह डाइट एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती है जो शरीर में सूजन कम करती है।
  • लंबे समय तक प्रभावी: चूंकि मेडिटेरेनियन डाइट संतुलित और स्थायी होती है, इसे लंबे समय तक अपनाया जा सकता है, जिससे IBS के लक्षणों पर स्थाई नियंत्रण पाया जा सकता है।

विशेषज्ञों की राय

डॉ. प्रशांत सिंह, जो इस अध्ययन के मुख्य लेखक हैं, कहते हैं कि कम फोडमैप डाइट कई मरीजों के लिए पालन करना मुश्किल हो सकता है क्योंकि इसमें कई खाने की चीजें प्रतिबंधित होती हैं। इसलिए, मेडिटेरेनियन डाइट को IBS के लिए एक व्यवहारिक विकल्प माना जा सकता है।

मिशिगन विश्वविद्यालय के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के प्रमुख डॉ. विलियम चे ने भी कहा कि यह अध्ययन इस बात का सबूत है कि मेडिटेरेनियन डाइट IBS मरीजों की मदद कर सकती है। उन्होंने कहा कि इसे अपनाने से मरीजों को न सिर्फ पेट की समस्याओं में सुधार होगा, बल्कि उनकी पूरी स्वास्थ्य स्थिति भी बेहतर बनेगी।

मेडिटेरेनियन डाइट कैसे अपनाएं?

  • ताजा फल और सब्जियां खाएं: रोजाना रंग-बिरंगे ताजे फल और सब्जियां शामिल करें।
  • साबुत अनाज को प्राथमिकता दें: सफेद चावल या मैदा की बजाय ब्राउन राइस, क्विनोआ, ओट्स जैसे साबुत अनाज खाएं।
  • स्वस्थ वसा लें: जैतून का तेल और नट्स का सेवन बढ़ाएं।
  • मछली और समुद्री भोजन: सप्ताह में कम से कम दो बार मछली खाएं।
  • प्रोसेस्ड फूड से बचें: अधिक तेल, नमक और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से बचें।
  • कम लाल मांस: रेड मीट का सेवन कम करें और पत्तेदार हरी सब्जियां अधिक खाएं।

IBS जैसी जटिल पाचन समस्या में सही खान-पान का होना बेहद जरूरी है। कम फोडमैप डाइट तो प्रभावी है, लेकिन इसे अपनाना आसान नहीं होता। वहीं, मेडिटेरेनियन डाइट एक सरल, पोषण से भरपूर और प्रभावी विकल्प साबित हो सकती है जो IBS के लक्षणों को कम करने में मदद करती है।

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