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पथरी की समस्या: दिल और दिमाग पर बढ़ता तनाव, जाने योग आयुर्वेद से प्राकृतिक इलाज

पथरी की समस्या: दिल और दिमाग पर बढ़ता तनाव, जाने योग आयुर्वेद से प्राकृतिक इलाज
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पथरी यानी स्टोन की समस्या सिर्फ पेट दर्द तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे दिल और दिमाग की सेहत पर भी गंभीर असर डाल सकती है। किडनी स्टोन, गॉल ब्लैडर स्टोन जैसी परेशानियां बढ़ती जीवनशैली, गलत खान-पान और तनाव की वजह से आम हो रही हैं। यदि समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं। लेकिन योग और आयुर्वेद की मदद से इस समस्या से बचाव और इलाज संभव है। 

पथरी क्या है और क्यों होती है?

पथरी तब बनती है जब हमारे शरीर के मूत्र मार्ग या गॉल ब्लैडर में खनिज और क्रिस्टल जमा होकर कठोर पथरी का रूप ले लेते हैं। ज्यादा नमक, प्रोटीन और फैट युक्त भोजन, कम पानी पीना, और मोटापा इसके मुख्य कारण हैं। शरीर में जमा टॉक्सिन्स और क्रिस्टल धीरे-धीरे सख्त होकर स्टोन में बदल जाते हैं। खासकर गर्मी के मौसम में जब पसीना अधिक निकलता है और शरीर में पानी की कमी होती है, तब पथरी बनने का खतरा बढ़ जाता है।

पथरी से जुड़ी गंभीर समस्याएं

डॉक्टरों की रिसर्च के अनुसार किडनी स्टोन से पीड़ित लोगों में हार्ट डिजीज का खतरा 19% और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा 40% तक बढ़ जाता है। इसका कारण यह है कि स्टोन के कारण शरीर में ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है और दिल की धमनियों में प्लाक जमने लगता है। अगर पथरी गॉल ब्लैडर में हो तो उसे गॉल ब्लैडर स्टोन कहते हैं, और किडनी में हो तो किडनी स्टोन। दोनों ही स्थिति शरीर के लिए गंभीर हैं और अगर सही समय पर इलाज न हो तो किडनी फेलियर और हार्ट अटैक जैसी जानलेवा स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।

पथरी के लक्षण पहचानें

किडनी स्टोन के लक्षण:

  • तेज पेट दर्द
  • उल्टी या वॉमिटिंग
  • बुखार और ठंड लगना
  • पेशाब में खून आना या रंग बदलना

गॉल ब्लैडर स्टोन के लक्षण:

  • पेट में दर्द, खासकर दाहिनी तरफ
  • अपच या इंडाइजेशन की समस्या
  • आंखों या त्वचा का पीलापन

यदि ये लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

पथरी से बचाव के लिए जरूरी बदलाव

पर्याप्त पानी पीना: दिनभर कम से कम 2-3 लीटर पानी पीएं ताकि टॉक्सिन्स और खनिज शरीर से बाहर निकल सकें।

संतुलित भोजन: ज्यादा नमक, तेल-मसालेदार और फैटी भोजन से बचें। प्रोटीन का सेवन संतुलित रखें।

वजन नियंत्रित रखें: मोटापा पथरी बनने की एक बड़ी वजह है, इसलिए नियमित व्यायाम करें।

तनाव कम करें: तनाव और एंग्जायटी से ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जो किडनी की सेहत को प्रभावित करता है। योग और ध्यान को अपने दिनचर्या में शामिल करें।

जंक फूड और पेनकिलर से बचाव: बार-बार पेनकिलर लेने से किडनी पर बुरा असर पड़ता है।

आयुर्वेदिक और नेचुरल उपाय जो पथरी को जड़ से खत्म करें

  • नीम के पत्तों का रस: सुबह एक चम्मच नीम के पत्तों का रस लेने से शरीर से टॉक्सिन बाहर निकलते हैं और पथरी बनने की संभावना कम होती है।
  • पीपल के पत्तों का रस: शाम को पीपल के पत्तों का रस लेने से भी किडनी स्वस्थ रहती है।
  • गोखरु का पानी: गोखरु को पानी में उबालकर ठंडा करके महीने में एक बार पीने से किडनी की सफाई होती है और स्टोन बनना रुकता है।
  • भुट्टे के बाल: भुट्टे के बाल को पानी में उबालकर छानकर पीने से किडनी स्टोन और यूटीआई जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।
  • खट्टी छाछ और मूली: ये नेचुरल पदार्थ शरीर में जमा अतिरिक्त खनिजों को कम करते हैं और पथरी बनने से रोकते हैं।
  • कुलथ की दाल: कुलथ की दाल का सेवन भी किडनी के लिए फायदेमंद माना गया है।

योग के जरिए किडनी और दिल-दिमाग को रखें मजबूत

योग सिर्फ पथरी की समस्या ही नहीं, बल्कि हार्ट डिजीज और स्ट्रोक के खतरे को भी कम करने में मदद करता है। कुछ आसान योगासन जो रोजाना करने चाहिए:

  • भुजंगासन: यह किडनी की कार्यक्षमता बढ़ाता है और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है।
  • वृक्षासन: तनाव कम करता है और मेटाबॉलिज्म को संतुलित रखता है।
  • प्राणायाम: शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाकर सभी अंगों को स्वस्थ बनाता है।
  • ध्यान और मेडिटेशन: तनाव, एंग्जायटी और हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में सहायक।

पथरी की समस्या को हल्के में न लें क्योंकि यह सिर्फ पेट दर्द की समस्या नहीं, बल्कि दिल और दिमाग की भी बड़ी चुनौती बन सकती है। सही खान-पान, नियमित योगाभ्यास और आयुर्वेदिक उपाय अपनाकर हम इस बीमारी को जड़ से खत्म कर सकते हैं। खासकर गर्मी के मौसम में पानी का पर्याप्त सेवन करना और फैटी भोजन से बचना जरूरी है। अगर लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और नेचुरल तरीकों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

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