78वें कान फिल्म फेस्टिवल का भव्य समापन हो गया। इस बार के फेस्टिवल में दुनियाभर की कई बेहतरीन फिल्मों को प्रदर्शित किया गया, जिनमें से कुछ ने बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं, जबकि कुछ को निराशा भी हुई।
Cannes 2025: फ्रांस के ग्लैमरस शहर कान में बीते शनिवार, 24 मई को 78वां कान फिल्म फेस्टिवल अपने भव्य समापन समारोह के साथ खत्म हुआ। यह विश्व का सबसे प्रतिष्ठित फिल्म महोत्सव है, जहां दुनियाभर की फिल्मों और कलाकारों को सम्मानित किया जाता है। इस बार भी दुनिया के कई देशों ने अपनी बेहतरीन फिल्में प्रस्तुत कीं, लेकिन भारतीय सिनेमाजगत के लिए यह फेस्टिवल मिश्रित परिणाम लेकर आया।
जहां भारतीय फिल्म ‘होमबाउंड’ को दर्शकों से जबरदस्त तालियां मिलीं, वहीं यह फिल्म किसी भी पुरस्कार से वंचित रही। वहीं दूसरी ओर, इराक ने अपनी पहली बार कान में एंट्री कर विजयी इतिहास रच दिया।
‘होमबाउंड’ ने बनाया दर्शकों को दीवाना
नीरज घेवन निर्देशित ‘होमबाउंड’ भारत की बड़ी उम्मीद थी। यह फिल्म, जिसमें ईशान खट्टर, जान्हवी कपूर और विशाल जेठिया मुख्य भूमिका में थे, ने कान के ‘अन सर्टेन रिगार्ड’ सेक्शन में अपनी प्रस्तुति दी। फिल्म की कहानी और कलाकारों के अभिनय को देखकर दर्शक झूम उठे, और फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान नौ मिनट तक स्टैंडिंग ओवेशन की गूंज कान के सिनेमाघरों में सुनाई दी। इसके बावजूद यह फिल्म पुरस्कार सूची में जगह नहीं बना पाई।
भारतीय सिनेमा के लिए यह एक कड़वी सचाई थी क्योंकि ‘होमबाउंड’ की लोकप्रियता के बावजूद, इसे कोई पुरस्कार नहीं मिला। इस बार के कान फेस्टिवल में भारत की ओर से एक और बड़ी उम्मीद थी अनुपम खेर की फिल्म ‘तन्वी द ग्रेट’। लेकिन यह फिल्म भी सफल नहीं हो पाई और अवॉर्ड समारोह में नामांकित नहीं हो सकी। इस तरह भारत का फेस्टिवल में प्रदर्शन पिछड़ता नजर आया, जहां बड़े सितारों और गुणवत्ता की फिल्मों के बावजूद, सफलता हाथ नहीं लगी।
इराक की पहली बड़ी जीत
कान 2025 के फेस्टिवल में इराक ने ऐतिहासिक सफलता हासिल की। हसन हादी की फिल्म ‘प्रेसिडेंट्स केक’ को ‘कैमरा डी'ओर’ पुरस्कार से नवाजा गया। यह पुरस्कार फेस्टिवल में पहली बार इराक को मिला है और इस जीत ने वहां के सिनेमा प्रेमियों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ा दी। ‘कैमरा डी'ओर’ अवॉर्ड नए निर्देशक की पहली फीचर फिल्म के लिए दिया जाता है, जो बहुत बड़ा सम्मान माना जाता है।
इराक के इस पुरस्कार पर वहां मौजूद दर्शक खड़े होकर तालियां बजाने लगे, जिससे उत्सव का माहौल बन गया। यह जीत इराकी सिनेमा के लिए न केवल सम्मान है बल्कि एक प्रेरणा भी, जो उन्हें आगे बढ़ने का उत्साह देगी।
अन्य बड़े पुरस्कार विजेता
इस बार कान में अन्य देशों की फिल्मों और कलाकारों ने भी बाज़ी मारी। ईरानी फिल्म निर्माता जफर पनाही को उनकी फिल्म ‘इट वॉज जस्ट एन एक्सीडेंट’ के लिए प्रतिष्ठित ‘पाम डी’ओर’ पुरस्कार मिला। यह अवॉर्ड फिल्म फेस्टिवल का सबसे बड़ा सम्मान होता है। इसके अलावा:
- पाम डी'ओर - जाफर पनाही
- ग्रैंड प्रिक्स - जोआचिम ट्रायर
- सर्वश्रेष्ठ निर्देशक - क्लेबर मेंडोंका फिल्हो
- सर्वश्रेष्ठ अभिनेता - वैगनर मौरा
- सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री - नादिया मेलिटि
- जूरी पुरस्कार - ओलिवियर लैक्स और माशा शिलिंस्की
- सर्वश्रेष्ठ पटकथा - जीन-पियरे और ल्यूक डार्डेन
- कैमरा डी'ओर - हसन हादी
- FIPRESCI पुरस्कार (अन सर्टेन रिगार्ड) - हैरिस डिकिंसन
- ग्रैंड प्राइज रत्चापूम बूनबंचचोक
समापन समारोह में चमके भारतीय सितारे
फेस्टिवल के आखिरी दिन यानी 24 मई को आयोजित समापन समारोह में बॉलीवुड की चमक फिर से देखने को मिली। आलिया भट्ट ने रेड कार्पेट पर शानदार फ्लोरल गाउन में कदम रखा, जिससे उनकी खूबसूरती ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। वे इस समारोह की शान बनी रहीं और मीडिया के कैमरों के सामने हंसती मुस्कुराती नजर आईं।
इसके अलावा भोजपुरी सिनेमा की चर्चित अभिनेत्री नेहा मलिक भी समारोह में शामिल हुईं। नेहा ने यहां पहुंचकर अपने अनुभव साझा किए और वहां के दर्शकों व आयोजकों को धन्यवाद दिया, जिससे वे भावुक भी हो गईं। यह दर्शाता है कि भारत के कई हिस्सों का सिनेमा अब वैश्विक स्तर पर अपनी जगह बनाने की कोशिश में है।