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अंकिता भंडारी हत्याकांड: दो साल आठ महीने बाद अदालत का ऐतिहासिक फैसला, तीनों आरोपी को सुनाई उम्रकैद की सजा

अंकिता भंडारी हत्याकांड: दो साल आठ महीने बाद अदालत का ऐतिहासिक फैसला, तीनों आरोपी को सुनाई उम्रकैद की सजा
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कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में आज (30 मई) बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मुख्य आरोपी पुलकित आर्य और उसके दो सहयोगियों सौरभ भास्कर व अंकित गुप्ता को हत्या, साक्ष्य मिटाने और महिला के शीलभंग के प्रयास जैसे गंभीर आरोपों में दोषी ठहराया है।

Ankita Murder Case: उत्तराखंड को झकझोर देने वाले अंकिता भंडारी हत्याकांड में आज कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अदालत ने बहुचर्चित मामले में आरोपी पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 201 (सबूत मिटाना), 354 (छेड़छाड़) और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के अंतर्गत दोषी ठहराया है। अंतिम सजा का ऐलान कुछ ही समय में होगा, लेकिन इस निर्णय से न्याय व्यवस्था में आम जनता का विश्वास और दृढ़ हुआ है।

क्या था मामला?

18 सितंबर 2022 की रात वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम कर रही अंकिता भंडारी की हत्या कर उसका शव चीला शक्ति नहर में फेंक दिया गया था। इस जघन्य घटना के एक सप्ताह बाद 24 सितंबर को उसका शव नहर से बरामद हुआ था, जिसने पूरे राज्य में आक्रोश की लहर पैदा कर दी थी। हत्या के पीछे का कारण बेहद शर्मनाक था पुलकित और उसके साथियों द्वारा अंकिता पर अनैतिक कार्यों के लिए दबाव डाला जा रहा था। जब उसने इसका विरोध किया तो तीनों ने उसे नहर में धक्का देकर उसकी हत्या कर दी।

जांच और अदालत की कार्यवाही

19 मई 2025 को अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी ने बचाव पक्ष की बहस का जवाब देकर सुनवाई पूरी की थी। इसके बाद अदालत ने फैसला सुनाने के लिए 30 मई की तारीख तय की थी। मामले की सुनवाई 30 जनवरी 2023 को शुरू हुई थी और अभियोजन पक्ष की ओर से लगभग दो वर्षों तक चले इस मुकदमे में 47 गवाहों को अदालत में परीक्षित किया गया। जबकि एसआईटी ने इस मामले में 97 गवाह बनाए थे। जांच के बाद 500 पृष्ठों की चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की गई थी।

घटना का संक्षिप्त क्रम

  • 20 सितंबर 2022: पुलकित आर्य ने अंकिता की गुमशुदगी की शिकायत राजस्व पुलिस क्षेत्र में दी।
  • 22 सितंबर 2022: लोगों के दबाव के बाद मामला लक्ष्मण झूला थाने को स्थानांतरित किया गया।
  • 23 सितंबर 2022: पुलकित, सौरभ और अंकित को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
  • 24 सितंबर 2022: अंकिता का शव नहर से बरामद हुआ और उसी दिन एम्स ऋषिकेश में पोस्टमार्टम कराया गया।
  • 26 सितंबर 2022: पुलिस ने क्राइम सीन का पुनर्निर्माण किया।
  • 16 दिसंबर 2022: चार्जशीट दाखिल की गई, जिसमें अनैतिक देह व्यापार की धाराएं भी जोड़ी गईं।
  • 30 मई 2025: अदालत ने तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया।

परिजनों की प्रतिक्रिया

अदालत के इस फैसले के बाद आम जनता ने राहत की सांस ली है। सोशल मीडिया पर फैसले की सराहना की जा रही है और लोग अंकिता के लिए न्याय मिलने को ‘न्याय की जीत’ बता रहे हैं। उत्तराखंड राज्य में यह फैसला नारी सम्मान और न्याय व्यवस्था की पारदर्शिता का प्रतीक बन गया है। फैसले के बाद अंकिता के माता-पिता की आंखों में आंसू थे लेकिन उनमें न्याय की एक झलक दिखाई दी। उनका कहना था, “हमारी बेटी को हम वापस नहीं ला सकते, लेकिन अदालत के इस फैसले से यह साबित हुआ है कि कानून आज भी जीवित है।”

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