उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में सिविल डिफेंस यूनिट बनेगी। जिलाधिकारी को कमांडेंट नियुक्त किया गया है। यह यूनिट आपदा प्रबंधन और नागरिकों की सुरक्षा के लिए काम करेगी। युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।
UP News: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है, जिसके तहत राज्य के सभी 75 जिलों में सिविल डिफेंस यूनिट (Civil Defence Unit) की स्थापना की जाएगी। इस निर्णय का उद्देश्य आपातकालीन परिस्थितियों में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, आपदा प्रबंधन को मजबूत करना और स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर देना है।
क्या है सिविल डिफेंस यूनिट और क्यों है यह ज़रूरी?
सिविल डिफेंस यूनिट, जिसे नागरिक सुरक्षा बल भी कहा जाता है, एक ऐसा संगठन है जो आपातकालीन स्थितियों जैसे प्राकृतिक आपदा, दुर्घटना, या किसी भी तरह के संकट के समय प्रशासन को सहयोग देता है। इसका मुख्य उद्देश्य जान-माल की सुरक्षा करना, लोगों में जागरूकता फैलाना और आपदा के समय राहत कार्यों को अंजाम देना होता है।
यूपी सरकार का यह फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अब तक केवल 24 जिलों में सिविल डिफेंस की व्यवस्था थी, लेकिन अब इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है। इससे उत्तर प्रदेश की आपदा प्रबंधन क्षमता में बड़ा सुधार होगा।
कब और कहां से हुई सिविल डिफेंस की शुरुआत?
उत्तर प्रदेश में सिविल डिफेंस यूनिट की शुरुआत साल 1962 में की गई थी। तब यह केवल 15 जिलों में लागू थी। इसके बाद 2015 में 11 और जिलों में इसका विस्तार किया गया। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शेष 49 जिलों में भी इस सेवा की स्थापना की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
पहले से कार्यरत जिलों में लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर नगर, गाजियाबाद, मेरठ, आगरा, बरेली, झांसी, मुरादाबाद, गोरखपुर, सहारनपुर, मथुरा, बुलंदशहर, नरौरा और पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर (चंदौली) शामिल हैं।
सिविल डिफेंस यूनिट की जिम्मेदारी किसके पास होगी?
सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि हर जिले में जिलाधिकारी (DM) को सिविल डिफेंस यूनिट का कमांडेंट/नियंत्रक बनाया जाएगा। डीएम के नेतृत्व में सिविल डिफेंस के लिए पदों का सृजन, जरूरी भूमि की पहचान और अन्य प्रशासनिक तैयारियां की जाएंगी। इसके लिए मुख्य विकास अधिकारी (CDO) और अपर जिलाधिकारी (ADMs) को भी जिम्मेदारी दी गई है।
किन-किन जिलों में शुरू होगी सिविल डिफेंस यूनिट?
अब जिन 49 जिलों में सिविल डिफेंस यूनिट बनाई जाएगी, उनमें अंबेडकरनगर, अमेठी, औरैया, उन्नाव, बहराइच, बाराबंकी, बलिया, बिजनौर, बदायूं, चित्रकूट, देवरिया, एटा, इटावा, फतेहपुर, हरदोई, हाथरस, जालौन, जौनपुर, कन्नौज, अमरोहा, कासगंज, कानपुर देहात, गौतमबुद्धनगर, गाजीपुर, हापुड़, हमीरपुर, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, कुशीनगर, कौशांबी, महोबा, मैनपुरी, महाराजगंज, मऊ, पीलीभीत, प्रतापगढ़, रामपुर, रायबरेली, संभल, संत रविदास नगर, संत कबीर नगर, शाहजहांपुर, शामली, सीतापुर, श्रावस्ती, सोनभद्र, सुल्तानपुर, सिद्धार्थनगर और बलरामपुर शामिल हैं।
सिविल डिफेंस यूनिट का काम क्या होता है?
सिविल डिफेंस यूनिट का मुख्य उद्देश्य आपातकालीन स्थिति में नागरिकों की मदद करना है। इसके तहत 12 प्रमुख सेवाएं बनाई गई हैं:
- मुख्यालय सेवा
- हताहत सेवा (Casualty Service)
- बचाव सेवा (Rescue Service)
- शव निस्तारण सेवा (Dead Body Disposal)
- संचार सेवा (Communication Service)
- अग्निशमन सेवा (Fire Fighting Service)
- कल्याण सेवा (Welfare Service)
- साल्वेज सेवा (Salvage Service)
- लावारिस संपत्तियों की सुरक्षा (Unclaimed Property Protection)
- वार्डेन सेवा (Warden Service)
- प्रशिक्षण सेवा (Training Service)
- पूर्ति सेवा और डिपो/परिवहन सेवा (Supply and Transport)
इन सभी सेवाओं का मकसद संकट की घड़ी में त्वरित और प्रभावी राहत पहुंचाना, जान-माल की रक्षा करना और उत्पादन को बनाए रखना है।
सिविल डिफेंस का फायदा किन्हें होगा?
इस व्यवस्था से सबसे बड़ा फायदा उन जिलों को होगा, जहां प्राकृतिक आपदाओं, दुर्घटनाओं या अन्य आपातकालीन परिस्थितियों में पहले संसाधनों की कमी थी। खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में यह व्यवस्था बड़ा सहारा बनेगी।
साथ ही, स्थानीय युवाओं के लिए यह एक बेहतरीन मौका है, क्योंकि उन्हें सिविल डिफेंस के तहत प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर मिलेंगे।