कांग्रेस ने झारखंड के मुसाबनी प्रखंड अध्यक्ष मो. मुस्तकीम को भाजपा प्रत्याशी के समर्थन के आरोप में निष्कासित कर दिया। तस्वीरों और सबूतों के आधार पर यह संगठनात्मक कार्रवाई की गई।
Jharkhand Politics: झारखंड की राजनीति में हलचल उस वक्त तेज हो गई जब कांग्रेस पार्टी ने अपने एक स्थानीय नेता को पार्टी से निष्कासित कर दिया। मामला है पूर्वी सिंहभूम जिले के मुसाबनी प्रखंड अध्यक्ष मोहम्मद मुस्तकीम का, जिन पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार को समर्थन देने का गंभीर आरोप है। कांग्रेस ने इस पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से न केवल पद से हटाया, बल्कि पार्टी से भी बाहर कर दिया।
किस बात को लेकर हुआ विवाद?
यह पूरा मामला झारखंड के पिछले विधानसभा चुनावों से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि मोहम्मद मुस्तकीम ने उस समय कांग्रेस के गठबंधन प्रत्याशी रामदास सोरेन का विरोध करते हुए, भाजपा के प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन के लिए प्रचार किया और उनके पक्ष में काम किया। यह कांग्रेस की पार्टी लाइन के खिलाफ था।
पार्टी के कुछ स्थानीय नेताओं ने इसकी शिकायत की थी और सबूतों के तौर पर कुछ तस्वीरें भी पेश की गईं, जिनमें मुस्तकीम को भाजपा प्रत्याशी के साथ देखा गया। यही नहीं, उनके भाजपा की बैठक में शामिल होने की बात भी सामने आई।
कांग्रेस की कार्रवाई
पूर्वी सिंहभूम जिला कांग्रेस के कार्यकारी ग्रामीण अध्यक्ष अमित राय ने यह कार्रवाई की। उन्होंने मुस्तकीम को एक पत्र जारी कर इस बात की पुष्टि की कि उनके कृत्य पार्टी विरोधी थे और इसके चलते उन्हें तत्काल प्रभाव से पद से मुक्त किया जा रहा है और कांग्रेस पार्टी से निष्कासित किया जा रहा है।
अमित राय ने अपने पत्र में लिखा, आपके क्रियाकलाप विगत विधानसभा चुनाव में पार्टी हितों के विरुद्ध रहे हैं। आपने गठबंधन के उम्मीदवार के खिलाफ भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन के पक्ष में प्रचार किया, जो प्रमाणित हो चुका है।
इस पत्र की एक-एक कॉपी कांग्रेस के अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी को भी भेजी गई है, ताकि आगे संगठनात्मक स्तर पर इस निर्णय को दर्ज किया जा सके।
भाजपा के साथ संबंधों के पुख्ता सबूत
जिला कांग्रेस के नेताओं ने मुस्तकीम के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए भाजपा प्रत्याशी के साथ उनकी कई तस्वीरें, सार्वजनिक कार्यक्रमों में भागीदारी और चुनाव प्रचार के वीडियो फुटेज तक सौंपे थे। ये सबूत यह साबित करने के लिए पर्याप्त थे कि उन्होंने पार्टी लाइन का उल्लंघन किया है।
कांग्रेस के प्रवक्ता शमशेर खान ने भी इस पूरे मामले की पुष्टि करते हुए कहा, संगठन ने अपने सिद्धांतों से समझौता करने वालों के खिलाफ हमेशा कड़ा रुख अपनाया है। मुस्तकीम की निष्कासन प्रक्रिया इसी का उदाहरण है।