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कोविड का नया वैरिएंट JN.1: खतरा या सामान्य? जानिए डॉक्टरों की चेतावनी

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कोरोना वायरस एक बार फिर चर्चा में है, इस बार वजह है इसका वेरिएंट JN.1। पिछले एक साल में भारत में पहली बार कोरोना के इतने एक्टिव केस देखने को मिले हैं। कुल 257 सक्रिय मामलों ने एक बार फिर लोगों को सतर्क कर दिया है। हालांकि विशेषज्ञों की मानें, तो घबराने की कोई जरूरत नहीं है।

Covid JN 1: कोरोना वायरस एक बार फिर एशिया के कुछ हिस्सों में दस्तक दे रहा है, और भारत में भी पिछले एक साल में सबसे ज्यादा 257 सक्रिय केस दर्ज किए गए हैं। इससे लोगों में चिंता जरूर बढ़ी है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। AIIMS के विशेषज्ञ और कोरोना वैक्सीन ट्रायल के प्रमुख डॉक्टर संजय रॉय का कहना है कि मौजूदा वेरिएंट JN.1 कोई नया वायरस नहीं है, बल्कि यह एक साल पुराना वेरिएंट है और अब तक की वैज्ञानिक समझ के अनुसार यह महज कॉमन कोल्ड की तरह है। 

टेस्टिंग बढ़ने के कारण अब अधिक पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं। डॉ. रॉय बताते हैं कि कोरोना वायरस फैमिली में हजार से ज्यादा वेरिएंट हैं, लेकिन इंसानों को प्रभावित करने वाले सिर्फ सात प्रमुख वायरस हैं। 2002 तक यह वायरस मामूली माना जाता था, पर पिछले दो दशकों में SARS, MERS और अब कोविड-19 जैसे घातक वेरिएंट सामने आए। हालांकि, वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है और स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी आश्वस्त किया है कि घबराने की कोई बात नहीं है।

JN.1: कौन है यह नया ‘खिलाड़ी’?

JN.1 असल में कोई बिल्कुल नया वेरिएंट नहीं है, बल्कि यह ओमिक्रॉन के BA.2.86 उप-वेरिएंट से जुड़ा है। इसे अगस्त 2023 में पहली बार पहचाना गया था। इसमें लगभग 30 म्यूटेशन (परिवर्तन) हुए हैं, जो इसे शरीर की इम्युनिटी को चकमा देने में थोड़ा सक्षम बनाते हैं। विदेशों में यह तेजी से फैला है – विशेषकर सिंगापुर और हॉन्ग कॉन्ग में – जहां कोविड के केसों में एक बार फिर से उछाल देखने को मिला है।

लक्षण 

JN.1 के लक्षण पुराने वेरिएंट्स से बहुत अलग नहीं हैं। इसमें मुख्यतः देखे गए लक्षण हैं:

  • सूखी खांसी
  • नाक बहना या बंद होना
  • सिरदर्द
  • गले में खराश
  • हल्का बुखार
  • थकान या कमजोरी
  • स्वाद और गंध का चले जाना
  • डायरिया (इस वेरिएंट में अधिक देखा गया है)

हालांकि, अब तक के मामलों में इन लक्षणों की तीव्रता हल्की ही रही है और अधिकांश लोग घर पर ही ठीक हो रहे हैं।

दिल्ली और भारत में क्या स्थिति है?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, 12 मई 2025 के बाद से 164 नए कोविड मामले सामने आए हैं। दिल्ली में 5 सक्रिय मामले हैं, जिनमें से 3 हाल के दिनों में दर्ज हुए हैं। केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु इस समय सबसे अधिक प्रभावित राज्य हैं। हालांकि, इन मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी है।

विशेषज्ञ क्या कहते हैं?

AIIMS के कम्युनिटी मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. संजय रॉय का कहना है कि, JN.1 कोई नया वेरिएंट नहीं है। यह एक साल पुराना है और अब तक इसके कोई गंभीर परिणाम सामने नहीं आए हैं। हम सिर्फ इसलिए पॉजिटिव केस देख रहे हैं क्योंकि अब फिर से टेस्टिंग हो रही है। यह वेरिएंट सामान्य सर्दी जैसा ही है।उन्होंने आगे कहा कि कोविड को लेकर चर्चा हमेशा वैज्ञानिक दृष्टिकोण से होनी चाहिए, न कि सोशल मीडिया अफवाहों के आधार पर।

डॉ. जुगल किशोर, सफदरजंग अस्पताल से जुड़े सामुदायिक चिकित्सा विशेषज्ञ, ने कहा कि भले ही फिलहाल खतरा नहीं दिखता, लेकिन सर्विलांस जरूरी है। हमें वायरस के व्यवहार पर नजर रखनी चाहिए ताकि कोई नया बदलाव होने पर तुरंत कार्रवाई हो सके।

जीनोम सिक्वेंसिंग और निगरानी की स्थिति

दिल्ली में अब जीनोम सिक्वेंसिंग का कार्य फिलहाल ठप है। एक विशेषज्ञ के अनुसार, JN.1 पहले भी सिक्वेंसिंग में मिल चुका है। यह नया नहीं है, बस अब ज्यादा चर्चा में है क्योंकि कुछ केस बढ़े हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक नए मामलों की संख्या नहीं बढ़ती, सिक्वेंसिंग को दोबारा शुरू करना मुश्किल है। हालांकि, निगरानी बनाए रखने की सिफारिश की जा रही है।

सिंगापुर में एक सप्ताह के भीतर कोविड केस 28% बढ़े हैं। हॉन्ग कॉन्ग में मई के पहले सप्ताह में 1,000+ केस और 31 मौतें हुई हैं – जो पिछले एक साल की सबसे बड़ी संख्या है। इससे यह संकेत मिलते हैं कि वायरस अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है और समय-समय पर उछाल दे सकता है।

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