बिहार के भागलपुर में बीपीएससी के 32 शिक्षकों ने इस्तीफा दिया है। ये सभी शिक्षक TRE-1 और TRE-2 से त्यागपत्र देकर अब TRE-3 के तहत नए पदों पर योगदान देने जा रहे हैं।
Bihar News: बिहार के भागलपुर जिले से बड़ी खबर सामने आई है। BPSC (Bihar Public Service Commission) द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा TRE-3 में चयनित होने के बाद जिले के 32 शिक्षकों ने अपने पुराने पदों से इस्तीफा दे दिया है। यह संख्या लगातार बढ़ रही है और शिक्षा विभाग के अनुसार यह प्रक्रिया TRE-3 की नई नियुक्तियों का हिस्सा है।
TRE-3 में शामिल होने के लिए छोड़ा पुराना पद
भागलपुर के शिक्षा विभाग के मुताबिक, ये 32 शिक्षक पहले TRE-1 और TRE-2 के तहत कार्यरत थे। लेकिन TRE-3 में चयन होने के बाद इन्होंने अपने पुराने पदों से त्यागपत्र देकर नए स्कूलों में योगदान की तैयारी शुरू कर दी है।
शिक्षा विभाग के डीपीओ (स्थापना) देवनारायण पंडित ने जानकारी दी कि TRE-3 के तहत जिले में कुल 961 शिक्षकों को नियुक्त किया जाना है। इनमें से अब तक 332 शिक्षक नए स्कूलों में योगदान कर चुके हैं।
विशेष शिक्षक भी हुए शामिल
इस लिस्ट में केवल सामान्य शिक्षक ही नहीं बल्कि 8 विशिष्ट शिक्षक भी शामिल हैं जिन्होंने TRE-3 में जॉइन करने के लिए अपना इस्तीफा सौंपा है। यह दर्शाता है कि TRE-3 की नियुक्तियां पहले की तुलना में बेहतर मानी जा रही हैं, चाहे वह वेतन हो या पदस्थापन की स्थिति।
गर्मी की छुट्टियों में अतिथि शिक्षकों की सेवा नवीकरण की मांग
इसी बीच भागलपुर के नाथनगर क्षेत्र से एक और शिक्षा से जुड़ी खबर सामने आई है। यहां TMBU (तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय) के अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. आनंद आजाद ने कुलपति और कुलसचिव को पत्र लिखकर एक अहम मांग रखी है।
उन्होंने कहा कि इस बार 21 मई से 20 जून तक घोषित ग्रीष्मावकाश के दौरान ही अतिथि शिक्षकों की सेवा नवीकरण की प्रक्रिया पूरी की जाए ताकि 21 जून से नई सत्र के साथ ही वे दोबारा अपनी सेवाएं शुरू कर सकें।
डॉ. आजाद के अनुसार, पहले यह प्रक्रिया 1 जून से 30 जून तक होती थी, लेकिन इस साल छुट्टियों की तारीखों में बदलाव हुआ है। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन को चाहिए कि समय रहते प्रक्रिया पूरी कर ले ताकि शिक्षकों को किसी असमंजस या रोजगार संकट का सामना न करना पड़े।
BPSC शिक्षक इस्तीफे पर क्या बोले अधिकारी?
TRE-3 के तहत पदभार ग्रहण करने जा रहे शिक्षकों के इस्तीफे को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से साफ किया गया है कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है। जब कोई शिक्षक नए और बेहतर पद पर नियुक्त होता है, तो वह स्वाभाविक रूप से अपना पुराना पद छोड़ता है।
अधिकारियों का कहना है कि इस प्रक्रिया से शिक्षा व्यवस्था पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा, बल्कि इससे योग्य शिक्षकों को बेहतर अवसर मिलेंगे।