Chicago

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की नई पहल, स्कूलों में होगा भारतीय भाषा समर कैंप

🎧 Listen in Audio
0:00

देशभर के सरकारी व निजी स्कूलों में 'भारतीय भाषा समर कैंप' आयोजित होगा। इसमें बच्चों को मातृभाषा के साथ एक या दो अन्य भारतीय भाषाएं रोचक गतिविधियों के ज़रिए सिखाई जाएंगी।

New Delhi: भारत की भाषायी विविधता को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने एक अनोखी पहल की है। अब इस गर्मी की छुट्टियों में देशभर के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में 'भारतीय भाषा समर कैंप' आयोजित किया जाएगा। इस समर कैंप में छात्रों को न केवल अपनी मातृभाषा, बल्कि एक या दो अन्य भारतीय भाषाएं भी सिखाई जाएंगी।

क्या है 'भारतीय भाषा समर कैंप'?

'भारतीय भाषा समर कैंप' एक सप्ताह का विशेष कार्यक्रम होगा जिसमें छात्रों को भारतीय भाषाओं से जोड़ा जाएगा। यह कैंप खेल, सांस्कृतिक गतिविधियों और संवादात्मक तरीकों से छात्रों को भाषाएं सिखाएगा, जिससे भाषा सीखना एक रोमांचक अनुभव बनेगा। यह समर कैंप राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत त्रिभाषा फार्मूले को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।

हर दिन 4 घंटे की क्लास, अंतिम दिन मिलेगा प्रमाण पत्र

इस एक हफ्ते के कैंप के दौरान रोज़ाना चार घंटे की गतिविधियों का आयोजन होगा, जिसमें कुल 28 घंटे का प्रशिक्षण मिलेगा। कैंप के अंत में छात्रों को एक प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा, जो उनकी भागीदारी और भाषा सीखने की उपलब्धि को दर्शाएगा।

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की शुरुआत

इस समर कैंप की औपचारिक शुरुआत केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की। उन्होंने कहा कि भाषा को राजनीति का माध्यम नहीं बल्कि एकजुटता का सेतु बनाना चाहिए। धर्मेंद्र प्रधान ने इस पहल को बिहार की जिया कुमारी को समर्पित किया, जिसने तमिलनाडु में रहकर तमिल भाषा में बारहवीं की परीक्षा दी और 100 में से 93 अंक प्राप्त किए। उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि देश के बच्चे एक से अधिक भारतीय भाषाएं सीखें, ताकि वे कहीं भी काम कर सकें और हर राज्य से जुड़ाव महसूस करें।"

14.5 लाख स्कूलों में होगा आयोजन

इस कैंप का आयोजन देश के 14.5 लाख स्कूलों में किया जाएगा, जिससे 25 करोड़ से अधिक छात्रों और 98 लाख शिक्षकों को लाभ मिलेगा। इस प्रयास का उद्देश्य भाषा के जरिए राष्ट्रीय एकता और आपसी समझ को बढ़ाना है।

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत की विविधता उसकी ताकत है। उन्होंने इस मौके पर यह भी कहा कि शिक्षकों को भी अलग-अलग राज्यों में जाने का अवसर मिलता है, जिससे बहुभाषी होना उनके लिए फायदेमंद होता है।

AI और Machine Learning की भी पढ़ाई शुरू करने के निर्देश

भाषा के साथ-साथ शिक्षा मंत्रालय ने तकनीकी शिक्षा को भी बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाया है। प्रधान ने केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय संगठन को निर्देश दिए हैं कि इसी सत्र से छात्रों को AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और Machine Learning (ML) की पढ़ाई शुरू करवाई जाए। इसके लिए पाठ्यक्रम को भारतीय भाषाओं में तैयार करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

छात्रों को सिखाई जाएंगी ऐतिहासिक धरोहरों की कहानियां

इस पहल के साथ अब छात्रों को श्रीराम मंदिर, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, नया संसद भवन, बाबा साहेब अम्बेडकर के स्मारक जैसी ऐतिहासिक परियोजनाओं की जानकारियां भी उनकी अपनी भाषा में मिलेंगी। NCERT द्वारा तैयार की गई 26 भाषाओं में भाषाई प्रवेशिकाएं और लर्निंग मॉड्यूल छात्रों को भारत की समृद्ध विरासत से परिचित कराएंगे।

Leave a comment