Chicago

रात में बार-बार डरावने सपने क्यों आते हैं? जानें कारण और उपाय

🎧 Listen in Audio
0:00

बुरे सपने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का संकेत हो सकते हैं, इसलिए उन्हें अंधविश्वास से न जोड़ें। उनकी असल वजह को जानकर आप सही कदम उठा सकते हैं और बेहतर नींद पा सकते हैं। क्या आपने कभी महसूस किया है कि आप रात में ठीक से सो नहीं पा रहे, क्योंकि बार-बार डरावने या अजीब सपने आपको डरा देते हैं? या कभी ऐसा हुआ कि नींद से जागने के बाद भी सपना मन से निकल ही नहीं रहा? अगर हां, तो ये समस्या मामूली नहीं है। 

हम में से बहुत से लोग इन सपनों को अंधविश्वास या मन का भ्रम मान लेते हैं, जबकि सच्चाई यह है कि ये बुरे सपने हमारे शरीर और दिमाग से जुड़ी गंभीर परेशानियों का संकेत भी हो सकते हैं।

नींद की कमी और गलत दिनचर्या

आजकल की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में नींद लेना जैसे एक ज़रूरी काम नहीं बल्कि एक ऑप्शन बन गया है। लोग देर रात तक मोबाइल, लैपटॉप या टीवी देखते रहते हैं। बहुत से लोग ऑफिस का काम या सोशल मीडिया स्क्रॉल करते हुए 12 बजे के बाद ही सोते हैं। सुबह फिर अलार्म से जल्दी उठना पड़ता है। नतीजा – नींद पूरी नहीं होती।

जब हमारी नींद अधूरी रहती है, तो दिमाग को आराम नहीं मिलता। हमारा दिमाग दिनभर की बातों और यादों को नींद के दौरान सुलझाता है। अगर नींद पूरी न हो, तो दिमाग ठीक से काम नहीं कर पाता और अवचेतन मन में डर, उलझन और चिंता वाले विचार हावी हो जाते हैं। यही विचार बुरे और डरावने सपनों का कारण बनते हैं।

अगर आप भी रोज़ाना बुरे सपने देख रहे हैं, तो एक बार अपनी नींद की आदतों पर ध्यान दें। रोज़ कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लें। सोने से पहले मोबाइल या टीवी जैसी चीज़ों से दूर रहें। इससे दिमाग को शांत होने का समय मिलेगा और आपकी नींद भी गहरी होगी। गहरी और पूरी नींद ही बुरे सपनों से सबसे अच्छा बचाव है।

मानसिक तनाव और अवसाद: बुरे सपनों की बड़ी वजह

सबसे पहली और आम वजह है मानसिक तनाव (Stress) या अवसाद (Depression)। जब दिमाग में बहुत सारे विचार होते हैं, चिंता होती है या कोई दुख अंदर ही अंदर हमें खा रहा होता है, तो यह सब हमारे सपनों में उभर कर आता है।

डिप्रेशन, बाइपोलर डिसऑर्डर या सिज़ोफ्रेनिया जैसी मानसिक बीमारियों से जूझ रहे लोगों को डरावने सपने ज़्यादा आते हैं। ऐसे लोग अक्सर नींद में भी बेचैनी महसूस करते हैं और सुबह उठने के बाद भी थका-थका महसूस करते हैं। दिमाग शांत न होने पर हमारा अवचेतन मन (subconscious mind) सपनों के जरिए उन डर और उलझनों को दिखाता है, जो हम दिन में सोचते रहते हैं।

इसलिए अगर आपको अक्सर बुरे सपने आते हैं, तो इसे हल्के में न लें। किसी अच्छे मनोचिकित्सक से मिलकर काउंसलिंग लें। इससे आपको असली कारण पता चलेगा और सही इलाज मिल सकेगा।

दिल की बीमारी और दवाओं का असर

कई बार बुरे सपने केवल मानसिक तनाव या डर की वजह से नहीं आते, बल्कि इसके पीछे शरीर की कुछ गंभीर बीमारियां भी जिम्मेदार हो सकती हैं। खासकर दिल से जुड़ी समस्याएं यानी हृदय रोग (Heart Disease) बुरे और डरावने सपनों का कारण बन सकती हैं। जब दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है या ब्लड प्रेशर तेजी से ऊपर-नीचे होता है, तो व्यक्ति को घबराहट, बेचैनी और सांस लेने में दिक्कत महसूस हो सकती है। यह सारी स्थितियां नींद के दौरान दिमाग पर असर डालती हैं, जिससे डरावने सपने आने लगते हैं।

इसके अलावा कुछ दवाएं भी बुरे सपनों की वजह बन सकती हैं। डिप्रेशन, पार्किंसन, या दिल की बीमारियों में दी जाने वाली कुछ दवाएं सीधे दिमाग के न्यूरो सिस्टम को प्रभावित करती हैं। इन दवाओं का असर नींद की गहराई पर भी पड़ता है, जिससे नींद पूरी नहीं होती और बीच-बीच में डरावने सपनों से नींद टूट जाती है।

अगर आपको लगता है कि किसी दवा के शुरू होने के बाद से ही बुरे सपने आने लगे हैं, तो इसे हल्के में न लें। अपने डॉक्टर से जरूर चर्चा करें। डॉक्टर आपकी दवा की डोज़ या विकल्प बदलकर इस समस्या से राहत दिला सकते हैं।

खराब डाइट और देर रात खाना

अगर आपको रात में बार-बार बुरे सपने आते हैं, तो इसकी एक वजह आपकी डाइट भी हो सकती है। खासकर रात में भारी भोजन करना या तला-भुना खाना, नींद की गुणवत्ता को बिगाड़ सकता है। जब हम देर रात भारी खाना खाते हैं, तो शरीर का मेटाबॉलिज्म तेज हो जाता है और पाचन क्रिया में दिमाग भी एक्टिव रहता है। इस वजह से नींद गहरी नहीं होती और बीच-बीच में डरावने या अजीब सपनों से नींद टूटती है।

इसलिए कोशिश करें कि रात का खाना हल्का और सुपाच्य हो। दाल-चावल, खिचड़ी, सूप या उबली सब्जियों जैसा भोजन आपके लिए बेहतर रहेगा। साथ ही, डिनर और सोने के बीच कम से कम दो घंटे का अंतर जरूर रखें। इससे पाचन ठीक रहेगा, दिमाग शांत रहेगा और नींद भी गहरी आएगी। जब नींद अच्छी होगी, तो बुरे सपनों की समस्या अपने आप कम हो जाएगी।

बुरे सपनों से बचने के आसान और असरदार उपाय

बुरे सपने कई बार हमारी नींद खराब कर देते हैं और अगली सुबह थकान, चिड़चिड़ापन और तनाव का कारण बनते हैं। हालांकि ये सपने आम होते हैं, लेकिन अगर ये बार-बार आने लगें तो हमें अपनी दिनचर्या और नींद से जुड़ी कुछ आदतों में बदलाव करना ज़रूरी हो जाता है।

  • सोने और जागने का एक तय समय रखें: हर दिन एक ही समय पर सोने और उठने की आदत बनाएं। इससे आपके शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक यानी जैविक घड़ी सही तरीके से काम करती है। जब शरीर को सही समय पर नींद मिलती है, तो गहरी और शांत नींद आती है जिससे बुरे सपने आने की संभावना कम हो जाती है।
  • योग और ध्यान से पाएं मानसिक शांति: रोजाना 15 से 20 मिनट ध्यान, प्राणायाम या योग करें। यह दिमाग को शांत करता है और पूरे दिन के तनाव को कम करने में मदद करता है। मन जितना शांत होगा, नींद उतनी ही सुकून भरी होगी और डरावने सपनों से बचाव होगा।
  • सोने से पहले करें रिलैक्सिंग एक्टिविटी: रात को सोने से पहले हल्का संगीत सुनना, किताब पढ़ना या गहरी सांस लेना यानी डीप ब्रीदिंग करना बहुत फायदेमंद होता है। इससे दिनभर की भागदौड़ और चिंता से मन को राहत मिलती है और नींद में बाधा नहीं आती।
  • खानपान में करें बदलाव: रात को बहुत भारी खाना खाने से बचें। हल्का और सुपाच्य भोजन लें। ज्यादा कैफीन (जैसे- चाय, कॉफी) और मीठा खाना भी रात में नींद को खराब कर सकता है। इससे बुरे सपनों की आशंका बढ़ सकती है।
  • लगातार बुरे सपने आएं तो डॉक्टर से मिलें: अगर यह समस्या बार-बार हो रही है और आपकी नींद हर रोज खराब हो रही है, तो किसी मनोचिकित्सक या नींद विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। वे आपकी समस्या को समझकर सही इलाज या सुझाव दे सकते हैं।

बुरे सपने आना आम बात हो सकती है, लेकिन अगर यह रोज-रोज हो रहा है, तो यह आपके मानसिक या शारीरिक स्वास्थ्य की ओर इशारा करता है। इसे नजरअंदाज करना भविष्य में गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप समय रहते इसका इलाज करें।

Leave a comment