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छात्रों ने मास्टर साहब से ट्यूशन फीस लौटाने की मांग की, वजह बनी ChatGPT से तैयार नोट्स

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अमेरिका की नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी की एक छात्रा ने अपने प्रोफेसर को ChatGPT से नोट्स बनाने में व्यस्त पाया, जिसके बाद उसने अपनी ट्यूशन फीस वापस मांगी है। जहां कई जगह छात्रों पर एआई का उपयोग करने पर पाबंदी लगाई जा रही है, वहीं अब छात्र भी शिक्षकों से ऐसे ही 'नो एआई यूज' नियम लागू करने की मांग करने लगे हैं।

2022 के अंत में ChatGPT के लॉन्च होते ही दुनिया भर के शिक्षकों के बीच चिंता बढ़ने लगी कि छात्र एआई की मदद से नकल कर सकते हैं। स्कूल-कॉलेजों ने सख्त नियम बनाए कि छात्र एआई टूल्स का इस्तेमाल नहीं करेंगे। होमवर्क और निबंध खुद लिखना जरूरी बताया गया, अन्यथा कड़ी कार्रवाई का सामना करना होगा। लेकिन सवाल ये उठता है — अगर शिक्षक ही ChatGPT का सहारा लें तो क्या होगा?

अमेरिका की नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी की एक छात्रा ने प्रोफेसर को ChatGPT से नोट्स तैयार करते हुए देखा और अब ट्यूशन फीस वापसी की मांग कर रही है। जहां छात्रों पर एआई उपयोग पर पाबंदी लगाई जा रही है, वहीं अब छात्र भी शिक्षकों से “नो एआई यूज” का पालन करने की अपेक्षा करने लगे हैं।

कैसे हुआ खुलासा?

Ella Stapleton, जो नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी में बिजनेस की छात्रा हैं, ने अपने "Organisational Behaviour" क्लास के नोट्स में एक अजीब सी बात देखी। नोट्स में लिखा था: “expand on all areas. Be more detailed and specific.” जो साफ-साफ ChatGPT का प्रॉम्प्ट था। Ella ने न्यूयॉर्क टाइम्स से कहा, “मुझे लगा कि क्या मेरे प्रोफेसर ने ChatGPT से कॉपी-पेस्ट कर दिया है?” इसके बाद उन्होंने और गहराई से जांच की, जहाँ उन्हें स्लाइड्स और असाइनमेंट्स में AI-जनरेटेड इमेजेज, टूटी हुई फॉन्ट्स और स्पेलिंग की गलतियां भी नजर आईं।

$8,000 ट्यूशन फीस की वापसी की मांग

Ella ने यूनिवर्सिटी के बिजनेस स्कूल में औपचारिक शिकायत दर्ज कर उस कोर्स की ट्यूशन फीस $8,000 (करीब 6.5 लाख रुपये) वापस मांगी। उनका तर्क था, “अगर छात्रों को एआई का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाता, तो प्रोफेसर को इसकी अनुमति क्यों दी जाए?”

छात्रों में बढ़ती नाराजगी

अब ये मामला एक छात्र तक सीमित नहीं रहा। ‘Rate My Professors’ जैसी प्लेटफॉर्म्स पर कई छात्र शिक्षकों की शिकायत कर रहे हैं कि वे AI-generated स्लाइड्स, रोबोटिक फीडबैक और उबाऊ लेक्चर्स दे रहे हैं, जो मानो ChatGPT की आवाज़ हों।

शिक्षकों की तरफ से बचाव

शिक्षक कहते हैं कि AI टूल्स उनके काम को सरल और तेज़ बनाते हैं, लेकिन छात्रों का कहना है कि अगर एआई का उपयोग हो रहा है तो उन्हें इसकी पूरी जानकारी दी जाए।

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