गूगल ने अपनी नई रिपोर्ट में बताया कि कैसे एआई तकनीक सर्च में घोटालों का पता लगाने और उन्हें रोकने में प्रभावी साबित हो रही है, जिससे यूज़र्स को सुरक्षित ऑनलाइन अनुभव मिलता है।
टेक्नोलॉजी: गूगल ने हाल ही में एक नई रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि वह कैसे अपने उत्पादों, जैसे कि सर्च, क्रोम और एंड्रॉयड में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल कर रहा है ताकि ऑनलाइन घोटालों से निपटा जा सके। रिपोर्ट में यह बताया गया है कि गूगल AI की मदद से पहले अनदेखे घोटालों का पता लगाने और उन्हें रोकने में सक्षम हो गया है।
विशेष रूप से, क्रोम ब्राउज़र में गूगल ने एक नया जेमिनी नैनो AI मॉडल लागू किया है, जो वेबसाइट-आधारित घोटालों का पता लगाने में मदद करता है। गूगल का मानना है कि इस तकनीक से यूज़र्स को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाने में बड़ी मदद मिल रही है।
गूगल AI-संचालित स्कैम डिटेक्शन सिस्टम से घोटालों का मुकाबला कर रहा है
गूगल ने अपनी AI-आधारित स्कैम डिटेक्शन तकनीक को और भी बेहतर किया है, जिससे अब यह अधिक प्रभावी तरीके से वेबसाइट-आधारित घोटालों का पता लगा सकता है। इस प्रणाली के माध्यम से गूगल ने पाया कि एयरलाइन ग्राहक सेवा को धोखा देने वाले स्कैमर्स की संख्या बढ़ रही थी। AI तकनीक का उपयोग करके गूगल ने इन घोटालों का समय रहते पता लगा लिया और उन्हें रोकने में मदद की। इसके परिणामस्वरूप, गूगल ने इन घोटालों में 80% से अधिक की कमी लाई है। अब, यह तकनीक यूज़र्स को किसी धोखाधड़ी वाली वेबसाइट पर जाने से पहले ही चेतावनी दे देती है, जिससे उनका डेटा और व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित रहती है।
गूगल का यह AI-संचालित स्कैम डिटेक्शन सिस्टम अब पहले से कहीं ज्यादा स्मार्ट हो गया है। यह सिस्टम वेबसाइटों के कंटेंट और उनके ट्रैफिक को सही तरीके से जांचने में सक्षम है, जिससे धोखाधड़ी वाली साइट्स को जल्दी से पहचान लिया जाता है। गूगल ने इस प्रणाली को लगातार अपडेट किया है ताकि वह नए प्रकार के घोटालों का भी पता लगा सके। इसके अलावा, इस सिस्टम के माध्यम से यूज़र्स को धोखाधड़ी से बचाने के लिए गूगल पहले ही उन साइट्स को सर्च रिजल्ट्स में न दिखाकर उन्हें डि-रैंक कर देता है। यह कदम यूज़र्स को बिना किसी परेशानी के सुरक्षित ऑनलाइन अनुभव देने में मदद करता है।
गूगल ने क्रोम और एंड्रॉयड में सुरक्षा फीचर्स को और भी मजबूत किया है
गूगल ने अपने क्रोम ब्राउज़र को और सुरक्षित बनाने के लिए कई नए फीचर्स जोड़े हैं। अब, क्रोम डेस्कटॉप पर एक नई तकनीक, जेमिनी नैनो मॉडल का उपयोग करता है, जो वेबसाइटों को और बेहतर तरीके से स्कैन करके घोटालों का पता लगाता है। इस तकनीक की मदद से वह उन घोटालों को भी पहचान सकता है, जो पहले अनदेखे रह जाते थे। इसके अलावा, गूगल ने एंड्रॉयड डिवाइसों के लिए भी एक नई सुरक्षा सुविधा पेश की है। यदि क्रोम किसी वेबसाइट से घोटाले का संकेत पहचानता है, तो वह तुरंत "संभावित घोटाला" का लेबल दिखाता है। इससे उपयोगकर्ता जल्दी से सतर्क हो सकते हैं और अपनी ऑनलाइन सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकते हैं।
गूगल सर्च में घोटालों की पहचान अब और बेहतर
गूगल ने अपने सर्च इंजन में AI तकनीक को और अधिक प्रभावी तरीके से जोड़ा है। इसके जरिए अब वह घोटालों से जुड़ी वेबसाइटों को पहले से पहचान सकता है और उन्हें सर्च रिजल्ट्स से हटा सकता है। इसका मतलब यह है कि यूज़र्स को धोखाधड़ी वाली साइट्स पर जाने से पहले ही चेतावनी मिल जाती है। गूगल का कहना है कि नए अपडेट के बाद अब वह पहले से 20 गुना ज्यादा घोटालों का पता लगा सकता है। यह सुधार यूज़र्स को ऑनलाइन सुरक्षा देने में मदद करता है और उन्हें धोखाधड़ी से बचाने के लिए एक अहम कदम साबित हो सकता है।
एंड्रॉयड पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए नए फीचर्स
गूगल ने एंड्रॉयड डिवाइसों में एक नया सुरक्षा फीचर जोड़ा है, जो यूज़र्स को घोटालों से बचाने में मदद करेगा। अब, जब भी कोई वेबसाइट घोटाले से संबंधित होती है, तो यूज़र को एक चेतावनी दिखाई जाती है। इसके बाद, यूज़र्स को यह तय करने का विकल्प मिलता है कि क्या वे वेबसाइट पर जाना जारी रखना चाहते हैं या नहीं। अगर वे समझते हैं कि चेतावनी गलत है, तो वे उस वेबसाइट को भविष्य में अनुमति भी दे सकते हैं। यह फीचर खासकर उन यूज़र्स के लिए उपयोगी है जो नई वेबसाइट्स का दौरा करते हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि वे सुरक्षित हैं। गूगल का यह कदम यूज़र्स को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाने का एक और महत्वपूर्ण तरीका है।
गूगल का भविष्य में AI और सुरक्षा के लिए लक्ष्य
गूगल ने अपने यूज़र्स की ऑनलाइन सुरक्षा को और बेहतर बनाने का संकल्प लिया है। वह आने वाले समय में अपनी AI तकनीक का इस्तेमाल करके और भी कई प्रकार के घोटालों से निपटने के नए तरीके विकसित करेगा। गूगल का उद्देश्य है कि AI की मदद से वह धोखाधड़ी, साइबर क्राइम, और अन्य ऑनलाइन खतरों को पहले से पहचान सके और यूज़र्स को इनसे बचा सके। इसके अलावा, गूगल की योजना है कि वह अपनी AI तकनीकों को एंड्रॉयड डिवाइसों में भी लागू करेगा ताकि मोबाइल यूज़र्स को भी सुरक्षित रखा जा सके।
गूगल का यह कदम यूज़र्स के ऑनलाइन अनुभव को सुरक्षित और परेशानी-मुक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। कंपनी का लक्ष्य यह है कि AI तकनीक के माध्यम से वह यूज़र्स को अधिक सुरक्षा प्रदान करे और उनके डिजिटल जीवन को और अधिक सुरक्षित बनाए। इसके साथ ही, यह सुनिश्चित करेगा कि वे किसी भी प्रकार के घोटाले या धोखाधड़ी से बच सकें।
गूगल द्वारा पेश किए गए इन नए AI-आधारित सुरक्षा उपायों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए, आप गूगल के सपोर्ट पेज पर जा सकते हैं और अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। सुनिश्चित करें कि आपके स्मार्टफोन और ब्राउज़र हमेशा अपडेट रहें, ताकि आप भी ऑनलाइन घोटालों से सुरक्षित रह सकें। साथ ही, इन नए फीचर्स का उपयोग करके आप खुद को और अपने डेटा को धोखाधड़ी से बचा सकते हैं।