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Google Chrome का नया फीचर: कमजोर पासवर्ड को खुद करेगा अपडेट, जानिए कैसे

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अगर आप भी ‘Password123’, ‘123456’, या ‘abcd@123’ जैसे आसान पासवर्ड से आज तक ऑनलाइन दुनिया में काम चला रहे थे, तो अब सतर्क हो जाइए। गूगल ने अपने I/O 2025 इवेंट में एक बड़ा साइबरसिक्योरिटी से जुड़ा अपडेट पेश किया है, जो सीधे तौर पर उन यूजर्स को प्रभावित करेगा।

टेक्नोलॉजी: अगर आप भी 2025 में अब तक "Password123" या "123456" जैसे कमजोर पासवर्ड इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आपके लिए एक ज़रूरी और राहत भरी खबर है। Google ने अपने I/O 2025 इवेंट में एक बेहद इनोवेटिव और सिक्योरिटी-फोक्सड फीचर की घोषणा की है। यह नया फीचर Google Chrome में जोड़ा गया है और यह कमजोर या पहले से कॉम्प्रोमाइज हो चुके पासवर्ड्स को ऑटोमैटिकली बदलने की सुविधा देगा।

क्या है नया फीचर?

गूगल क्रोम में आने वाला यह नया फीचर, गूगल पासवर्ड मैनेजर के एडवांस वर्जन पर आधारित है। यह सुविधा न सिर्फ कमजोर पासवर्ड की पहचान करेगी, बल्कि उन्हें सुरक्षित और स्ट्रॉन्ग पासवर्ड से बदलने का भी विकल्प देगी। सबसे बड़ी बात यह है कि यह प्रक्रिया ऑटोमेटिक होगी, यानी यूजर को खुद जाकर पासवर्ड बदलने की मेहनत नहीं करनी पड़ेगी।

कैसे करेगा यह फीचर काम?

जब आप किसी वेबसाइट पर क्रोम के जरिए साइन-इन करते हैं और आपका पासवर्ड कमजोर या पहले से लीक हो चुका होता है, तो गूगल पासवर्ड मैनेजर आपको चेतावनी देगा। इसके बाद यूजर को एक विकल्प मिलेगा कि वह उस पासवर्ड को गूगल द्वारा सुझाए गए मजबूत पासवर्ड से बदल दे। अगर यूजर इसकी अनुमति देता है, तो क्रोम अपने-आप एक मजबूत पासवर्ड जनरेट करेगा और उसे सेव व अपडेट कर देगा। 

इस प्रक्रिया में पासवर्ड मैनेजर आपके नए पासवर्ड को सुरक्षित तरीके से सेव भी करेगा ताकि अगली बार लॉगिन के समय उसे ऑटो-फिल किया जा सके।

क्यों है यह फीचर जरूरी?

साइबर अपराध और डेटा ब्रीच के मामलों में सबसे बड़ी कमजोरी कमजोर पासवर्ड ही होते हैं। कई यूजर्स आज भी ‘password’, ‘admin’, ‘12345678’ जैसे पासवर्ड का इस्तेमाल करते हैं, जो हैकर्स के लिए बेहद आसान होते हैं। गूगल की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के लगभग 65% इंटरनेट यूजर्स अभी भी दोबारा से वही पासवर्ड इस्तेमाल करते हैं या फिर कमजोर पासवर्ड ही बनाते हैं। यही वजह है कि यह नया फीचर न सिर्फ सुरक्षा बढ़ाएगा, बल्कि लोगों को अच्छा पासवर्ड इस्तेमाल करने की आदत भी सिखाएगा।

यहां सबसे अहम बात यह है कि यह ऑटोमेटिक फीचर होने के बावजूद भी गूगल यूजर की अनुमति के बिना कोई बदलाव नहीं करेगा। यानी जब तक यूजर खुद नहीं चाहेगा, तब तक कोई पासवर्ड अपने आप नहीं बदलेगा। गूगल ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह से यूजर-कंट्रोल्ड होगी और हर स्टेप पर यूजर से अनुमति ली जाएगी।

कहां पहले दिख चुका है यह फीचर?

दिलचस्प बात यह है कि यह फीचर पूरी तरह नया नहीं है। गूगल ने इसे पहले Android डिवाइसेज़ में Google Assistant के साथ एक लिमिटेड स्कोप में पेश किया था। लेकिन अब इसे सीधे Google Chrome में इंटीग्रेट किया जा रहा है, जिससे यह और ज्यादा सुलभ और उपयोगी बन गया है। Chrome ब्राउजर का यह इंटीग्रेशन सुनिश्चित करता है कि डेस्कटॉप से लेकर मोबाइल तक, हर जगह यूजर्स को पासवर्ड से जुड़ी सुरक्षा मिले।

कब तक मिलेगा यह नया अपडेट?

गूगल ने बताया है कि यह फीचर 2025 के अंत तक दुनियाभर के यूजर्स के लिए रोल आउट कर दिया जाएगा। फिलहाल यह डेवलपमेंट स्टेज में है और गूगल वेबसाइटों को इस बदलाव के लिए तैयार कर रहा है ताकि पासवर्ड ऑटो-अपडेट की प्रक्रिया हर वेबसाइट पर स्मूद तरीके से काम कर सके। शुरुआत में यह सुविधा Google Chrome के लेटेस्ट वर्जन और गूगल अकाउंट से लॉग-इन यूजर्स के लिए ही उपलब्ध होगी। धीरे-धीरे इसे सभी प्लेटफॉर्म्स और यूजर्स के लिए एक्सटेंड किया जाएगा।

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