11 जून 2025 का दिन हिन्दू पंचांग की दृष्टि से अत्यंत विशेष माना जा रहा है। इस दिन ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है, जिसे हिंदू धर्म में स्नान और दान की पूर्णिमा के रूप में विशेष महत्व प्राप्त है। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी कई शुभ संयोग बन रहे हैं। साथ ही संत कबीर जयंती भी इसी दिन पड़ रही है, जिससे इस तिथि की पवित्रता और महत्ता और भी बढ़ जाती है।
इस लेख में हम आपको बताएंगे 11 जून 2025 के शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय-सूर्यास्त के समय, स्नान-दान के विशेष योग, और धार्मिक दृष्टि से जुड़े महत्वपूर्ण पक्ष।
पूर्णिमा तिथि का महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह की पूर्णिमा तिथि को अत्यंत पावन माना जाता है, लेकिन ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। इस दिन स्नान, व्रत, और दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। विशेषकर गंगा स्नान और ताम्र-पात्र, जलपात्र, वस्त्र या अन्न का दान करने से व्यक्ति के पापों का क्षय होता है और उसे मोक्ष की ओर अग्रसर करने वाला फल प्राप्त होता है।
11 जून 2025 के प्रमुख पंचांग विवरण
- तिथि: ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा
- तिथि समाप्ति समय: दोपहर 1:14 बजे तक
- वार: बुधवार
- नक्षत्र: ज्येष्ठा, जो रात 8:11 बजे तक रहेगा
- योग: साध्य योग, जो दोपहर 2:04 बजे तक रहेगा
- चंद्रमा का गोचर: वृश्चिक राशि में
- सूर्य का गोचर: वृषभ राशि में
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
- सूर्योदय: प्रातः 05:23 बजे
- सूर्यास्त: सायं 07:19 बजे
यह समय न केवल दिन की शुरुआत और समाप्ति को दर्शाता है, बल्कि पूजा-पाठ और व्रत की विधियों के निर्धारण में भी इसका अहम स्थान होता है।
शुभ मुहूर्त और स्नान-दान के श्रेष्ठ काल
11 जून को स्नान व दान के दो विशेष शुभ मुहूर्त माने जा रहे हैं:
- प्रातः 04:02 से 04:42 तक – यह समय ब्रह्ममुहूर्त के उपरांत का है, जो स्नान के लिए श्रेष्ठ होता है। विशेष रूप से जो गंगा स्नान या तीर्थ स्नान कर रहे हैं, उन्हें इसी काल में स्नान करना शुभफलदायी माना गया है।
- पूर्वाह्न 10:35 से दोपहर 12:20 तक – यह समय मध्यान्ह पूजा व स्नान के लिए उत्तम है, खासकर दान करने की दृष्टि से यह काल श्रेष्ठ है।
क्या करें?
- जल से स्नान कर भगवान विष्णु की पूजा करें।
- तुलसी दल, पंचामृत और पुष्प अर्पित करें।
- गरीबों, ब्राह्मणों, गौशालाओं या जरूरतमंदों को वस्त्र, अन्न, या धन का दान करें।
- कथा पाठ व व्रत का संकल्प लें।
राहुकाल: इस दौरान न करें कोई शुभ कार्य
राहुकाल में किसी भी प्रकार का शुभ कार्य या नया आरंभ वर्जित माना जाता है। 11 जून 2025 को भारत के विभिन्न शहरों में राहुकाल निम्न समय में रहेगा:
- दिल्ली: 12:21 PM – 02:05 PM
- मुंबई: 12:38 PM – 02:17 PM
- चंडीगढ़: 12:22 PM – 02:08 PM
- लखनऊ: 12:06 PM – 01:49 PM
- भोपाल: 12:20 PM – 02:01 PM
- कोलकाता: 11:36 AM – 01:17 PM
- अहमदाबाद: 12:39 PM – 02:20 PM
- चेन्नई: 12:08 PM – 01:45 PM
इस समयावधि में कोई भी धार्मिक या मांगलिक कार्य टालना उत्तम माना गया है।
संत कबीर जयंती: ज्ञान और भक्ति का उत्सव
11 जून को संत कबीरदास जी की जयंती भी मनाई जाएगी। संत कबीर भक्ति आंदोलन के प्रमुख स्तंभ रहे हैं। उनके दोहे आज भी समाज को दिशा देने वाले हैं। कबीर जयंती पर भक्तजन उनके विचारों को याद कर सत्संग, भजन और दोहा पाठ का आयोजन करते हैं। इस दिन आप अपने घर या आसपास के किसी सत्संग में भाग लें, या फिर कबीर वाणी का श्रवण करें। इससे मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।