बाबा रामदेव ने अहमदाबाद विमान हादसे में तुर्किये की भूमिका पर सवाल उठाए। टर्किश टेक्निक ने सफाई दी कि उसने दुर्घटनाग्रस्त विमान का कोई रखरखाव नहीं किया था। जांच अभी जारी है।
Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद में हुए हालिया विमान हादसे ने ना केवल सुरक्षा एजेंसियों को सक्रिय किया है, बल्कि इससे जुड़ी अटकलों और राजनीतिक बयानों ने भी माहौल गरमा दिया है। इसी कड़ी में योगगुरु बाबा रामदेव का एक बयान सामने आया, जिसमें उन्होंने आशंका जताई कि कहीं इस हादसे के पीछे तुर्किये की किसी एजेंसी की कोई साजिश तो नहीं है। उनका इशारा टर्किश टेक्निक (Turkish Technic) की ओर था, जो कि एक जानी-मानी एविएशन मेंटेनेंस कंपनी है।
बाबा रामदेव ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मुझे जानकारी मिली है कि तुर्किये की एक मेंटेनेंस एजेंसी भारत के विमानों का रखरखाव करती है। क्या इस हादसे के पीछे किसी विदेशी साजिश की आशंका है? कहीं यह भारत के खिलाफ किसी दुश्मनी का नतीजा तो नहीं?” उन्होंने यह भी कहा कि भारत को इस तरह के संवेदनशील क्षेत्रों में विदेशी एजेंसियों पर निर्भरता को कम करना चाहिए।
क्या है मामला और हादसे की स्थिति
अहमदाबाद विमान हादसा बीते कुछ दिनों में एयर इंडिया की उड़ानों को लेकर सामने आई कई घटनाओं में से एक है। हालांकि अब तक की रिपोर्ट्स में किसी तरह की तकनीकी साजिश या तोड़फोड़ के संकेत नहीं मिले हैं, लेकिन जांच अभी भी जारी है। इसी बीच रामदेव के इस बयान ने चर्चा को एक नया मोड़ दे दिया।
तुर्किये की प्रतिक्रिया: आरोपों को किया खारिज
बाबा रामदेव के इस बयान पर तुर्किये की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है। तुर्किये की सरकार ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि बाबा रामदेव के आरोप निराधार और तथ्यहीन हैं। बयान में साफ किया गया कि टर्किश टेक्निक ने एयर इंडिया के उस विमान का कोई मेंटेनेंस नहीं किया था जो दुर्घटनाग्रस्त हुआ है।
टर्किश टेक्निक की ओर से कहा गया, “हम केवल एयर इंडिया के B777 विमानों की मेंटेनेंस सेवाएं प्रदान करते हैं। हादसे में शामिल बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान कभी हमारी मेंटेनेंस सूची में शामिल नहीं रहा है और हमने इस प्रकार के किसी भी विमान पर कार्य नहीं किया है।”
टर्किश टेक्निक: एक अंतरराष्ट्रीय एविएशन सर्विस प्रोवाइडर
टर्किश टेक्निक दुनिया की अग्रणी एविएशन सेवा प्रदाता कंपनियों में से एक है। यह विमान रखरखाव, मरम्मत और ओवरहॉलिंग (MRO) सेवाएं प्रदान करती है। भारत में एयर इंडिया और इंडिगो जैसी बड़ी एयरलाइंस इसकी सेवाएं लेती हैं। हालांकि, इस कंपनी की सेवाएं केवल कुछ विशिष्ट विमान मॉडलों तक ही सीमित होती हैं, और बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर उनमें शामिल नहीं है।
भारत में एविएशन सेक्टर पर उठते सवाल
बाबा रामदेव के बयान ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या भारत को अपने एविएशन सेक्टर की सुरक्षा को लेकर अधिक सतर्क होने की जरूरत है? हालांकि अब तक किसी भी जांच रिपोर्ट में किसी विदेशी एजेंसी की भूमिका सामने नहीं आई है, लेकिन यह भी सच है कि एविएशन इंडस्ट्री में अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की भागीदारी बढ़ती जा रही है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि मेंटेनेंस सेवाओं का आउटसोर्सिंग आम बात है, लेकिन इसके लिए मजबूत सुरक्षा मानकों और पारदर्शी प्रक्रिया की जरूरत होती है। भारत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी विदेशी सेवा प्रदाता उसकी सुरक्षा नीतियों और प्रोटोकॉल के तहत ही काम करे।