भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) में पहली बार महिला कैडेटों को प्रशिक्षण मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद NDA से चयनित महिलाएं जुलाई 2025 से IMA में सैन्य प्रशिक्षण शुरू करेंगी।
भारतीय सैन्य अकादमी (Indian Military Academy - IMA), जो अब तक केवल पुरुष कैडेटों को सैन्य प्रशिक्षण देने का गौरवशाली केंद्र रही है, अब इतिहास रचने जा रही है। जुलाई 2025 से IMA में पहली बार महिला कैडेटों का बैच शामिल किया जाएगा। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के उस अहम फैसले का परिणाम है, जिसमें महिला उम्मीदवारों को NDA (National Defence Academy) में प्रवेश देने की अनुमति दी गई थी।
अब IMA में भी मिलेगा प्री-कमिशन प्रशिक्षण
अब तक महिला अधिकारी मुख्य रूप से चेन्नई स्थित OTA (Officers Training Academy) से प्रशिक्षण प्राप्त कर सेना में कमीशन पाती थीं। लेकिन अब NDA के जरिए चयनित महिला कैडेट IMA में एक वर्ष का प्री-कमिशन प्रशिक्षण लेंगी। यह बदलाव न केवल एक प्रतीकात्मक निर्णय है, बल्कि भारतीय सेना में महिलाओं की भूमिका को सशक्त और व्यापक बनाने की दिशा में उठाया गया ठोस कदम है।
IMA के इतिहास में पहली बार महिला कैडेटों की एंट्री
IMA की स्थापना 1932 में हुई थी, और तब से अब तक यह संस्थान पुरुष अधिकारियों को तैयार करता आया है। यह पहली बार होगा जब महिला कैडेट भी इस प्रतिष्ठित सैन्य प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगी।
जुलाई 2025 में शुरू होगा पहला बैच
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, महिला कैडेटों का पहला बैच जुलाई 2025 में IMA में प्रवेश करेगा। भले ही अभी तक इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन तैयारियां पूरी तरह से शुरू हो चुकी हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रमों को महिलाओं के अनुरूप ढालने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, और IMA परिसर में बुनियादी ढांचे में भी बदलाव किए जा रहे हैं।
महिला कैडेटों के लिए अलग आवास और सुविधाएं
महिला कैडेटों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए IMA में विशेष आवास, टॉयलेट्स, सिक्योरिटी और मेडिकल सुविधाएं तैयार की जा रही हैं। प्रशिक्षकों को भी संवेदनशील और समावेशी प्रशिक्षण पद्धतियों के लिए निर्देशित किया गया है ताकि पुरुष और महिला कैडेट एक समान वातावरण में प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें।
NDA से लेकर IMA तक की यात्रा
NDA में चयनित होने के बाद महिला कैडेट तीन वर्ष का शैक्षणिक और प्रारंभिक सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त करती हैं। इस दौरान उन्हें विज्ञान, कला या कॉमर्स में स्नातक की डिग्री भी दी जाती है। इसके बाद अंतिम वर्ष का सैन्य प्रशिक्षण IMA में दिया जाएगा, जहां उन्हें सैन्य नेतृत्व, रणनीति, फिजिकल एंड्योरेंस और युद्ध कौशल जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जाएगा।
बदलते भारत की तस्वीर
IMA में महिला कैडेटों की एंट्री भारत में सैन्य क्षेत्र में लैंगिक समानता की दिशा में मील का पत्थर मानी जा रही है। यह न केवल भारतीय सेना के दृष्टिकोण को व्यापक बनाता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि अब महिलाएं भी हर उस क्षेत्र में आगे आ सकती हैं, जो कभी केवल पुरुषों के लिए माना जाता था।
सैन्य प्रशिक्षण में होगा समावेशिता का अभ्यास
सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, IMA के प्रशिक्षकों को जेंडर सेंसिटिव ट्रेनिंग दी जा रही है। प्रशिक्षण कार्यक्रमों में किसी तरह का भेदभाव न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए सभी स्तर पर निगरानी और फीडबैक की व्यवस्था की जा रही है।