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अमेरिका-ईरान संघर्ष: बी-2 बॉम्बर्स से ईरान पर हमला, परमाणु ठिकानों को बनाया गया निशाना

अमेरिका-ईरान संघर्ष: बी-2 बॉम्बर्स से ईरान पर हमला, परमाणु ठिकानों को बनाया गया निशाना

अमेरिका ने 18 घंटे की उड़ान के बाद ईरान के तीन बड़े परमाणु ठिकानों पर बी-2 बॉम्बर्स से हमला किया। ऑपरेशन में 125 सैनिक, बंकर बस्टर बम और पनडुब्बियों का प्रयोग हुआ। ईरान में भारी तबाही हुई।

US Iran Strike: 18 घंटे में अमेरिका से ईरान पहुंचकर बी-2 बॉम्बर्स ने शनिवार को ईरान के प्रमुख परमाणु ठिकानों पर बड़ा हमला किया। इस हमले में अमेरिका ने नतांज, फोर्डो और इस्फहान में स्थित परमाणु केंद्रों को टारगेट किया। अमेरिकी रक्षा विभाग ने हमले की पुष्टि करते हुए इसे ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने की निर्णायक कार्रवाई बताया है।

22 साल बाद अमेरिका की प्रत्यक्ष सैन्य कार्रवाई

यह अमेरिका की 22 वर्षों में पहली बार किसी देश के खिलाफ सीधी सैन्य कार्रवाई है। इससे पहले 2003 में अमेरिका ने इराक युद्ध में सक्रिय भूमिका निभाई थी। ताजा कार्रवाई में अमेरिका ने उच्च तकनीक और आधुनिक हथियारों का प्रयोग किया है।

बी-2 बॉम्बर्स की उड़ान और हमला: पूरी टाइमलाइन

21 जून 2025, सुबह 9:53 बजे: अमेरिका के मिसौरी स्थित व्हाइटमैन एअर फोर्स बेस से बी-2 स्टेल्थ बॉम्बर्स ने उड़ान भरी।

21 जून 2025, सुबह 11:11 बजे: रिपोर्ट्स के अनुसार, ये बॉम्बर्स गुआम एयरबेस की दिशा में अग्रसर थे।

21 जून 2025, शाम 5:22 बजे: मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि छह बी-2 बॉम्बर्स को गुआम के आसमान में देखा गया था।

21 जून 2025, रात 10:05 बजे: वॉल स्ट्रीट जनरल की रिपोर्ट के मुताबिक पेंटागन ने हमले के आदेश से इनकार किया था, लेकिन विमान हमले के लिए तैयार थे।

22 जून 2025, सुबह 4:30 बजे: ईरानी मीडिया ने दावा किया कि अमेरिकी बी-2 बॉम्बर्स ने फोर्डो परमाणु ठिकाने पर बम गिराए।

22 जून 2025, सुबह 5:20 बजे: अमेरिकी राष्ट्रपति ने पुष्टि की कि फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर हमले हुए हैं।

22 जून 2025, सुबह 5:34 बजे: पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि फोर्डो पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है।

22 जून 2025, सुबह 7:25 बजे: राष्ट्रपति ट्रंप ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए चेतावनी दी कि अगर ईरान ने शांति की पहल नहीं की तो और बड़े हमले किए जाएंगे।

हमले में किन संसाधनों का किया गया इस्तेमाल

अमेरिकी रक्षा विभाग के अनुसार, इस हमले में 7 बी-2 स्टेल्थ बॉम्बर्स, 125 विशेष प्रशिक्षित सैनिक, 57 बंकर बस्टर बम, 30 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें और फारस की खाड़ी एवं अरब सागर में तैनात पनडुब्बियों का प्रयोग किया गया। यह पूरी तरह से सटीक और योजनाबद्ध ऑपरेशन था।

पनडुब्बी से दागी गई मिसाइलें

डिफेंस ऑपरेशन के कमांडर जनरल डैन केन के अनुसार, रविवार सुबह 5 बजे फारस की खाड़ी में मौजूद अमेरिकी पनडुब्बी से इस्फहान की ओर टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें छोड़ी गईं। उसके बाद बी-2 बॉम्बर्स ने बाकी दो ठिकानों पर हमला किया और फिर अमेरिकी विमान वापस लौट गए।

हमले से पहले नहीं दी गई कोई चेतावनी

जनरल डैन केन ने यह भी स्पष्ट किया कि इस हमले से पहले किसी को भी कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी। यह एक सरप्राइज अटैक था ताकि ईरान की प्रतिक्रिया को रोका जा सके और अधिक से अधिक नुकसान पहुंचाया जा सके।

ईरान की प्रतिक्रिया 

ईरानी मीडिया ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा है कि तीनों परमाणु ठिकानों को गंभीर नुकसान पहुंचा है। हालांकि, ईरानी सरकार की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया फिलहाल सामने नहीं आई है। वहीं, वैश्विक स्तर पर इस हमले को लेकर प्रतिक्रिया आने लगी है। कई देशों ने अमेरिका से संयम बरतने की अपील की है।

क्या है बी-2 स्टेल्थ बॉम्बर

बी-2 स्टेल्थ बॉम्बर अमेरिका का सबसे उन्नत और घातक बमवर्षक विमान है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह रडार से पकड़ में नहीं आता। यह परमाणु हथियार और बंकर बस्टर बम ले जाने में सक्षम होता है। इसकी रेंज करीब 11,000 किलोमीटर तक होती है और यह बिना रुके लंबे समय तक उड़ान भर सकता है।

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