खगोलविदों ने बिग बैंग के बाद सबसे शक्तिशाली ब्रह्मांडीय विस्फोट, यानी चरम नाभिकीय क्षणिक (ENTs) खोजे हैं, जो सुपरमैसिव ब्लैक होल द्वारा विशाल तारों के टुकड़े-टुकड़े होने से उत्पन्न होते हैं।
खगोल विज्ञान के क्षेत्र में एक बड़ी खोज हुई है, जिसमें वैज्ञानिकों ने अब तक के सबसे ऊर्जावान ब्रह्मांडीय विस्फोटों की पहचान की है। इन विस्फोटों को 'चरम परमाणु क्षणिक' (Extreme Nuclear Transients - ENTs) कहा जा रहा है, जो बिग बैंग के बाद से ब्रह्मांड में पाए जाने वाले सबसे शक्तिशाली और दुर्लभ विस्फोटों में से एक हैं। ये घटनाएं हमारे सूर्य से कम से कम तीन गुना बड़े तारे तब होती हैं जब वे सुपरमैसिव ब्लैक होल के गुरुत्वाकर्षण के कारण टुकड़े-टुकड़े हो जाते हैं।
ENTs क्या हैं?
ENTs वे दुर्लभ और जबरदस्त विस्फोट हैं जो तब होते हैं जब हमारे सूरज से कम से कम तीन गुना बड़े विशाल तारे, सुपरमैसिव ब्लैक होल (बहुत बड़े ब्लैक होल) के गुरुत्वाकर्षण द्वारा टुकड़े-टुकड़े हो जाते हैं। ये घटनाएं, जिन्हें ज्वारीय विघटन (Tidal Disruption Events) भी कहा जाता है, वर्षों से खगोलविदों के लिए पहेली रही हैं। परंतु, हाल की खोजों ने इन विस्फोटों को एक नई परिभाषा दी है क्योंकि ये सामान्य ज्वारीय विघटन की तुलना में लगभग दस गुना अधिक चमकीले होते हैं और लंबे समय तक चलते हैं।
कहां और कब देखे गए ये ब्रह्मांडीय धमाके?
4 जून 2025 को Science Advances में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, हवाई विश्वविद्यालय के खगोलविद जेसन हिंकल और उनकी टीम ने 2016 और 2018 के बीच दो ऐसे रहस्यमय फ्लेयर्स देखे। ये फ्लेयर्स गैया अंतरिक्ष यान (Gaia spacecraft) द्वारा रिकॉर्ड किए गए थे, जो यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का एक मिशन है।
इसके बाद 2020 में ज़्विकी ट्रांजिएंट फैसिलिटी (Zwicky Transient Facility) ने तीसरा फ्लेयर देखा, जिसकी विशेषताएं भी पहले दो फ्लेयर्स से मिलती थीं। इससे वैज्ञानिकों को यह यकीन हो गया कि यह कोई सामान्य तारा विस्फोट नहीं था, बल्कि ब्रह्मांड की अब तक की सबसे रहस्यमयी घटनाओं में से एक है।
क्यों हैं ये विस्फोट इतने खास?
- सुपरनोवा से 100 गुना अधिक तीव्र: ENTs से निकली ऊर्जा इतनी ज़्यादा थी कि यह एक सामान्य सुपरनोवा से भी कहीं ज़्यादा ताकतवर साबित हुई।
- लंबे समय तक चलने वाली घटना: जहां सामान्य विस्फोट कुछ दिनों में समाप्त हो जाते हैं, वहीं ENTs की चमक कई महीनों या सालों तक बनी रहती है।
- ब्रह्मांड की शुरुआती तस्वीर देने में सहायक: ये घटनाएं हमें यह समझने में मदद करती हैं कि कैसे ब्रह्मांड के शुरुआती दिनों में ब्लैक होल काम करते थे और ऊर्जा को कैसे प्रवाहित करते थे।
ENTs का वैज्ञानिक महत्व
ENTs की चमक खगोलविदों को दूर-दराज की आकाशगंगाओं के केंद्रों की जांच करने में मदद करती है। इससे वे ब्रह्मांड के शुरुआती दौर में सुपरमैसिव ब्लैक होल के विकास और उनके ऊर्जा उत्सर्जन के तरीकों को समझ पाते हैं। आईएफए के हबल फेलो बेंजामिन शापी के अनुसार, यह चमक सुपरमैसिव ब्लैक होल के विकास के रहस्यों पर रोशनी डालती है और भविष्य में ब्रह्मांडीय अध्ययनों के लिए एक महत्वपूर्ण सांख्यिकीय उपकरण बन सकती है।
क्या हैं Gaia18cdj जैसे फ्लेयर्स?
वैज्ञानिकों ने Gaia18cdj नाम की ज्वारीय विघटन घटना (Tidal Disruption Event) का विशेष रूप से अध्ययन किया है। यह एक ऐसी घटना थी जहां एक तारा धीरे-धीरे ब्लैक होल के करीब गया और पूरी तरह विघटित हो गया। इससे जो रोशनी निकली वह बेहद चमकदार और ऊर्जावान थी।
ऐसी घटनाएं लाखों सालों से हो रही हैं, लेकिन अब हम उन्हें देख और समझ पा रहे हैं, क्योंकि हमारे पास आधुनिक तकनीक और स्पेस टेलीस्कोप्स मौजूद हैं।