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9 जून 2025 पंचांग: सोमवार को रवि प्रदोष व्रत के साथ करें शिव पूजन, जानें राहुकाल, मुहूर्त और ग्रहों की चाल

9 जून 2025 पंचांग: सोमवार को रवि प्रदोष व्रत के साथ करें शिव पूजन, जानें राहुकाल, मुहूर्त और ग्रहों की चाल

हिंदू पंचांग के अनुसार 9 जून 2025, सोमवार का दिन धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। इस दिन न केवल रवि प्रदोष व्रत पड़ रहा है, बल्कि शिव योग, रवि योग, और सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे विशेष संयोग भी बन रहे हैं। इन शुभ योगों का लाभ उठाकर श्रद्धालु पूजा-पाठ, व्रत, दान, और नए कार्यों की शुरुआत कर सकते हैं।

इस लेख में हम आपको बताएंगे कि 9 जून के दिन कौन-कौन से शुभ संयोग बन रहे हैं, किस समय राहुकाल रहेगा, सूर्य-चंद्रमा कब उदित होंगे, और कौन से कार्य करने से लाभ मिलेगा।

9 जून 2025 का विस्तृत पंचांग (Hindi Panchang 9 June 2025)

  • वार: सोमवार
  • तिथि: कृष्ण पक्ष त्रयोदशी
  • तिथि आरंभ: 8 जून को सुबह 7:17 से
  • तिथि समाप्त: 9 जून को सुबह 9:35 बजे तक
  • नक्षत्र: विशाखा
  • योग: शिव योग, रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

  • सूर्योदय: सुबह 5:24 बजे
  • सूर्यास्त: शाम 7:14 बजे

चंद्रमा की स्थिति

  • चंद्र राशि: तुला
  • चंद्रोदय: शाम 5:47 बजे
  • चंद्रोस्त: प्रातः 4:10 बजे

शुभ मुहूर्त (Aaj ke Shubh Muhurat)

9 जून को कई शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं जो नए व्यापार, वाहन खरीद, घर की नींव रखने, शादी-ब्याह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए अत्यंत अनुकूल माने गए हैं।

  • सर्वार्थ सिद्धि योग: संपूर्ण दिन
  • रवि योग: विशाखा नक्षत्र के चलते प्रातः से सूर्यास्त तक
  • शिव योग: सुबह से दोपहर तक विशेष फलदायी
  • सुझाव: इस दिन आप नया काम, निवेश, यात्रा या धार्मिक अनुष्ठान आरंभ कर सकते हैं।
  • राहुकाल और अशुभ समय (Rahu Kaal & Inauspicious Time)
  • राहुकाल: सुबह 7:07 से 8:52 तक
  • यमगण्ड काल: 10:36 से 12:20 बजे तक
  • गुलिक काल: 2:05 से 3:49 बजे तक
  • विडाल योग: 3:31 PM से अगले दिन 5:23 AM तक

इन समयों में कोई भी शुभ कार्य करने से बचें।

ग्रहों की स्थिति (Grah Gochar 9 June 2025)

  • सूर्य - वृषभ
  • चंद्रमा - तुला
  • मंगल - कर्क
  • बुध - मिथुन
  • गुरु - मिथुन
  • शुक्र - मीन
  • शनि - मीन
  • राहु - कुंभ
  • केतु - सिंह

विशेष संयोग: चंद्रमा तुला राशि में होने से कूटनीतिक और न्यायिक मामलों में संतुलन की भावना बढ़ेगी, जबकि शुक्र और शनि दोनों मीन राशि में स्थित होने से मानसिक शांति और रचनात्मक विचारों का प्रवाह होगा।

रवि प्रदोष व्रत का महत्व (Ravi Pradosh Vrat Significance)

रवि प्रदोष व्रत भगवान शिव की उपासना का विशेष दिन होता है। सोमवार के दिन जब प्रदोष व्रत पड़ता है, तो इसका पुण्य फल कई गुना बढ़ जाता है। यह व्रत विशेष रूप से सौभाग्य, लंबी आयु, रोग मुक्ति और विवाह में सफलता के लिए किया जाता है।

इस दिन शिवलिंग पर दूध, जल, बेलपत्र और अक्षत अर्पित करें।
बेल के पत्तों को हरा चारा खिलाना भी अत्यंत पुण्यदायी माना गया है।

सोमवार व्रत और उपाय

क्या करें

  • माता पार्वती को सिंदूर, चूड़ियां, बिंदी आदि सुहाग सामग्री अर्पित करें।
  • किसी सुहागिन महिला को यह सामग्री दान करें।
  • शिवलिंग पर जल में अक्षत डालकर अर्पित करें। यह धन वृद्धि में सहायक होगा।

क्या न करें

  • झूठ न बोलें और किसी का अपमान न करें।
  • मानसिक रूप से किसी के प्रति दुर्भाव न रखें।
  • नकारात्मक विचारों से दूर रहें, खासकर शिव पूजन के दौरान।

9 जून 2025 का दिन धार्मिक कार्यों, व्रत-उपवास, और जीवन में शुभ आरंभ के लिए अत्यंत श्रेष्ठ है। एक साथ शिव योग, रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे शुभ संयोगों का बनना दुर्लभ होता है। ऐसे में इस दिन किया गया कोई भी सत्कर्म या संकल्प विशेष फल प्रदान करेगा।

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