Pune

बिकानेर में मिलावट पर बड़ी कार्रवाई: नकली दूध, घी, तेल पर ₹7.75 लाख जुर्माना

बिकानेर में मिलावट पर बड़ी कार्रवाई: नकली दूध, घी, तेल पर ₹7.75 लाख जुर्माना

राजस्थान के बिकानेर जिले में खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। दूध, दही, घी, मावा, नारियल तेल और मूंग पापड़ जैसे रोजमर्रा के खाद्य पदार्थों में मिलावट पाए जाने पर संबंधित व्यापारियों और दुकानदारों पर कुल 7 लाख 75 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है।इस कार्रवाई ने जिले में हड़कंप मचा दिया है। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

ऐसे सामने आया मामला

खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने पिछले महीने जिले के लालगढ़, कोटगेट, गंगाशहर, नोखा और श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्रों में अचानक जांच अभियान चलाया। इस दौरान सैंपलिंग के लिए कई खाद्य पदार्थ एकत्र किए गए जिन्हें जयपुर स्थित राज्य प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए भेजा गया। जांच रिपोर्ट में दूध, मावा और घी में मिलावट की पुष्टि हुई। वहीं नारियल तेल और मूंग पापड़ को सब-स्टैंडर्ड (मानक से घटिया गुणवत्ता) घोषित किया गया। इस आधार पर विभाग ने 13 व्यापारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा।

जुर्माने की कार्रवाई

नियमित प्रक्रिया के तहत नोटिस के जवाब और प्रयोगशाला रिपोर्ट के आधार पर खाद्य सुरक्षा आयुक्तालय ने कुल 7 लाख 75 हजार रुपए का जुर्माना निर्धारित किया। सबसे अधिक जुर्माना श्रीडूंगरगढ़ के एक डेयरी संचालक पर ₹1.5 लाख का लगाया गया, जहां घी में वनस्पति तेल की मिलावट पाई गई थी। इसके अतिरिक्त:

  • कोटगेट क्षेत्र में एक मिठाई निर्माता पर ₹1 लाख
  • लालगढ़ में नारियल तेल विक्रेता पर ₹75 हजार
  • नोखा में मावा विक्रेता पर ₹1.25 लाख
  • मूंग पापड़ निर्माता पर ₹50 हजार का जुर्माना लगाया गया।

क्या-क्या मिला नकली?

  • दूध व दही: पानी और डिटर्जेंट की मिलावट
  • घी और मावा: वनस्पति तेल और सिंथेटिक रंग का उपयोग
  • नारियल तेल: रिफाइंड पाम ऑयल की मिलावट
  • मूंग पापड़: अधपकी दाल और कृत्रिम रंग, जो पाचन के लिए हानिकारक हैं।

अधिकारियों का क्या कहना है?

बिकानेर के खाद्य सुरक्षा अधिकारी विनोद कुमार चौधरी ने बताया: हमने करीब 30 सैंपल अलग-अलग दुकानों और फैक्टरियों से लिए थे। प्रयोगशाला से 18 रिपोर्टें मिली हैं, जिनमें से 9 सैंपल फेल पाए गए हैं। यह उपभोक्ताओं की सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। उन्होंने आगे बताया कि यह कार्रवाई केवल जुर्माने तक सीमित नहीं है। पुनः दोषी पाए जाने पर संबंधित दुकानों का लाइसेंस निलंबित या रद्द भी किया जाएगा।

उपभोक्ताओं के लिए अलर्ट जारी

स्वास्थ्य विभाग ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे खाद्य सामग्री खरीदते समय दुकानदार से बिल अवश्य लें और गुणवत्ता पर शक होने पर टोल-फ्री हेल्पलाइन पर शिकायत करें। विभाग ने यह भी कहा कि आने वाले हफ्तों में त्योहारों के मद्देनज़र विशेष निगरानी अभियान और तेज़ किया जाएगा। घटिया गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थ मिलने की खबर से आम नागरिकों में भारी नाराज़गी है। 

सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. प्रमोद जोशी ने कहा, केवल जुर्माना काफी नहीं है, ऐसे कारोबारियों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज होने चाहिए। ये लोग बच्चों और बुजुर्गों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं।

Leave a comment