मौजूदा समय में जहां अधिकांश छात्र इंजीनियरिंग, मेडिकल और सरकारी नौकरियों की होड़ में लगे हुए हैं, वहीं एक नया ट्रेंड भी उभर कर सामने आ रहा है।
आज की प्रतिस्पर्धी शिक्षा प्रणाली में लाखों छात्र हर साल जेईई और नीट जैसी परीक्षाओं में सफलता की आस लगाए बैठते हैं। लेकिन हकीकत यह है कि इन परीक्षाओं में सीटें सीमित हैं और प्रतियोगिता इतनी अधिक है कि अधिकतर छात्र सफलता से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में एक बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या जेईई और नीट ही करियर के इकलौते रास्ते हैं? जवाब है – नहीं।
देशभर में अब एक नई सोच उभर रही है, जिसमें युवा पारंपरिक करियर से हटकर कुछ नया, रचनात्मक और जुनून से जुड़ा हुआ काम करना चाहते हैं। यही कारण है कि अब ऑफबीट कोर्सेस छात्रों की पहली पसंद बनते जा रहे हैं। ये कोर्स न केवल करियर में बेहतरीन संभावनाएं देते हैं, बल्कि अच्छी सैलरी और आत्मसंतोष भी दिलाते हैं।
आइए जानते हैं 12वीं के बाद के ऐसे 7 ऑफबीट कोर्स, जिन्हें चुनकर आप बिना जेईई और नीट की दौड़ में शामिल हुए भी शानदार करियर बना सकते हैं।
वीडियो गेम डिजाइनिंग: जुनून को करियर में बदलने का मौका
अगर आप बचपन से वीडियो गेम खेलते आए हैं और सोचते हैं कि ऐसा गेम खुद क्यों न बनाया जाए, तो यह कोर्स आपके लिए है। गेम डिजाइनिंग केवल ग्राफिक्स बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें गेम के प्लॉट, कैरेक्टर डेवलपमेंट, इंटरफेस डिजाइन, साउंड और यूजर एक्सपीरियंस जैसी तमाम चीजें शामिल होती हैं। भारत में गेमिंग इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है और इस क्षेत्र में कुशल डिजाइनरों की मांग लगातार बढ़ रही है।
प्रारंभिक सैलरी: 3 से 5 लाख रुपये प्रतिवर्ष
अनुभवी पेशेवर की सैलरी: 10 लाख रुपये प्रतिवर्ष या उससे अधिक
फिल्म और टेलीविजन प्रोडक्शन: कैमरे के पीछे की दुनिया
अगर आपको पर्दे के पीछे की कहानी जानने की उत्सुकता है, तो यह कोर्स बेहद दिलचस्प हो सकता है। इसमें फिल्म निर्माण की पूरी प्रक्रिया जैसे डायरेक्शन, सिनेमैटोग्राफी, एडिटिंग, साउंड मिक्सिंग और प्रोडक्शन मैनेजमेंट सिखाया जाता है। फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में यह कोर्स आपकी शुरुआत का रास्ता बन सकता है।
प्रारंभिक सैलरी: 4 से 6 लाख रुपये प्रतिवर्ष
भविष्य की संभावना: इंडिपेंडेंट फिल्म मेकर या बड़े प्रोजेक्ट्स में सहयोग
फोटोग्राफी: कला और तकनीक का संगम
अगर आपके पास सुंदर दृश्यों को कैमरे में कैद करने की नज़र है, तो फोटोग्राफी का कोर्स आपके लिए उपयुक्त है। आज के डिजिटल दौर में वेडिंग, प्रोडक्ट, ट्रैवल, फैशन और वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी जैसे कई विकल्प मौजूद हैं। यह कोर्स तकनीकी स्किल्स के साथ-साथ कलात्मक सोच भी विकसित करता है।
प्रारंभिक सैलरी: 3 से 10 लाख रुपये प्रतिवर्ष
भविष्य की संभावना: खुद का स्टूडियो, ब्रांड शूट्स या अंतरराष्ट्रीय असाइनमेंट
इवेंट मैनेजमेंट: हर दिन नई चुनौती
शादी से लेकर कॉर्पोरेट सम्मेलन तक, इवेंट मैनेजमेंट में प्रोफेशनल्स की भारी मांग है। इस कोर्स में इवेंट की प्लानिंग, बजट मैनेजमेंट, क्लाइंट डीलिंग, लॉजिस्टिक्स और क्रिएटिव डेकोरेशन जैसी स्किल्स सिखाई जाती हैं। यह करियर गतिशील है और हर दिन कुछ नया सीखने को मिलता है।
प्रारंभिक सैलरी: 2 से 4 लाख रुपये प्रतिवर्ष
अनुभवी स्तर पर सैलरी: 8 से 10 लाख रुपये प्रतिवर्ष या इससे अधिक
अर्बन ट्रैवल मैनेजमेंट: स्मार्ट शहरों का स्मार्ट करियर
शहरीकरण के साथ ट्रैवल और टूरिज्म की भूमिका भी बदल रही है। अर्बन ट्रैवल मैनेजमेंट का कोर्स मेट्रो ट्रांसपोर्ट, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स, सस्टेनेबल ट्रैवल प्लानिंग और ट्रैवल एनालिटिक्स जैसी चीजों पर फोकस करता है। यह उन छात्रों के लिए आदर्श विकल्प है जो शहरों और टूरिज्म प्लानिंग में रुचि रखते हैं।
प्रारंभिक सैलरी: 4 से 8 लाख रुपये प्रतिवर्ष
उन्नत करियर में कमाई: 10 लाख रुपये प्रतिवर्ष या उससे अधिक
स्पोर्ट्स मैनेजमेंट: खेल के पीछे का संचालन
अगर आप खेलों में रुचि रखते हैं लेकिन खुद खिलाड़ी नहीं बनना चाहते, तो यह कोर्स आपको खेल उद्योग का हिस्सा बना सकता है। इस कोर्स में खेल आयोजनों, टीम मैनेजमेंट, स्पॉन्सरशिप, मीडिया हेंडलिंग और ब्रांडिंग की शिक्षा दी जाती है। भारत में खेल उद्योग में तेजी से विस्तार हो रहा है, खासकर क्रिकेट, कबड्डी और फुटबॉल लीग्स के कारण।
प्रारंभिक सैलरी: 5 से 10 लाख रुपये प्रतिवर्ष
भविष्य में बड़ी स्पोर्ट्स एजेंसियों या टीमों में नौकरी के अवसर
कॉस्मेटोलॉजी: सुंदरता से जुड़ा पेशा
आज के समय में लोग सौंदर्य, त्वचा और बालों की देखभाल को लेकर काफी सजग हो गए हैं। कॉस्मेटोलॉजी का कोर्स आपको हेयर स्टाइलिंग, स्किन केयर, मेकअप आर्टिस्ट्री और बॉडी थेरेपी जैसे विषयों की गहराई से जानकारी देता है। यह एक ऐसा पेशा है जिसमें आप लोगों को आत्मविश्वासी और आकर्षक महसूस कराने में मदद कर सकते हैं।
प्रारंभिक सैलरी: 2 से 6 लाख रुपये प्रतिवर्ष
विशेषज्ञता के साथ सैलरी: 10 लाख रुपये प्रतिवर्ष तक या निजी क्लिनिक/स्टूडियो की संभावना