कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ योजना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इस योजना की विफलताओं को उजागर करते हुए कई गंभीर सवाल खड़े किए।
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है। इस बार निशाने पर रही केंद्र सरकार की बहुचर्चित ‘मेक इन इंडिया’ योजना, जिसे लेकर उन्होंने सरकार की नीयत और नीति दोनों पर सवाल खड़े किए हैं। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री को नारे बनाने में महारत है लेकिन वास्तविक समस्याओं का समाधान निकालने में वह असफल साबित हुए हैं।
शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो साझा करते हुए राहुल गांधी ने दिल्ली के नेहरू प्लेस में दो युवाओं शिवम और सैफ से बातचीत का अनुभव साझा किया। इस बातचीत के जरिए उन्होंने देश की आर्थिक चुनौतियों और युवाओं की बेरोजगारी को उजागर करने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “शिवम और सैफ जैसे लाखों प्रतिभाशाली, कुशल और संभावनाओं से भरे युवा हैं जिन्हें आगे बढ़ने का अवसर नहीं दिया जा रहा है।”
विनिर्माण में गिरावट, आयात में उछाल
राहुल गांधी ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ के नाम पर देश को बड़े-बड़े वादे तो मिले, लेकिन ज़मीनी हकीकत इसके उलट है। 2014 के बाद से देश की विनिर्माण क्षमता अर्थव्यवस्था में घटकर 14% पर आ गई है। जो फैक्ट्री बूम दिखाने का सपना दिखाया गया था, वह सिर्फ एक चुनावी जुमला बनकर रह गया। उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि चीन से भारत का आयात दोगुने से भी ज्यादा हो गया है। “हम निर्माण नहीं करते, हम सिर्फ संयोजन करते हैं और फिर आयात पर निर्भर हो जाते हैं। इससे चीन मुनाफा कमा रहा है और हमारी युवाशक्ति बेरोजगारी की दलदल में फंस रही है,” उन्होंने कहा।
PLI योजना भी ठंडी पड़ गई?
राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की पीएलआई (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) योजना पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने इसे चुपचाप ठंडे बस्ते में डाल दिया है। उन्होंने दावा किया कि यह योजना भी अपने उद्देश्य में विफल रही है और इसके जरिए देश के उद्योगों को वास्तविक मजबूती नहीं मिल पाई। मोदी सरकार के पास कोई नया आर्थिक विचार नहीं बचा है। वह सिर्फ प्रचार में विश्वास रखते हैं। लेकिन प्रचार से देश की आर्थिक बुनियाद नहीं बनती, उसे ठोस नीतियों और क्रियान्वयन से खड़ा किया जाता है, राहुल गांधी ने कहा।
राहुल का समाधान: ईमानदार सुधार और वित्तीय मदद
राहुल गांधी ने देश के आर्थिक भविष्य के लिए बड़े बदलावों की वकालत की। उन्होंने कहा कि अगर भारत को आत्मनिर्भर बनाना है, तो उसे अपने घरेलू उद्योगों में निवेश करना होगा। उन्होंने सरकार से ईमानदारी से सुधार लागू करने और भारतीय उत्पादकों को वित्तीय सहायता देने की अपील की। हम समय गंवा रहे हैं। अगर हमने अब भी नहीं सुधारा, तो हमें भविष्य में भी अन्य देशों पर निर्भर रहना पड़ेगा, कांग्रेस नेता ने चेताया।
राहुल गांधी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब केंद्र सरकार ने हाल ही में ‘मेक इन इंडिया 2.0’ की बात छेड़ी थी और उद्योग मंत्रालय ने निवेश आकर्षित करने के नए उपायों की घोषणा की थी। लेकिन राहुल गांधी ने इन घोषणाओं को खोखला करार देते हुए कहा कि जब तक ज़मीनी स्तर पर रोजगार, उत्पादन और निर्यात नहीं बढ़ते, तब तक यह सब सिर्फ “नारेबाज़ी” ही कहलाएगा।