ईरान ने कतर स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर मिसाइलें दागीं। खामेनेई बोले, ईरान आत्मसमर्पण नहीं करेगा। अमेरिका ने इसे प्रतीकात्मक हमला बताया। भारत ने तेल आपूर्ति पर असर को लेकर चिंता जताई।
Missile Attacks on US Bases: कतर स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर ईरान द्वारा मिसाइल हमला किए जाने के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ईरान एक आत्मसमर्पण करने वाला राष्ट्र नहीं है और वह किसी भी प्रकार की ज्यादती को स्वीकार नहीं करेगा। इस हमले के बाद अमेरिका ने इसे प्रतीकात्मक बताते हुए जवाबी कार्रवाई से इनकार कर दिया है।
अमेरिकी बेस पर मिसाइल हमले के बाद तेहरान में प्रतिक्रिया
ईरान ने कतर की राजधानी दोहा में स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर मिसाइलें दागीं। इसके तुरंत बाद तेहरान में इस कार्रवाई को लेकर जश्न का माहौल देखा गया। हमले में किसी के हताहत होने की पुष्टि नहीं हुई है। ईरान की इस प्रतिक्रिया के बाद ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा है कि ईरान झुकने वाला देश नहीं है और वह अन्याय किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा।
खामेनेई बोले, “हम आत्मसमर्पण नहीं करेंगे”
अयातुल्ला खामेनेई ने कहा कि जो लोग ईरानी इतिहास और संस्कृति को जानते हैं, वे समझते हैं कि यह देश कभी आत्मसमर्पण नहीं करता। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस हमले का उद्देश्य किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं था, बल्कि यह एक सशक्त संदेश देने की कार्रवाई थी। उन्होंने कहा कि ईरान कभी भी किसी के दबाव में झुकेगा नहीं और हर तरह की ज्यादती का डटकर मुकाबला करेगा।
अमेरिका ने हमले को बताया प्रतीकात्मक
इस हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने इसे अपेक्षाकृत कमजोर और प्रतीकात्मक बताया है। ट्रंप के अनुसार ईरान ने कुल 14 मिसाइलें दागीं जिनमें से 13 को अमेरिकी सुरक्षा प्रणाली ने नष्ट कर दिया। एक मिसाइल को जानबूझकर टारगेट से बाहर जाने के कारण छोड़ा गया। अमेरिका ने साफ कर दिया है कि वह इस हमले का सैन्य जवाब नहीं देगा।
कतर ने फिर से एयरस्पेस खोला
ईरान के इस हमले के बाद कुछ घंटों के लिए कतर का एयरस्पेस बंद कर दिया गया था, जिससे भारत समेत कई देशों की उड़ानों पर असर पड़ा। अब नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने जानकारी दी है कि कतर ने एयरस्पेस दोबारा खोल दिया है और उड़ानें सामान्य रूप से बहाल हो गई हैं।
होर्मुज जलडमरूमध्य बंद होने की आशंका
ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के कारण होर्मुज जलडमरूमध्य को लेकर चिंता बढ़ गई है। यह जलडमरूमध्य दुनिया के प्रमुख तेल आपूर्ति मार्गों में से एक है। ईरान ने संकेत दिया है कि वह इस मार्ग को अस्थायी रूप से बंद कर सकता है।
भारत की बड़ी मात्रा में कच्चे तेल की आपूर्ति इसी मार्ग से होती है। हालांकि भारत सरकार ने कहा है कि वर्तमान में वह मध्य पूर्व से 55 लाख बैरल कच्चे तेल में से केवल 15 लाख बैरल तेल ही प्राप्त कर रही है। इसके अतिरिक्त भारत के पास अन्य स्रोत भी उपलब्ध हैं, जिनसे आपूर्ति को बनाए रखा जा सकता है। भारत ने इस स्थिति पर चिंता व्यक्त की है और शांति की अपील की है।