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ईरान-अमेरिका तनाव पर ओवैसी की दो टूक, पाकिस्तान की ट्रंप के प्रति बदली चाल पर कसा तंज

ईरान-अमेरिका तनाव पर ओवैसी की दो टूक, पाकिस्तान की ट्रंप के प्रति बदली चाल पर कसा तंज

ओवैसी ने अमेरिका द्वारा ईरान पर किए गए हमले की कड़ी आलोचना की। उन्होंने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया और पाकिस्तान की दोहरी नीति पर सवाल उठाते हुए तंज कसा।

Owaisi Pakistan: एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका द्वारा किए गए हमले की तीखी आलोचना की है। उन्होंने इस हमले को अंतरराष्ट्रीय कानूनों, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और एनपीटी (Non-Proliferation Treaty) का उल्लंघन बताया। ओवैसी ने कहा कि अमेरिका ने यह हमला कांग्रेस की अनुमति के बिना किया, जो कि खुद अमेरिका के संविधान का भी उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई वैश्विक शांति के लिए गंभीर खतरा है।

ईरान पर हमले के पीछे इजरायल का प्रभाव

ओवैसी ने यह भी आशंका जताई कि अमेरिका की इस कार्रवाई से मध्य पूर्व के अन्य देश इजरायल के "ब्लैकमेल और प्रभुत्व" के डर से परमाणु हथियारों की दिशा में बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र में हथियारों की दौड़ तेज हो सकती है। ओवैसी ने स्पष्ट किया कि ईरान का यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम निकट भविष्य में 90 प्रतिशत तक पहुँच सकता है और इसे अब रोका नहीं जा सकता।

अमेरिकी खुफिया प्रमुख के बयान का हवाला

ओवैसी ने कहा कि अमेरिका की खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड पहले ही यह कह चुकी हैं कि ईरान में कोई परमाणु हथियार नहीं है। इसके बावजूद, अमेरिका द्वारा ईरान पर बमबारी यह दर्शाता है कि यह सिर्फ शक्ति प्रदर्शन है, जो अंतरराष्ट्रीय नियमों की अनदेखी करता है।

गाजा नरसंहार को छिपाने का आरोपउन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अमेरिका गाजा में इजरायल द्वारा किए जा रहे नरसंहार से ध्यान भटकाने के लिए ईरान पर हमला कर रहा है। ओवैसी ने कहा कि अमेरिका की यह रणनीति केवल राजनीतिक फायदे और इजरायल को संरक्षण देने के लिए है।

इजरायल पर परमाणु हथियार रखने का आरोप

ओवैसी ने कहा कि इजरायल के पास 700 से 800 तक परमाणु हथियार हैं, जबकि उसने एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी (IAEA) को इजरायल के परमाणु स्थलों का निरीक्षण करने की अनुमति नहीं दी गई है, जो कि चिंता का विषय है।

पाकिस्तान पर सीधा कटाक्ष

ओवैसी ने पाकिस्तान के हालिया रुख का मजाक उड़ाते हुए कहा कि एक ओर जहां पाकिस्तान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने की बात कर रहा है, वहीं दूसरी ओर अब वही पाकिस्तान ईरान पर हुए अमेरिकी हमले की आलोचना कर रहा है। ओवैसी ने सवाल किया कि क्या ट्रंप ने किसी संप्रभु देश पर हमला करके नोबेल पुरस्कार के योग्य काम किया है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, "हमें पाकिस्तानियों से पूछना चाहिए कि क्या वे चाहते हैं कि ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार मिले।"

पाक आर्मी चीफ पर भी निशाना

उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर पर तंज कसते हुए कहा कि क्या उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ लंच इसी उद्देश्य से किया था कि अमेरिका ईरान पर बम गिरा सके। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की यह दोहरी नीति अब पूरी दुनिया के सामने बेनकाब हो चुकी है।

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