G7 समिट में ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कोरियाई राष्ट्रपति की बजाय उनके ट्रांसलेटर से हाथ मिला लिया। बाद में ट्रंप के गिरते पेपर भी उन्हें उठाने पड़े।
G7 Summit: कनाडा में आयोजित G7 समिट के दौरान ब्रिटेन के नव-निर्वाचित प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर एक हल्की चूक का शिकार हो गए। उन्होंने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे-म्युंग की जगह उनके दुभाषिये से हाथ मिला लिया। यह भ्रम कुछ ही सेकंड चला, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मंच पर होने के कारण यह पल मीडिया के कैमरों में कैद हो गया। इसके बावजूद दोनों नेताओं ने यूके-दक्षिण कोरिया के रिश्तों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
G7 समिट में दिलचस्प पर असहज क्षण
कनाडा में चल रहे G7 शिखर सम्मेलन में उस समय एक असहज लेकिन दिलचस्प स्थिति देखने को मिली, जब ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति की जगह उनके ट्रांसलेटर से हाथ मिला लिया।
यह घटना तब हुई जब दोनों नेता एक औपचारिक बैठक के लिए पहुंचे थे। जैसे ही स्टार्मर ने कमरे में प्रवेश किया, उन्होंने सामने खड़े व्यक्ति से हाथ मिलाया। हालांकि वह व्यक्ति राष्ट्रपति नहीं बल्कि उनका अनुवादक था। इस बात का एहसास होते ही उन्होंने तुरंत पीछे खड़े राष्ट्रपति ली जे-म्युंग की ओर रुख किया और उनका औपचारिक स्वागत किया।
डाउनिंग स्ट्रीट ने खारिज की "हैंडशेक गड़बड़ी" की खबरें
इस पूरे घटनाक्रम के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय डाउनिंग स्ट्रीट ने इसे "गलत रिपोर्टिंग" बताते हुए खारिज कर दिया। सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दक्षिण कोरियाई प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्यों का सम्मानपूर्वक स्वागत किया और ऐसी किसी "गड़बड़ी" को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। हालांकि वीडियो फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि प्रधानमंत्री ने शुरुआत में ट्रांसलेटर से हाथ मिलाया और फिर राष्ट्रपति ली की ओर बढ़े।
दोनों देशों ने रिश्तों को और मजबूत करने की बात
इस छोटे से भ्रम के बावजूद बैठक सकारात्मक रही। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रिश्तों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई। ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा, “दक्षिण कोरिया हमारा एक महत्वपूर्ण साझेदार है और हम रक्षा, व्यापार और नवाचार के क्षेत्रों में संबंधों को और गहरा करना चाहते हैं।”
उन्होंने स्पष्ट रूप से यह भी कहा कि ब्रिटेन और कोरिया के बीच जो मौजूदा Free Trade Agreement है, उसमें समय के अनुसार बदलाव की जरूरत है और दोनों देश इस दिशा में काम करेंगे। राष्ट्रपति ली जे-म्युंग ने भी ब्रिटेन के साथ साझेदारी को और आधुनिक बनाने की इच्छा जताई और कहा कि कोरिया ब्रिटेन के साथ तकनीकी और आर्थिक क्षेत्रों में अधिक सहयोग के लिए तत्पर है।
आउटरीच कार्यक्रम के तहत हुई थी यह मुलाकात
यह बैठक G7 समिट के "आउटरीच सेगमेंट" का हिस्सा थी, जिसमें दक्षिण कोरिया, भारत और कुछ अन्य देशों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य विकसित और विकासशील देशों के बीच सहयोग बढ़ाना है, खासकर वैश्विक चुनौतियों जैसे क्लाइमेट चेंज, आर्थिक अस्थिरता और तकनीकी नवाचार को लेकर। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली पहली बार इस स्तर पर एक बड़ी बहुपक्षीय बैठक में शामिल हुए, इसलिए यह मुलाकात उनके लिए भी अहम थी।