बिहार के शेखपुरा जिले में भूमि अधिग्रहण नियम बदला गया है। भू‑स्वामी की मृत्यु के बाद 50 लाख रुपये से अधिक का मुआवजा पाने के लिए आश्रितों को अदालत जाना होगा, 50 लाख तक प्रमाण पत्र से मिल सकेगा।
Bihar News: बिहार के शेखपुरा जिले में भूमि अधिग्रहण के मामलों में मुआवज़ा भुगतान को लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एक नया आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत अब भू-स्वामी की मृत्यु के बाद आश्रितों को मुआवज़ा पाने के लिए अलग-अलग प्रक्रिया अपनानी होगी, जो राशि की सीमा पर निर्भर करेगी।
50 लाख रुपये से कम की राशि के लिए अंचलाधिकारी करेंगे भुगतान
यदि मुआवज़े की राशि 50 लाख रुपये से कम है, तो आश्रित अंचलाधिकारी से प्रमाण पत्र के आधार पर यह राशि प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए उत्तराधिकार प्रमाण पत्र और क्षतिपूर्ति बंध पत्र देना अनिवार्य होगा। अंचलाधिकारी दावे की जांच कर पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही भुगतान की अनुमति देंगे।
50 लाख से अधिक की राशि के लिए लेनी होगी न्यायालय की अनुमति
नए आदेश के अनुसार यदि मुआवज़े की राशि 50 लाख रुपये से अधिक है, तो आश्रितों को न्यायालय से आदेश प्राप्त करना अनिवार्य होगा। पहले ऐसी स्थिति में भी अंचलाधिकारी के प्रमाणपत्र पर भुगतान कर दिया जाता था, लेकिन अब यह व्यवस्था समाप्त कर दी गई है।
क्षतिपूर्ति बंध पत्र होगा अनिवार्य दस्तावेज
मुआवज़ा लेने वाले आश्रित को एक क्षतिपूर्ति बंध पत्र देना होगा, जिसमें यह स्पष्ट रूप से लिखा होगा कि यदि भविष्य में कोई अन्य व्यक्ति मुआवज़े का वैध हकदार साबित होता है, तो वह व्यक्ति पूरी या आंशिक राशि वापस लौटाएगा। इस प्रक्रिया का उद्देश्य बाद में उत्पन्न होने वाले विवादों से बचाव करना है।
शेखपुरा जिले से हुई इस व्यवस्था की शुरुआत
राजस्व विभाग के निदेशक भू-अर्जन कमलेश कुमार सिंह ने शेखपुरा जिले के भू-अर्जन पदाधिकारी को यह निर्देश जारी किया है। यह फैसला एक विशेष मामले के आधार पर लिया गया, जिसमें मुआवज़े के भुगतान को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं थे। अब इस आदेश से भुगतान प्रक्रिया को कानूनी रूप से सुदृढ़ बनाया गया है।