मंगनी लाल मंडल ने शनिवार, 14 जून को बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया, जिससे पार्टी के भीतर नेतृत्व परिवर्तन की प्रक्रिया ने एक नया मोड़ लिया है।
Mangni Lal Mandal: बिहार की राजनीति में आज एक अहम मोड़ आया जब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने अपने नए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में वरिष्ठ नेता मंगनी लाल मंडल के नाम पर मुहर लगाने की दिशा में निर्णायक कदम बढ़ा दिया। शनिवार को मंगनी लाल मंडल ने राजद प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए निर्विरोध नामांकन दाखिल किया, जिससे यह लगभग तय हो गया है कि अब वही पार्टी के अगले प्रदेश अध्यक्ष होंगे।
नामांकन प्रक्रिया के दौरान पार्टी के तमाम शीर्ष नेता मौजूद रहे, जिनमें राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, राज्यसभा सांसद मीसा भारती, और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव प्रमुख थे। मंगनी लाल मंडल ने RJD कार्यालय में निर्वाचन पदाधिकारी डॉ. तनवीर हसन के समक्ष नामांकन पत्र दाखिल किया। अब 19 जून को पटना के ज्ञान भवन में आयोजित राज्य परिषद की बैठक में उनके नाम की औपचारिक घोषणा की जाएगी।
मंगनी लाल मंडल: राजनीतिक सफर और अनुभव
76 वर्षीय मंगनी लाल मंडल बिहार की राजनीति के एक अनुभवी और सुलझे हुए नेता माने जाते हैं। उनका राजनीतिक सफर करीब चार दशकों से अधिक लंबा है।
- वे 1986 से 2004 तक बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे।
- इस दौरान उन्होंने राज्य कैबिनेट मंत्री के रूप में भी कार्य किया।
- 2004 से 2009 तक वे राज्यसभा सांसद भी रहे।
- राजद में लंबे समय तक सक्रिय रहने के बाद वह जनता दल (यूनाइटेड) में शामिल हो गए थे, लेकिन जनवरी 2025 में उन्होंने जदयू को अलविदा कहकर पुनः राजद की सदस्यता ग्रहण कर ली।
सामाजिक समीकरण और आरजेडी की रणनीति
मंगनी लाल मंडल का पार्टी अध्यक्ष बनना केवल एक संगठनात्मक निर्णय नहीं, बल्कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एक बड़ा राजनीतिक दांव है। वे अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) से आते हैं, जो कि बिहार की कुल जनसंख्या का लगभग 36% है। इस वर्ग को अपने पाले में लाने के लिए राजद लंबे समय से रणनीति बना रही थी, और अब मंडल की ताजपोशी से पार्टी को उम्मीद है कि इस वर्ग में उसकी पकड़ और मजबूत होगी।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, जगदानंद सिंह की जगह मंगनी लाल मंडल को अध्यक्ष बनाना एक सोच-समझकर उठाया गया कदम है। जगदानंद सिंह, जो कि पिछले कुछ वर्षों से अध्यक्ष थे, अब संगठनात्मक बदलाव की दिशा में पीछे हट गए हैं।
तेजस्वी यादव की भूमिका और नेतृत्व संकेत
तेजस्वी यादव, जो कि अब पार्टी के सर्वस्वीकार्य नेता बन चुके हैं, इस पूरे घटनाक्रम में मास्टर स्ट्रोक की भूमिका निभा रहे हैं। मंगनी लाल मंडल का साथ देना यह दिखाता है कि तेजस्वी सिर्फ युवाओं को ही नहीं, बल्कि अनुभवी और सामाजिक संतुलन रखने वाले नेताओं को भी महत्व देते हैं। पार्टी कार्यालय से लेकर पटना की सड़कों तक आज का पूरा माहौल जश्न जैसा था। समर्थकों ने ढोल-नगाड़ों और फूल-मालाओं से मंगनी लाल मंडल का स्वागत किया।
बिहार में इसी साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में पार्टी नेतृत्व में यह बदलाव काफी मायने रखता है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि आरजेडी को अब इस नियुक्ति से दोतरफा लाभ मिल सकता है:
- संगठन में स्थायित्व और अनुभव का समावेश
- EBC वोट बैंक को साधने की कोशिश
हालांकि, राजनीतिक समीकरण बिहार में लगातार बदलते रहते हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या मंगनी लाल मंडल की नियुक्ति सिर्फ सामाजिक संतुलन का प्रतीक बनकर रह जाती है या चुनाव में वोटों में भी तब्दील होती है।