कब, किसे और क्यों करना चाहिए दान, दान देने से आखिर आपका कैसे होगा कल्याण जानें
हिंदू धर्म में दान को अत्यंत पुण्यदायी कार्य माना गया है। दान करने से न केवल ईश्वर का आशीर्वाद मिलता है, बल्कि घर में सुख-शांति और समृद्धि भी आती है। जरूरतमंदों की मदद करना मानव जीवन का सबसे बड़ा कार्य माना गया है। सनातन परंपरा में कई प्रकार के दान बताए गए हैं, जिन्हें करने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है। दान से ग्रहों के दोष दूर होते हैं और जाने-अनजाने किए गए पापों से मुक्ति मिलती है। शास्त्रों में विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए दान का उपाय बताया गया है, जिसे करने से चमत्कारिक फल प्राप्त होते हैं। आइए जानते हैं जीवन से जुड़े कुछ महादान और उनके लाभ के बारे में।
गौ दान
शास्त्रों में गाय के दान को महादान माना गया है। मान्यता है कि गोदान करने से व्यक्ति के सभी पाप कट जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
विद्या दान
विद्या दान को भी महादान माना गया है। यदि आप किसी असमर्थ व्यक्ति की शिक्षा का प्रबंध करते हैं या उसे मुफ्त में पढ़ाते हैं, तो आपको पुण्य की प्राप्ति होती है और माता सरस्वती की कृपा बनी रहती है।
भूमि दान
यदि आप किसी शुभ कार्य के लिए या जरूरतमंद को भूमि दान करते हैं, तो आपको अनंत गुणा पुण्य फल प्राप्त होते हैं। शास्त्रों में इसे भी महादान कहा गया है।
अन्न दान
भूखे को भोजन देना श्रेष्ठ माना गया है। धर्मग्रंथों में कहा गया है कि अन्न दान से बड़ा कोई दान नहीं है। इससे देवता अत्यंत प्रसन्न होते हैं। लेकिन, भूखे लोगों को बासी या अरुचिकर भोजन देना पाप माना जाता है। ऐसा करने से देवी लक्ष्मी घर में नहीं टिकती हैं।
दीपदान
प्रतिदिन देवी-देवताओं की पूजा में दीपदान का महत्व है। यह विद्या दान की तरह पुण्यदायी है। प्रतिदिन भगवान शिव को दीपदान करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है।
छाया दान
शनि दोष को दूर करने के लिए छाया दान का महत्व है। इसके लिए मिट्टी के बर्तन में सरसों का तेल रखकर उसमें अपनी छाया देखकर किसी को दान करना होता है।
इन चीजों का न करें दान
कुछ चीजों का दान करने से नुकसान हो सकता है, जैसे जूठा या बासी भोजन, फटे-पुराने कपड़े, झाड़ू, धारदार या नुकीली चीजें जैसे चाकू, कैंची आदि का दान नहीं करना चाहिए।
नोट: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।