हमारे शरीर का हर अंग एक संकेतक की तरह काम करता है। जैसे आंखें थकावट या कमजोरी को दर्शाती हैं, वैसे ही नाखून भी हमारे स्वास्थ्य का आईना होते हैं। अगर आपके नाखूनों पर रेखाएं, लकीरें या धारियां बन रही हैं, तो इसे नजरअंदाज करना गलत हो सकता है। ये रेखाएं शरीर के भीतर छिपी पोषक तत्वों की कमी या किसी बड़ी बीमारी की चेतावनी हो सकती हैं। आइए जानते हैं कि नाखूनों पर रेखाएं क्यों आती हैं और इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं।
नाखूनों की बनावट से क्यों होता है फर्क?
नाखून केराटिन नामक प्रोटीन से बने होते हैं। जब शरीर में पोषण की कमी होती है, तो इसका सीधा असर नाखूनों पर दिखाई देने लगता है। रेखाएं, दरारें, मलिनता (discoloration) या नाखूनों का टूटना – ये सभी इस बात के संकेत हो सकते हैं कि शरीर के भीतर कुछ गड़बड़ है।
वर्टिकल रेखाएं: उम्र या पोषण की कमी?
अगर आपके नाखूनों पर ऊपर से नीचे की तरफ हल्की-सीधी रेखाएं हैं, तो यह सामान्य तौर पर उम्र बढ़ने का संकेत हो सकता है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, त्वचा और नाखूनों की नमी और पोषण में गिरावट आती है, जिससे यह रेखाएं उभरने लगती हैं। हालांकि, अगर ये रेखाएं बहुत गहरी हो जाएं या साथ में नाखून टूटने लगें, तो यह संकेत हो सकता है कि शरीर में मैग्नीशियम, आयरन या विटामिन बी12 की कमी हो रही है।
समाधान:
- संतुलित आहार लें जिसमें हरी सब्जियां, फल, सूखे मेवे और बीज शामिल हों।
- विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और आयरन युक्त फूड्स जैसे चुकंदर, पालक, अंजीर आदि का सेवन बढ़ाएं।
क्षैतिज रेखाएं या ब्यू लाइन्स: तनाव या बीमारी का इशारा
अगर नाखूनों पर किनारे से किनारे तक चलने वाली क्षैतिज रेखाएं बन रही हैं, तो यह शरीर में बीमारियों या अत्यधिक तनाव का संकेत हो सकता है। इन्हें 'Beau’s Lines' कहा जाता है। ये रेखाएं उस समय बनती हैं जब शरीर का कोई हिस्सा संक्रमण, बुखार, डिहाइड्रेशन या किसी बड़ी शारीरिक थकावट से गुजर रहा हो।
संभावित कारण:
- वायरल बुखार या डेंगू
- कीमोथेरेपी
- डायबिटीज या थायरॉयड संबंधी समस्याएं
- कुपोषण या भारी मानसिक तनाव
समाधान:
- समय पर हेल्थ चेकअप करवाएं
- रोजाना योग, ध्यान और तनाव नियंत्रण पर काम करें
- जिंक, प्रोटीन और आयरन की पर्याप्त मात्रा लें
सफेद रेखाएं या बैंड: ल्यूकोनीचिया और इसकी वजहें
नाखूनों पर दिखने वाली पतली सफेद रेखाएं कई बार मामूली चोट या माइक्रोट्रॉमा के कारण होती हैं, लेकिन बार-बार ऐसा होना शरीर में जिंक की कमी का लक्षण भी हो सकता है। इसे मेडिकल भाषा में Leukonychia striata कहते हैं। अगर रेखाएं नाखून के बढ़ने के साथ ऊपर जा रही हैं, तो चिंता की बात नहीं, लेकिन अगर ये स्थिर हैं या बैंड जैसी दिखती हैं, तो यह शरीर में टॉक्सिन या किडनी संबंधी बीमारी का संकेत हो सकता है।
समाधान:
- जिंक युक्त आहार जैसे कद्दू के बीज, दालें, मूंगफली, दही आदि का सेवन करें
- अगर लक्षण लंबे समय तक रहें तो डॉक्टर से जांच करवाएं
काली या भूरी रेखाएं: गंभीर स्वास्थ्य संकेत
नाखूनों पर अगर एक काली, गहरी भूरी या नीली रेखा उभर रही है, तो यह सामान्य बात नहीं है। इसे मेलानोनीचिया कहा जाता है। यह रंगद्रव्य मेलानिन के अधिक बनने के कारण होता है। कभी-कभी यह त्वचा कैंसर (मेलानोमा) का भी संकेत हो सकता है, खासकर जब यह केवल एक नाखून पर हो और फैलती जा रही हो।
अन्य कारण:
- फंगल संक्रमण
- दवाओं का प्रभाव
- त्वचा में चोट या ट्रॉमा
समाधान:
- तुरंत डॉक्टर या डर्मेटोलॉजिस्ट से संपर्क करें
- विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट युक्त भोजन करें
- नाखूनों को बार-बार चोटिल न होने दें
नाखूनों पर सूखापन, दरारें और आसानी से टूटना
अगर नाखून रूखे हो गए हैं, आसानी से उखड़ते हैं या कमजोर लग रहे हैं, तो यह शरीर में पानी की कमी, बायोटिन की कमी या हाइपोथायरॉइडिज्म का संकेत हो सकता है। इसके अलावा, लगातार डिटर्जेंट या कैमिकल्स के संपर्क में आना भी नाखूनों को नुकसान पहुंचा सकता है।
समाधान:
- बायोटिन युक्त सप्लीमेंट लें या फूड्स जैसे अंडा, मूंगफली, केले खाएं
- नाखूनों को मॉइस्चराइज़ करने के लिए नारियल तेल या बादाम तेल लगाएं
- दस्ताने पहनकर घरेलू काम करें
कब डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है?
- अगर रेखाएं बढ़ती जा रही हैं और रंग बदल रहे हैं
- नाखूनों से खून आ रहा है या दर्द हो रहा है
- नाखूनों के साथ त्वचा में सूजन या खुजली हो रही है
- लंबे समय से पोषक आहार लेने के बाद भी सुधार नहीं दिख रहा
नाखून केवल सुंदरता बढ़ाने का साधन नहीं हैं, बल्कि ये आपके शरीर के भीतर हो रही हर हलचल का संकेत भी होते हैं। अगर आपके नाखूनों पर किसी भी प्रकार की रेखाएं, रंग परिवर्तन या बनावट में बदलाव हो रहा है, तो इसे हल्के में ना लें। सही आहार, पर्याप्त पानी और संतुलित जीवनशैली के जरिए आप न केवल सुंदर नाखून पा सकते हैं, बल्कि एक स्वस्थ जीवन की ओर भी बढ़ सकते हैं।