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PM मोदी का बड़ा संदेश: केंद्र और राज्य 'टीम इंडिया' की तरह मिलकर काम करें, तभी विकसित भारत का सपना होगा साकार

नीति आयोग की बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें टीम इंडिया की तरह मिलकर काम करें, तभी 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाया जा सकता है। तीन राज्यों के मुख्यमंत्री बैठक में नहीं आए।

Niti Aayog Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नई दिल्ली में नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए एक बार फिर देश के विकास में केंद्र और राज्यों की साझेदारी की अहमियत पर जोर दिया। इस बैठक का थीम था 'विकसित राज्य से विकसित भारत@2047'। मोदी ने कहा कि अगर केंद्र और राज्य सरकारें 'टीम इंडिया' की भावना के साथ एकजुट होकर काम करेंगी, तो 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य हासिल करना मुश्किल नहीं है।

तीन राज्यों के मुख्यमंत्री नहीं पहुंचे बैठक में

इस अहम बैठक में दक्षिण भारत के तीन राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल नहीं हुए, जिनमें कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन. रंगासामी शामिल हैं।

1 कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बैठक में शारीरिक रूप से शामिल नहीं होकर अपना भाषण भिजवाया, जिसे बैठक में पढ़ा गया। उनके करीबी सूत्रों ने बताया कि वे राज्य में पहले से तय कार्यक्रम में व्यस्त थे।

2 केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की जगह राज्य के वित्त मंत्री के. एन. बालगोपाल को भेजा गया, लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह बैठक मुख्यमंत्रियों के लिए थी, इसलिए यह स्पष्ट नहीं है कि बालगोपाल को इसमें भाग लेने की अनुमति मिली या नहीं।

3 पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन. रंगासामी भी बैठक में शामिल नहीं हुए। हालांकि, उनकी गैरमौजूदगी का कारण साफ नहीं हो पाया।

बैठक में क्या बोले पीएम मोदी?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "देश के विकास की रफ्तार को और तेज करना अब समय की जरूरत है। अगर केंद्र और राज्य 'टीम इंडिया' के रूप में मिलकर काम करें, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं रहेगा। हम सभी का साझा प्रयास ही भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में ले जाएगा।"

मोदी ने यह भी कहा कि नीति आयोग एक ऐसा मंच है, जहां केंद्र और राज्य एक साथ बैठकर विकास के मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं और मिलकर समाधान निकाल सकते हैं। उन्होंने कहा कि हर राज्य को अपनी-अपनी जरूरतों के हिसाब से अपने लक्ष्य तय करने होंगे और उन पर केंद्र के सहयोग से काम करना होगा।

बैठक में किन-किन ने रखा अपना पक्ष?

बैठक में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन और तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी शामिल हुए। उन्होंने अपने-अपने राज्यों के मुद्दों और विकास के रोडमैप पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने भी राज्यों के सुझावों को सुनने के बाद कहा कि सभी राज्यों को 'विकसित भारत' के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए अपने-अपने क्षेत्रों में योगदान देना चाहिए।

नीति आयोग की बैठक का महत्व

नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि यह भारत के विकास का रोडमैप तय करने के लिए एक बड़ा प्लेटफॉर्म है। इसमें सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल होते हैं। प्रधानमंत्री मोदी इस परिषद के अध्यक्ष हैं और इसका उद्देश्य है राज्यों के सहयोग से भारत को आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत बनाना।

2047 तक विकसित भारत का सपना

प्रधानमंत्री मोदी ने 'विकसित भारत@2047' का जो विजन रखा है, वह भारत की आजादी के 100 साल पूरे होने तक देश को एक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य है। इसके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीक, रोजगार, ग्रामीण विकास और बुनियादी ढांचे पर जोर देने की जरूरत है। मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों को हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए राज्यों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।

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