रियल एस्टेट के बढ़ते दामों के बीच संपत्ति बेचना आज किसी 'गोल्डन ऑपर्च्युनिटी' से कम नहीं है। लेकिन ज्यादातर लोग जानकारी के अभाव में अपनी प्रॉपर्टी का सही दाम नहीं पा पाते। अगर आप भी अपना घर, प्लॉट या कमर्शियल स्पेस बेचने की सोच रहे हैं, तो ये 5 गोल्डन रूल्स आपको न सिर्फ बेहतर कीमत दिलाएंगे, बल्कि डील को आसान और प्रॉफिटेबल भी बनाएंगे।
1. मार्केट रिसर्च है सबसे जरूरी: जानें अपनी प्रॉपर्टी का असली भाव
प्रॉपर्टी बेचने से पहले सबसे पहला कदम है मार्केट की पूरी जानकारी हासिल करना। आपके इलाके में चल रहे रेट्स क्या हैं? पिछले 6 महीने में किन-किन प्रॉपर्टीज की डील हुई है? इन सवालों के जवाब आपको ऑनलाइन पोर्टल्स (MagicBricks, 99acres) या लोकल ब्रोकर्स से मिल सकते हैं।
- टिप:अपने एरिया की 3-4 हाल ही में बिकी प्रॉपर्टीज की कीमतें नोट करें
- प्रॉपर्टी की लोकेशन, साइज और एमिनिटीज के हिसाब से तुलना करें
- कम से कम 3 ब्रोकर्स से संपर्क करके मार्केट ट्रेंड समझें
2. प्रॉपर्टी को अट्रैक्टिव बनाएं: 'फर्स्ट इम्प्रेशन' है सब कुछ
खरीददार आपकी प्रॉपर्टी को देखकर ही उसकी कीमत तय करता है। अगर संपत्ति में छोटी-मोटी खामियां हैं, तो वह कीमत कम करने का बहाना ढूंढ लेगा।
क्या करें?
- दीवारों पर फ्रेश पेंट करवाएं
- टूटे हुए स्विचबोर्ड, टपकते नल और जंग लगे हैंडल ठीक करवाएं
- घर की सफाई करके क्लटर फ्री दिखाएं
- गार्डन/बालकनी को ग्रीन और वेल-मेंटेंड दिखाएं
- स्पेशल टिप: खाली घर की बजाय कुछ बेसिक फर्नीचर रखें (सोफा सेट, बेड, कर्टेन्स)। इससे खरीदार को स्पेस की उपयोगिता समझने में आसानी होगी।
3. डॉक्यूमेंटेशन है की: सभी कागजात रखें तैयार
भारत में 60% प्रॉपर्टी डील्स डॉक्यूमेंट इश्यूज की वजह से फेल हो जाती हैं। खरीदार को विश्वास दिलाने के लिए आपको ये डॉक्यूमेंट्स तैयार रखने चाहिए:
जरूरी कागजात
- मूल सेल डीड (रजिस्ट्री)
- लेटेस्ट प्रॉपर्टी टैक्स रसीद
- सोसाइटी/बिल्डिंग का NOC (अगर एपार्टमेंट है)
- बैंक से लोन क्लोजर सर्टिफिकेट (अगर लोन था)
- म्युनिसिपल एप्रूव्ड प्लान (नए प्रॉपर्टी के लिए)
- वार्निंग: कभी भी ओरिजिनल डॉक्यूमेंट्स खरीदार को न दें। नोटरी अटेस्टेड कॉपीज ही शेयर करें।
4. यूएसपी को करें हाइलाइट: खरीदार को बताएं 'व्हाई यू?'
हर प्रॉपर्टी की कोई न कोई यूनिक सेलिंग पॉइंट (USP) होती है। आपको बस उसे पहचानकर खरीदार के सामने प्रभावी ढंग से पेश करना है।
कुछ यूएसपी उदाहरण
- "मेट्रो स्टेशन से सिर्फ 5 मिनट की दूरी"
- "साउथ-फेसिंग, पूरे दिन धूप आती है"
- "सोसाइटी में 24x7 सुरक्षा और पावर बैकअप"
- "पास में प्रतिष्ठित स्कूल और हॉस्पिटल"
- मार्केटिंग ट्रिक: प्रॉपर्टी का एक प्रोफेशनल वीडियो बनवाएं और उसे व्हाट्सएप/यूट्यूब पर शेयर करें।
5. बेचने का सही तरीका चुनें: DIY या ब्रोकर?
अब सबसे अहम सवाल - प्रॉपर्टी कैसे बेचें? आपके पास दो विकल्प हैं:
- ऑप्शन 1: खुद बेचें (For Sale By Owner - FSBO)
- फायदे: कमीशन नहीं देना पड़ता
- नुकसान: समय ज्यादा लगता है, मोलभाव में दिक्कत
टिप्स
- OLX, Housing.com जैसी साइट्स पर लिस्टिंग करें
- सोशल मीडिया (Facebook, Instagram) पर प्रमोट करें
- "For Sale" बोर्ड प्रॉपर्टी पर लगाएं
- ऑप्शन 2: रियल एस्टेट एजेंट की मदद लें
- फायदे: एक्सपर्ट मोलभाव करते हैं, सही खरीदार ढूंढते हैं
- नुकसान: 1-2% कमीशन देना पड़ता है
- टिप्स:लोकल मार्केट में एक्सपीरियंस्ड ब्रोकर चुनें
- एग्रीमेंट पर कमीशन रेट क्लियर कर लें
- केवल रजिस्टर्ड एजेंट्स के साथ काम करें
- बोनस टिप: नेगोशिएशन के ये गुर जान लें
- पहले अपनी एक्सपेक्टेशन से 5-10% ज्यादा कीमत रखें
- खरीदार के ऑफर को तुरंत न ठुकराएं
- अगर खरीदार कैश डील कर रहा है, तो 3-5% डिस्काउंट दे सकते हैं
- रजिस्ट्री डेट पर थोड़ी फ्लेक्सिबिलिटी दिखाएं
एक्सपर्ट की राय:"प्रॉपर्टी बेचते समय धैर्य सबसे जरूरी है। कभी भी पैनिक में कम कीमत पर न बेचें। सही खरीदार का इंतजार करें," - राहुल शर्मा, चीफ रिसर्च ऑफिसर, एनआरआई हाउसिंग।