स्मॉलकैप आईटी कंपनी केल्टन टेक सॉल्यूशंस (Kellton Tech Solutions) के शेयरों में गुरुवार को जोरदार उछाल देखा गया।
नई दिल्ली: भारत की स्मॉलकैप आईटी कंपनियों की सूची में तेजी से उभर रही केल्टन टेक सॉल्यूशंस लिमिटेड (Kellton Tech Solutions Ltd) ने 14 जून को होने वाली बोर्ड मीटिंग में कंपनी के इतिहास में पहली बार स्टॉक स्प्लिट (Stock Split) और फंडरेजिंग प्रस्ताव पर विचार करने की घोषणा की है। इस खबर के बाद कंपनी के शेयरों में जोरदार उछाल देखने को मिला और यह 8% की तेजी के साथ ₹137 प्रति शेयर तक पहुंच गया।
क्या है स्टॉक स्प्लिट और क्यों है यह खास?
स्टॉक स्प्लिट का मतलब होता है किसी कंपनी के मौजूदा शेयरों को छोटे हिस्सों में विभाजित करना। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी शेयर की फेस वैल्यू ₹5 है और कंपनी इसे 1:5 अनुपात में स्प्लिट करती है, तो एक शेयर के बदले निवेशक को पांच नए शेयर मिलेंगे, जिनकी फेस वैल्यू ₹1 होगी। इससे निवेशकों को कुल मिलाकर शेयर की संख्या अधिक मिलती है, लेकिन उनकी कुल वैल्यू में कोई परिवर्तन नहीं होता। इसका मुख्य उद्देश्य है शेयर की कीमत को आकर्षक बनाना और छोटे निवेशकों की भागीदारी बढ़ाना।
केल्टन टेक के लिए यह पहली बार होगा जब वह इस तरह की कॉर्पोरेट कार्रवाई करने जा रही है, जिससे निवेशकों में खासा उत्साह देखा जा रहा है।
शेयर में जबरदस्त हलचल
कंपनी द्वारा यह सूचना दिए जाने के बाद गुरुवार को केल्टन टेक के शेयरों में अचानक तेज़ी देखी गई। शेयर बाजार में यह स्टॉक ₹137 तक पहुंच गया, जो कि पिछले दिन की तुलना में लगभग 8% की बढ़ोतरी को दर्शाता है। इस दौरान करीब 22 लाख शेयरों का कारोबार हुआ, जो कि सामान्य से कई गुना अधिक है।
फंडरेजिंग का भी होगा फैसला
स्टॉक स्प्लिट के साथ-साथ केल्टन टेक के बोर्ड द्वारा फंडरेजिंग के विभिन्न विकल्पों पर भी चर्चा की जाएगी। इनमें कन्वर्टिबल बॉन्ड, डिबेंचर्स, वॉरंट्स, प्रेफरेंस शेयर्स या अन्य इक्विटी-लिंक्ड इंस्ट्रूमेंट्स शामिल हैं। कंपनी इन माध्यमों से निजी प्लेसमेंट (Private Placement), प्रेफरेंशियल इश्यू (Preferential Issue) या क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) जैसे विकल्पों पर विचार कर सकती है। यह कदम कंपनी की विस्तार योजनाओं और भविष्य की परियोजनाओं के लिए पूंजी जुटाने में सहायक होगा।
कंपनी का प्रदर्शन: निवेशकों के लिए भरोसेमंद
केल्टन टेक सॉल्यूशंस ने पिछले कुछ वर्षों में निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है। पिछले 1 साल में जहां यह स्टॉक 33% बढ़ा है, वहीं दो वर्षों में इसने 125% तक का रिटर्न दिया है। यही नहीं, यदि पिछले 5 वर्षों की बात करें, तो कंपनी के शेयर ने 800% से भी अधिक का रिटर्न दिया है, जो इसे निवेशकों के लिए एक बेहद आकर्षक विकल्प बनाता है।
कंपनी का 52-सप्ताह का हाई और लो ₹184.30 और ₹95.05 रहा है, जो कि इसकी अस्थिरता और अवसर दोनों को दर्शाता है। फिलहाल केल्टन टेक की कुल मार्केट कैप ₹1,352 करोड़ है, जिससे यह एक मजबूत स्मॉलकैप कंपनी के रूप में उभर रही है।
स्टॉक स्प्लिट से क्या होगा असर?
स्टॉक स्प्लिट के बाद आमतौर पर शेयर की कीमत कम हो जाती है, लेकिन इसके बावजूद शेयर की कुल वैल्यू वही बनी रहती है। इस प्रक्रिया से मुख्य रूप से निम्नलिखित लाभ होते हैं:
- निवेश की पहुंच आसान: शेयर की कीमत कम होने से छोटे निवेशकों के लिए इसमें निवेश करना आसान हो जाता है।
- लिक्विडिटी में वृद्धि: अधिक शेयरों के चलते बाजार में शेयरों का लेन-देन बढ़ता है, जिससे लिक्विडिटी बेहतर होती है।
- मनोवैज्ञानिक लाभ: कम कीमत पर शेयर खरीदने का अवसर मिलने से निवेशकों को अधिक संतुष्टि होती है।
- ब्रांड और कंपनी की सकारात्मक छवि: बाजार में स्टॉक स्प्लिट को कंपनी के बढ़ते भरोसे और विस्तार का संकेत माना जाता है।
क्या यह सिर्फ एक तकनीकी चाल है?
कुछ बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि स्टॉक स्प्लिट का मतलब हमेशा मजबूत ग्रोथ या कंपनी की मौलिक स्थिति में सुधार नहीं होता। यह महज एक तकनीकी कदम है, जिसका मुख्य उद्देश्य शेयर की कीमत को आकर्षक बनाना होता है। इसलिए निवेशकों को इस प्रक्रिया को केवल लाभ की दृष्टि से नहीं, बल्कि कंपनी के फंडामेंटल्स को ध्यान में रखते हुए मूल्यांकन करना चाहिए।
कंपनी की रणनीति और भविष्य की योजनाएं
केल्टन टेक का प्रमुख फोकस डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, क्लाउड सॉल्यूशंस, एंटरप्राइज टेक्नोलॉजी और आईटी कंसल्टिंग पर है। कंपनी ने हाल के वर्षों में अमेरिका, यूरोप और एशिया में अपनी मौजूदगी बढ़ाई है और कई अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों के साथ रणनीतिक साझेदारी की है। ऐसे में फंडरेजिंग से उसे तकनीकी विस्तार अधिग्रहण और ग्लोबल उपस्थिति मजबूत करने में मदद मिल सकती है।