मध्य प्रदेश के इंदौर के चर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड में जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। इस मामले में शिलॉन्ग पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए सोनम सहित पांचों आरोपियों की आठ दिन की रिमांड पूरी हो चुकी है। अब पुलिस सभी आरोपियों को पुनः कोर्ट में पेश करने जा रही है।
शिलॉन्ग: राजा रघुवंशी हत्याकांड ने एक प्रेम-प्रसंग को लेकर रची गई खौफनाक साजिश की परतें उधेड़ दी हैं। एक नया जीवन शुरू करने के सपने के साथ शिलॉन्ग पहुंचे इंदौर निवासी राजा रघुवंशी को खुद उसकी पत्नी और उसके प्रेमी ने ऐसी मौत दी, जिसने पूरे देश को चौंका दिया है। ताजा अपडेट के अनुसार, मेघालय पुलिस ने राजा की हत्या की गुत्थी लगभग सुलझा ली है।
हत्या के आरोप में गिरफ्तार किए गए सोनम रघुवंशी समेत सभी पांचों आरोपियों की आठ दिन की रिमांड अब समाप्त हो चुकी है। पुलिस अब इन्हें शिलॉन्ग की कोर्ट में पेश करेगी।
रिमांड खत्म, लेकिन जांच नहीं
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जांच अभी कई स्तरों पर जारी है। आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस को कई ऐसे क्लू मिले हैं, जिनसे पूरे हत्याकांड की पुख्ता स्क्रिप्ट सामने आ रही है। पुलिस अदालत से इन पांचों की रिमांड आगे बढ़ाने की मांग कर सकती है ताकि और भी सबूत इकट्ठा किए जा सकें। सोनम रघुवंशी, जो कि राजा की पत्नी है, पर इस मर्डर केस की मास्टरमाइंड होने का आरोप है। शादी के महज दो सप्ताह बाद ही उसने अपने प्रेमी राज कुशवाहा और अन्य तीन सहयोगियों के साथ मिलकर अपने पति की हत्या की योजना बना डाली।
कैसे रची गई साजिश?
23 मई को जब राजा और सोनम शिलॉन्ग में थे, तभी से दोनों लापता हो गए थे। परिजनों की चिंता के बाद स्थानीय पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज किया और तलाशी शुरू की। 2 जून को राजा का शव गहरी खाई में मिला, जिससे पूरे मामले का रुख ही बदल गया। शव की हालत देखकर पुलिस को हत्या का शक हुआ, जिसके बाद मामले में तेजी आई।
सोनम को कुछ दिनों बाद यूपी के गाजीपुर से गिरफ्तार किया गया, जहां उसने आत्मसमर्पण कर दिया। पूछताछ में सामने आया कि सोनम ने राज कुशवाहा नामक युवक से प्रेम विवाह करना चाहती थी। लेकिन परिवार के दबाव में उसने राजा से शादी की और बाद में पति को रास्ते से हटाने का फैसला लिया।
तीन बार किया गया मर्डर का प्रयास
जांच में खुलासा हुआ कि राजा की हत्या कोई अचानक लिया गया फैसला नहीं था। इसके लिए बाकायदा एक साजिश रची गई और शिलॉन्ग पहुंचने से पहले ही तीन बार राजा को मारने की कोशिश की गई थी। पहली कोशिश गुवाहाटी में की गई, दूसरी नोंग्रियाट गांव के पास और तीसरी वेइसाडोंग वॉटरफॉल्स में। लेकिन तीनों बार हालात अनुकूल नहीं बने। आखिरकार, 23 मई को खाई के किनारे ले जाकर राजा की निर्ममता से हत्या की गई।
हथियार और सबूत की तलाश जारी
पुलिस को घटनास्थल से एक डाव (बड़ा चाकू) बरामद हो चुका है, जबकि दूसरा डाव उसी खाई में फेंका गया जिसमें राजा की लाश मिली थी। फॉरेंसिक टीम अब उस डाव को निकालने की कोशिश में जुटी है। इस बीच, पुलिस द्वारा पूरे हत्याकांड का सीन रीक्रिएट किया गया है, ताकि घटनाक्रम की बारीकियों को समझा जा सके। साथ ही कॉल डिटेल्स, व्हाट्सएप चैट और फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन से जुड़े कई डिजिटल सबूत जुटाए जा रहे हैं।
मेघालय पुलिस अब कोर्ट में पांचों आरोपियों की रिमांड बढ़ाने की अपील करेगी। पुलिस की माने तो अभी कई पहलुओं की गहराई से जांच बाकी है — जैसे हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियारों की खरीद, हत्या की प्लानिंग में और कौन-कौन शामिल थे, और क्या इस साजिश में किसी स्थानीय व्यक्ति की भूमिका थी।