राजस्थान में नकली खाद और बीज बेचने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने बड़ा कदम उठाया है।
जयपुर: राजस्थान में नकली और मिलावटी खाद-बीज के खिलाफ चल रही कार्रवाई अब एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। राज्य के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अब साफ कर दिया है कि सिर्फ कंपनियां ही नहीं, बल्कि उन व्यापारियों को भी नहीं बख्शा जाएगा जो किसानों को धोखा देकर नकली सामग्री बेच रहे हैं। मंत्री का यह सख्त रुख किसानों के हक में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जो आने वाले समय में राजस्थान के कृषि क्षेत्र में सुधार की उम्मीद जगाता है।
राज्य सरकार पहले से ही नकली बीज और खाद की समस्या को लेकर गंभीर थी, लेकिन अब कार्रवाई का दायरा व्यापारियों तक पहुंच चुका है। मंत्री मीणा ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे ऐसे व्यापारियों की पहचान करें जो जानबूझकर मिलावटी सामग्री बेचकर किसानों की मेहनत और फसलों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
व्यापारियों की भूमिका पर सख्ती, अधिकारियों को भी चेतावनी
मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने हाल ही में हुई एक अहम बैठक में कहा कि नकली खाद और बीज का जाल अब बहुत गहराई तक फैला हुआ है। पहले इनका स्रोत सिर्फ कंपनियों तक सीमित माना जा रहा था, लेकिन अब यह बात सामने आई है कि कई व्यापारी भी इसमें संलिप्त हैं। मंत्री ने निर्देश दिए कि ऐसे व्यापारियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, जिससे किसानों को राहत मिल सके।
इतना ही नहीं, मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में अधिकारियों को भी चेताया कि यदि किसी भी स्तर पर कोई अधिकारी इस गोरखधंधे में लिप्त पाया गया, तो उसे भी बख्शा नहीं जाएगा। मंत्री का कहना है कि किसानों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ फौरी कार्रवाई होगी।
क्यों जरूरी है ये कार्रवाई?
राजस्थान में किसानों की एक बड़ी संख्या अब भी परंपरागत खेती पर निर्भर है और हर मौसम में बीज व खाद की गुणवत्ता पर ही उनकी मेहनत निर्भर करती है। नकली या अमानक बीजों से ना केवल उनकी फसलें बर्बाद होती हैं, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी धीरे-धीरे खत्म हो जाती है। इससे पूरे कृषि क्षेत्र पर विपरीत असर पड़ता है।
मंत्री मीणा ने इस मुद्दे पर कहा, यदि आज हम इन व्यापारियों और कंपनियों को रोकने में नाकाम रहते हैं, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए खेती करना और भी कठिन हो जाएगा। मिलावटी बीज और खाद केवल एक मौसमी नुकसान नहीं है, बल्कि यह आने वाले वर्षों के लिए ज़मीन को बंजर बना देता है।
किसानों को जागरूक करने की भी तैयारी
सरकार केवल कार्रवाई तक सीमित नहीं रहना चाहती। इसके साथ-साथ किसान जागरूकता अभियान भी शुरू किया जा रहा है, ताकि किसान खुद यह समझ सकें कि कौन सा बीज असली है और कौन सा नकली। पंचायत स्तर पर बैठकों, कृषि मेलों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिए किसानों को यह जानकारी दी जाएगी कि उन्हें बीज या खाद खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
मंत्री ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने कई ऑनलाइन पोर्टल शुरू किए हैं, जैसे कि ई-नाम, आई-कृषि पोर्टल और बीज निगरानी प्रणाली, जहां किसान प्रमाणित बीजों की जानकारी हासिल कर सकते हैं और किसी भी तरह की शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं। इन माध्यमों के जरिए सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि कोई भी किसान धोखे का शिकार न हो।
डिकॉय ऑपरेशन से खुल रही सच्चाई
हाल ही में मंत्री मीणा ने राजस्थान में 'डिकॉय ऑपरेशन' चलाया था, जिसमें उन्होंने खुद कई जगहों पर छापेमारी की। किशनगढ़ और श्रीगंगानगर जैसे इलाकों में अचानक की गई छापेमारी में नकली खाद और बीज की भारी खेप पकड़ी गई। इन छापों में डीएपी, एसएसपी और जिप्सम जैसे जरूरी कृषि उत्पादों की नकली व मिलावटी किस्में पाई गईं।
इस कार्रवाई में जिन कंपनियों और व्यापारियों की भूमिका सामने आई, उनके गोदाम सील कर दिए गए और कानूनी प्रक्रिया शुरू की गई। इन कार्रवाइयों के बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया और कई व्यापारियों ने खुद आगे आकर अपनी सफाई देने की कोशिश भी की।
आने वाले समय में और तेज होगी कार्रवाई
मंत्री ने स्पष्ट किया है कि यह केवल शुरुआत है। आने वाले दिनों में यह अभियान और तेज होगा। उन्होंने कहा, मैं खुद फील्ड में जाकर देख रहा हूं कि किस जिले में क्या स्थिति है। अब किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कितना भी बड़ा व्यापारी या अधिकारी क्यों न हो। प्रदेश के किसानों ने भी मंत्री के इस सख्त रुख का स्वागत किया है। उनका मानना है कि लंबे समय से वे इस तरह की ठगी का शिकार हो रहे थे, लेकिन अब उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।