Columbus

ठाकुर बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर: मथुरा-वृंदावन में बड़ा फैसला

ठाकुर बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर: मथुरा-वृंदावन में बड़ा फैसला

मथुरा-वृंदावन नगर निगम ने ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के लिए 5 एकड़ में कॉरिडोर प्रस्ताव पास किया। यह श्रद्धालुओं को सुविधा देगा, लेकिन कुंज गलियों के स्वरूप को लेकर विवाद। सरकार ने पुनर्वास का आश्वासन दिया।

Banke Bihari Mandir Corridor: मथुरा-वृंदावन में ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के आसपास कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव हाल ही में मथुरा-वृंदावन नगर निगम ने पास किया है। यह निर्णय न केवल मंदिर के दर्शन को और सुगम बनाएगा, बल्कि वृंदावन की प्राचीन संस्कृति और आधुनिक विकास के बीच संतुलन स्थापित करने की कोशिश भी है। लेकिन, इस प्रस्ताव को लेकर कुछ विवाद भी सामने आए हैं। आइए, इस बड़े फैसले के हर पहलू को आसान भाषा में समझते हैं।

क्या है बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर योजना?

ठाकुर बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन का एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। बढ़ती भीड़ को देखते हुए मथुरा-वृंदावन नगर निगम ने मंदिर के चारों ओर लगभग पांच एकड़ में कॉरिडोर बनाने का फैसला किया है। इस कॉरिडोर का उद्देश्य मंदिर परिसर को और व्यवस्थित करना, श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं बढ़ाना और दर्शन को आसान बनाना है।

यह प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो धार्मिक स्थलों को आधुनिक सुविधाओं से जोड़कर पर्यटन को बढ़ावा देना चाहती है। कॉरिडोर के निर्माण से मंदिर के आसपास की तंग गलियों में भीड़भाड़ कम होगी और श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुविधाजनक दर्शन का अनुभव मिलेगा।

नगर निगम की बैठक में क्या हुआ?

सोमवार को मथुरा-वृंदावन नगर निगम की बैठक में इस कॉरिडोर प्रस्ताव को भारी हंगामे के बीच मंजूरी दी गई। बैठक में महापौर विनोद अग्रवाल, नगर आयुक्त जगप्रवेश और सभी वार्डों के पार्षद मौजूद थे। भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़े पार्षदों ने इस योजना का समर्थन किया, जबकि विपक्षी पार्षदों ने इसका विरोध किया।

विपक्षी पार्षदों का कहना था कि कॉरिडोर के निर्माण से वृंदावन की प्राचीन कुंज गलियों का स्वरूप नष्ट हो सकता है। इसके अलावा, इस निर्माण से सैकड़ों स्थानीय लोग और व्यापारी प्रभावित हो सकते हैं। दूसरी ओर, महापौर ने आश्वासन दिया कि सरकार सभी प्रभावित लोगों का पुनर्वास करेगी और किसी का अहित नहीं होने देगी।

क्यों जरूरी है कॉरिडोर का निर्माण?

ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में हर साल श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। खासकर त्योहारों और विशेष अवसरों पर मंदिर परिसर में भारी भीड़ हो जाती है, जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन में परेशानी होती है। महापौर विनोद अग्रवाल ने बताया कि यह कॉरिडोर उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुसार बनाया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य मंदिर परिसर को व्यवस्थित करना और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है।

कॉरिडोर के बनने से न केवल दर्शन आसान होगा, बल्कि मंदिर के आसपास का क्षेत्र भी साफ-सुथरा और व्यवस्थित होगा। इससे वृंदावन में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

विवाद के पीछे क्या है?

हर बड़े बदलाव के साथ कुछ विवाद भी जुड़ जाते हैं, और बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर का प्रस्ताव भी इससे अछूता नहीं है। कांग्रेस पार्षद घनश्याम चौधरी ने इस योजना का कड़ा विरोध किया। उनका कहना है कि कॉरिडोर के निर्माण से वृंदावन की प्रसिद्ध कुंज गलियां, जो इस शहर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान हैं, नष्ट हो सकती हैं।

इसके अलावा, स्थानीय निवासियों और व्यापारियों को अपनी जमीन और आजीविका खोने का डर है। कई लोग मानते हैं कि इस तरह के बड़े निर्माण से वृंदावन का प्राचीन आकर्षण कम हो सकता है। हालांकि, महापौर ने इन आशंकाओं को दूर करने की कोशिश की और कहा कि सरकार सभी प्रभावित लोगों का ध्यान रखेगी।

सरकार का आश्वासन: सबकी सहमति से बनेगी योजना

महापौर विनोद अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि कॉरिडोर का निर्माण गोस्वामी समाज की मांगों और स्थानीय लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार किसी का भी नुकसान नहीं होने देगी। प्रभावित लोगों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी, और व्यापारियों व स्थानीय निवासियों की सहमति से ही कॉरिडोर की अंतिम रूपरेखा तैयार होगी।

इसके अलावा, सरकार का दावा है कि यह कॉरिडोर वृंदावन की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए आधुनिक सुविधाओं को बढ़ावा देगा। इससे न केवल श्रद्धालुओं को फायदा होगा, बल्कि वृंदावन का पर्यटन भी नई ऊंचाइयों को छूएगा।

कॉरिडोर से क्या बदलाव आएंगे?

बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर के बनने से कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं। सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि मंदिर के आसपास की भीड़भाड़ कम होगी। श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के दर्शन कर सकेंगे। इसके अलावा, कॉरिडोर से मंदिर परिसर में साफ-सफाई और सुरक्षा व्यवस्था भी बेहतर होगी।

स्थानीय व्यापारियों के लिए भी यह एक अवसर हो सकता है, क्योंकि अधिक पर्यटकों के आने से उनकी आय बढ़ सकती है। साथ ही, वृंदावन को एक आधुनिक और व्यवस्थित धार्मिक स्थल के रूप में पहचान मिलेगी।

Leave a comment