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शेयर बाजार की गिरावट में HDFC Bank को बड़ा नुकसान

बीते सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली, जिसने निवेशकों को बड़ा नुकसान पहुंचाया।

HDFC Bank: भारतीय शेयर बाजार ने बीते सप्ताह निवेशकों को बड़ा झटका दिया है। इजरायल और ईरान के बीच बढ़े भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक अस्थिरता के चलते सेंसेक्स में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों के लगभग 1.65 लाख करोड़ रुपये साफ हो गए। इस गिरावट की सबसे बड़ी मार देश के सबसे बड़े निजी बैंक HDFC Bank पर पड़ी, जिसका मार्केट कैप सबसे अधिक घटा।

पांच दिन में डूब गई 1.65 लाख करोड़ की दौलत

बीते सप्ताह BSE का सेंसेक्स 1070 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ, जो 1.30 प्रतिशत की कमी को दर्शाता है। इस दौरान Sensex की टॉप-10 कंपनियों में से 8 कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन घट गया, जिससे निवेशकों की संपत्ति में भारी गिरावट देखी गई। केवल दो कंपनियां ही ऐसी थीं जो इस गिरावट से बच सकीं।

HDFC Bank पर सबसे ज्यादा असर

HDFC Bank का मार्केट कैप इस दौरान करीब 47,000 करोड़ रुपये घट गया। बैंकिंग सेक्टर पर हमेशा से बाजार की हलचल का सीधा असर पड़ता है, और इस बार भी वही हुआ। बढ़ती ब्याज दरों, अंतरराष्ट्रीय संकट और निवेशकों की बिकवाली ने HDFC Bank को सबसे बड़ा नुकसान पहुंचाया। HDFC Bank का शेयर सप्ताह के अंत में ₹1917.25 पर बंद हुआ, जो इसके हालिया उच्चतम स्तर ₹1996.30 से लगभग 4 प्रतिशत नीचे है।

किन कंपनियों को लगा नुकसान

सिर्फ HDFC Bank ही नहीं, कई दिग्गज कंपनियों को भी इस गिरावट की चपेट में आना पड़ा। जिन कंपनियों का मार्केट कैप घटा, उनमें प्रमुख नाम इस प्रकार हैं

  • ICICI Bank: करीब ₹30,677 करोड़ की गिरावट
  • Reliance Industries: ₹21,517 करोड़ की गिरावट
  • SBI (भारतीय स्टेट बैंक): ₹18,251 करोड़ की गिरावट
  • Bharti Airtel: ₹15,481 करोड़ की गिरावट
  • LIC (भारतीय जीवन बीमा निगम): ₹13,694 करोड़ की गिरावट
  • Bajaj Finance: ₹2,417 करोड़ की गिरावट

इन कंपनियों के निवेशकों ने भारी नुकसान झेला है। गिरावट का असर खासतौर पर फाइनेंशियल और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर देखा गया, जो आमतौर पर वैश्विक परिस्थितियों से संवेदनशील रूप से प्रभावित होते हैं।

किन कंपनियों ने दिखाया दम

गिरावट के इस माहौल में दो कंपनियां ऐसी रहीं जिन्होंने अपने मार्केट कैप को बढ़ाने में कामयाबी पाई

  • TCS (Tata Consultancy Services): ₹22,215 करोड़ की बढ़ोतरी
  • Infosys: ₹15,578 करोड़ की बढ़ोतरी

IT सेक्टर ने इस मुश्किल दौर में बाजार को थोड़ी राहत दी। वैश्विक मंदी की आशंका के बावजूद, भारत की प्रमुख IT कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया, जिससे निवेशकों को कुछ संतुलन मिला।

वैश्विक कारक बने गिरावट की वजह

इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव रही। इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष ने दुनियाभर के निवेशकों को सतर्क कर दिया। इसके साथ ही अमेरिकी फेडरल रिजर्व की संभावित ब्याज दर बढ़ोतरी, डॉलर की मजबूती और क्रूड ऑयल की कीमतों में बढ़ोतरी जैसे कारकों ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया।

निवेशकों ने जोखिम से बचने के लिए सुरक्षित निवेश साधनों की ओर रुख किया, जिससे इक्विटी बाजारों में बिकवाली बढ़ गई। भारत जैसे उभरते बाजारों में इसका असर और भी ज्यादा दिखा।

निवेशकों के लिए क्या है अगला कदम

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों को फिलहाल धैर्य रखने की आवश्यकता है। गिरावट के इस दौर में लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए यह एक अवसर भी हो सकता है। जिन कंपनियों की बुनियादी स्थिति मजबूत है, उनके शेयरों में गिरावट के दौरान निवेश करने से भविष्य में लाभ मिल सकता है।

विशेषज्ञों की निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • घबराकर निवेश न निकालें, लॉन्ग टर्म निवेश की रणनीति रखें।
  • बाजार की गिरावट को अवसर मानें, और क्वालिटी स्टॉक्स की पहचान करें।
  • विविध पोर्टफोलियो बनाएं, जिसमें IT, FMCG, Pharma जैसे स्थिर सेक्टर शामिल हों।
  • वैश्विक खबरों पर नजर रखें, विशेष रूप से तेल की कीमतें और जियोपॉलिटिकल अपडेट्स।

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