कांग्रेस नेता और कांग्रेस पार्लियामेंटरी पार्टी (CPP) की अध्यक्ष सोनिया गांधी की तबीयत रविवार रात अचानक ख़राब हुई, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के प्रतिष्ठित Sir Ganga Ram Hospital में भर्ती कराया गया है।
नई दिल्ली: कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी की तबीयत एक बार फिर बिगड़ गई है। 78 वर्षीय नेता को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज गैस्ट्रो विभाग के विशेषज्ञों की देखरेख में चल रहा है। अस्पताल प्रशासन ने पुष्टि की है कि उन्हें पेट से जुड़ी कुछ समस्याओं के चलते मेडिकल सुपरविजन में रखा गया है।
अस्पताल की ओर से जारी हुआ आधिकारिक बयान
सर गंगाराम अस्पताल की ओर से सोमवार सुबह एक मेडिकल बुलेटिन जारी किया गया जिसमें कहा गया, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी तकलीफ के कारण सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल उनकी स्थिति स्थिर है और उन्हें डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है।
हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि उन्हें अस्पताल में कितने दिन तक रखा जाएगा, लेकिन सूत्रों के मुताबिक यह एहतियातन भर्ती है और डॉक्टरों की टीम उनकी सेहत पर बारीकी से नजर बनाए हुए है।
शिमला में भी बिगड़ी थी तबीयत
सोनिया गांधी की यह स्वास्थ्य समस्या कोई नई नहीं है। 7 जून 2025 को वह शिमला प्रवास के दौरान भी अस्वस्थ हो गई थीं। उन्हें इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (IGMC), शिमला में जांच के लिए ले जाया गया था। उस समय प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल ने बयान में कहा था कि सोनिया गांधी को उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) की शिकायत के चलते अस्पताल लाया गया था। हालांकि, जांच के बाद उन्हें उसी दिन छुट्टी दे दी गई थी और इसे सिर्फ एक नियमित स्वास्थ्य जांच बताया गया था।
सोनिया गांधी अब पहले की तरह सार्वजनिक मंचों पर कम नजर आती हैं। स्वास्थ्य कारणों के चलते उन्होंने बीते वर्षों में कांग्रेस अध्यक्ष का पद भी अपने बेटे राहुल गांधी को सौंप दिया था। बावजूद इसके, वह पार्टी की रणनीतिक बैठकों और अहम फैसलों में शामिल रहती हैं। 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद भी पार्टी की दिशा तय करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी।
2004 का वह ऐतिहासिक क्षण
सोनिया गांधी की राजनीतिक छवि हमेशा एक त्याग और संयम की प्रतीक रही है। 2004 में जब कांग्रेस के नेतृत्व में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) को लोकसभा में बहुमत मिला, तब प्रधानमंत्री पद की पेशकश को ठुकरा कर उन्होंने डॉ. मनमोहन सिंह को देश की बागडोर सौंपी। यह निर्णय आज भी भारतीय राजनीति में एक मिसाल के रूप में याद किया जाता है।
सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा इस समय पूरी तरह अपनी मां की देखभाल में जुटे हुए हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता भी लगातार अस्पताल से संपर्क में हैं और सोनिया गांधी की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा है कि मैडम सोनिया गांधी की हालत फिलहाल स्थिर है और उन्हें जल्द ही अस्पताल से छुट्टी मिलने की संभावना है। पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।