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स्टारलिंक का नया कीर्तिमान: स्पेसएक्स ने लॉन्च किए 26 और उपग्रह, इंटरनेट की दुनिया में बड़ा विस्तार

स्टारलिंक का नया कीर्तिमान: स्पेसएक्स ने लॉन्च किए 26 और उपग्रह, इंटरनेट की दुनिया में बड़ा विस्तार

स्पेसएक्स ने 26 नए स्टारलिंक उपग्रह लॉन्च कर इंटरनेट सेवा का दायरा बढ़ाया है। अब दूर-दराज़ क्षेत्रों में भी हाई-स्पीड कनेक्टिविटी मिल सकेगी। यह तकनीकी सफलता ग्लोबल ब्रॉडबैंड नेटवर्क को और मजबूत बनाएगी।

एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) ने 12 जून को एक और तकनीकी उपलब्धि हासिल की है। कंपनी ने अपने वैश्विक इंटरनेट प्रोजेक्ट स्टारलिंक (Starlink) के तहत 26 और उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया है। यह प्रक्षेपण अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से हुआ, जो कि स्पेसएक्स की वैश्विक इंटरनेट रणनीति में एक और मजबूत कदम माना जा रहा है।

स्टारलिंक मिशन 15-6: कक्षा में 26 नए उपग्रहों की एंट्री

12 जून की रात 9:54 बजे (EDT) Falcon 9 रॉकेट ने उड़ान भरी और एक घंटे बाद इन उपग्रहों को सफलतापूर्वक पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित कर दिया गया। इस उड़ान में इस्तेमाल हुआ बूस्टर B1081 पहले ही 14 बार उड़ान भर चुका था, और यह उसकी 15वीं सफल लॉन्च थी।

स्पेसएक्स की फ्लाइट रिकॉर्ड बुक में यह मिशन 15वां री-यूज (Reuse) वाला था और कुल मिलाकर 72वां फाल्कन 9 लॉन्च बन गया है। इनमें से 53 लॉन्च केवल स्टारलिंक नेटवर्क के लिए समर्पित रहे हैं।

अब तक 7,600 से ज्यादा स्टारलिंक उपग्रह अंतरिक्ष में

इस ताज़ा लॉन्च के साथ ही स्पेसएक्स के सक्रिय स्टारलिंक उपग्रहों की संख्या 7,600 से अधिक हो चुकी है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि स्पेसएक्स का मेगाकॉन्स्टेलेशन दुनिया का सबसे बड़ा और सक्रिय सैटेलाइट नेटवर्क बन चुका है।

इस नेटवर्क का मुख्य उद्देश्य दुनिया के हर कोने तक हाई-स्पीड, लो-लेटेंसी इंटरनेट पहुंचाना है — विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां अभी तक पारंपरिक नेटवर्क नहीं पहुंच पाए हैं।

दूर-दराज़ क्षेत्रों में भी अब मिल सकेगा तेज़ इंटरनेट

स्टारलिंक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह उन इलाकों में भी इंटरनेट पहुंचाता है जहां अभी तक कोई भी फाइबर नेटवर्क या मोबाइल टॉवर नहीं है। छोटे-छोटे डिश एंटेना और मोबाइल फोन के माध्यम से अब यूजर्स कहीं से भी इंटरनेट एक्सेस कर सकते हैं।

इसमें Direct-to-Cell तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो स्मार्टफोन को सीधे सैटेलाइट से जोड़ने में सक्षम बनाती है। आने वाले समय में यह तकनीक टेक्स्ट मैसेजिंग, बेसिक इंटरनेट और GPS आधारित सेवाओं में क्रांति ला सकती है।

स्पेसएक्स की दोहरी रणनीति: कवरेज और अतिरेक

एलन मस्क की यह महत्वाकांक्षी योजना सिर्फ इंटरनेट कवरेज तक सीमित नहीं है, बल्कि यह नेटवर्क को अधिक स्थिर और भरोसेमंद बनाने की दिशा में भी काम कर रही है।

स्पेसएक्स लगातार नए उपग्रह जोड़कर अतिरेक (redundancy) को बढ़ा रहा है, ताकि किसी एक उपग्रह के फेल होने पर भी यूजर्स को बिना किसी रुकावट के सेवाएं मिलती रहें। यह विशेष रूप से आपातकालीन संचार, इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी, और रेस्क्यू मिशन के लिए अत्यंत उपयोगी साबित हो रहा है।

Falcon 9 बूस्टर की 15वीं सफल उड़ान

इस मिशन में Falcon 9 बूस्टर का भी एक खास योगदान रहा, जिसका कोड नेम B1081 था। यह बूस्टर पहले भी 14 बार अंतरिक्ष में उड़ान भर चुका था, और यह उसका 15वां मिशन था। स्पेसएक्स की “रीयूजेबल रॉकेट टेक्नोलॉजी” की बदौलत यह बूस्टर प्रशांत महासागर में मौजूद ड्रोनशिप 'Of Course I Still Love You' पर सफलतापूर्वक वापस उतरा।

इस तकनीक के माध्यम से कंपनी न केवल प्रक्षेपण लागत को कम कर रही है, बल्कि पर्यावरण पर भी कम असर डाल रही है। स्पेसएक्स का दावा है कि उनके फाल्कन 9 बूस्टर का वर्तमान रिकॉर्ड 28 उड़ानों तक का है।

क्या है आगे की योजना?

स्पेसएक्स की योजना अभी रुकने वाली नहीं है। कंपनी निकट भविष्य में और भी कई दर्जन प्रक्षेपण करने की तैयारी में है। आने वाले महीनों में स्टारलिंक नेटवर्क में और उपग्रहों को जोड़कर इसकी क्षमता और सेवा क्षेत्रों का विस्तार किया जाएगा।

इसके साथ ही, कंपनी अन्य देशों में भी स्टारलिंक सर्विस को कानूनी मंजूरी दिलवाने में जुटी है ताकि वैश्विक स्तर पर उपयोगकर्ता इससे जुड़ सकें।

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