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अब मोबाइल नंबर बदलें सिर्फ OTP से! DoT का नया नियम, 30 दिन में हो सकेगा प्रीपेड से पोस्टपेड में बदलाव

DoT के नए नियम के तहत अब यूजर्स सिर्फ 30 दिनों में OTP-बेस्ड KYC के जरिए प्रीपेड से पोस्टपेड या पोस्टपेड से प्रीपेड में आसानी से बदलाव कर सकते हैं।

अब अगर आप अपने मोबाइल नंबर का प्लान बदलना चाहते हैं – यानी प्रीपेड से पोस्टपेड या पोस्टपेड से प्रीपेड – तो आपको लंबे इंतजार की जरूरत नहीं है। भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunications - DoT) ने मोबाइल ग्राहकों के लिए एक बड़ा और उपयोगी फैसला लिया है। इसके तहत अब यह प्रक्रिया महज 30 दिनों में पूरी की जा सकेगी और वह भी सिर्फ OTP आधारित KYC के ज़रिए।

क्या है DoT का नया नियम?

दूरसंचार विभाग ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर इस बदलाव की घोषणा की। विभाग के अनुसार, मोबाइल यूजर्स अब पहली बार प्रीपेड से पोस्टपेड या पोस्टपेड से प्रीपेड में शिफ्ट करने के लिए सिर्फ 30 दिन के कूलिंग पीरियड के बाद बदलाव कर सकेंगे।

पहले यह अवधि 90 दिन थी, जिसका मतलब था कि किसी भी तरह का प्लान ट्रांजिशन करने के लिए यूजर्स को तीन महीने का इंतजार करना पड़ता था। यह नई व्यवस्था डिजिटल प्रक्रिया को आसान बनाने और उपभोक्ताओं को बेहतर अनुभव देने के लिए लाई गई है।

OTP आधारित KYC से होगी पूरी प्रक्रिया

DoT ने जानकारी दी है कि यह पूरी प्रक्रिया अब बेहद सरल और डिजिटल हो गई है। यूजर को केवल टेलीकॉम कंपनी (जैसे जियो, एयरटेल, वीआई, बीएसएनएल) के अधिकृत स्टोर पर जाकर OTP आधारित KYC प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इसके बाद उनका प्रीपेड से पोस्टपेड या पोस्टपेड से प्रीपेड में बदलाव हो जाएगा।

यह सुविधा ग्राहकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लाई गई है ताकि उन्हें लंबी फॉर्मेलिटी और दस्तावेजी प्रक्रिया से न गुजरना पड़े।

पहली बार प्लान बदलने वालों को ही मिलेगा फायदा

यह नियम खासतौर पर उन यूजर्स पर लागू होगा जो पहली बार अपने कनेक्शन की सेवा बदल रहे हैं। यानी अगर आप पहली बार अपने नंबर को प्रीपेड से पोस्टपेड या पोस्टपेड से प्रीपेड में बदलना चाहते हैं, तो आपको अब 90 दिन नहीं बल्कि सिर्फ 30 दिन का इंतजार करना होगा।

इससे खासतौर पर उन उपभोक्ताओं को फायदा मिलेगा जो एक नेटवर्क की खराब सेवा, कम स्पीड या महंगे प्लान्स के कारण सेवा बदलना चाहते हैं।

बार-बार बदलाव करने वालों के लिए क्या नियम है?

DoT ने यह भी स्पष्ट किया है कि जो ग्राहक बार-बार सेवा में बदलाव करना चाहते हैं, उनके लिए पहले की तरह 90 दिनों का कूलिंग पीरियड बरकरार रहेगा। यानी यदि आपने एक बार सेवा बदल ली है, तो अगली बार बदलाव करने के लिए आपको 90 दिन तक इंतजार करना होगा।

हालांकि, इस बार भी बदलाव की प्रक्रिया केवल OTP आधारित KYC के ज़रिए पूरी की जा सकेगी।

अगर समय सीमा से पहले चाहिए बदलाव तो क्या करें?

कुछ खास मामलों में जब यूजर 30 या 90 दिनों की समयसीमा का इंतजार नहीं करना चाहता, तब भी बदलाव संभव है। इसके लिए उसे ऑफलाइन KYC प्रक्रिया अपनानी होगी। यानी ग्राहक को अपने डॉक्यूमेंट्स के साथ संबंधित टेलीकॉम कंपनी के अधिकृत बिक्री केंद्र या स्टोर पर जाना होगा और वहां मैनुअल KYC प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

इस प्रावधान को इसलिए बरकरार रखा गया है ताकि किसी विशेष परिस्थिति में यूजर्स को असुविधा न हो।

टेलीकॉम कंपनियों को दिए गए निर्देश

DoT ने सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे ग्राहकों को सेवा परिवर्तन के नियमों की पूरी जानकारी दें। साथ ही यह सुनिश्चित करें कि OTP आधारित KYC प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित, तेज और पारदर्शी हो।

यह भी निर्देश दिया गया है कि हर ग्राहक को बदलाव के समय यह जानकारी दी जाए कि वह पहली बार सेवा बदल रहा है या पहले भी बदलाव कर चुका है, ताकि कूलिंग पीरियड के नियम का पालन हो सके।

क्यों जरूरी था यह बदलाव?

पिछले कुछ वर्षों में यूजर्स की शिकायतें बढ़ती जा रही थीं कि उन्हें नेटवर्क बदलने में बहुत समय लग जाता है। 90 दिन की समयसीमा ग्राहकों के लिए बाधा बनती थी, खासकर तब जब वे तुरंत बेहतर सेवा चाहते थे।

DoT का यह नया फैसला ग्राहकों को तुरंत सेवा परिवर्तन की सुविधा देगा और टेलीकॉम इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ावा देगा, जिससे अंततः यूजर्स को बेहतर प्लान्स और नेटवर्क मिलेंगे।

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