नई दिल्ली: भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के मोर्चे पर बड़ा झटका लगा है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में देश में FDI का शुद्ध प्रवाह 96.5% गिरकर मात्र 353 मिलियन डॉलर रह गया। यह गिरावट पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के 10 बिलियन डॉलर के मुकाबले अभूतपूर्व है।
FDI में गिरावट की प्रमुख वजहें क्या हैं?
RBI की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में FDI फ्लो में आई गिरावट के पीछे कई अहम वजहें हैं:
- बाहर जाने वाला निवेश ज्यादा: वित्त वर्ष 2024-25 में भारत से 49 बिलियन डॉलर का निवेश बाहर गया, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 41 बिलियन डॉलर था। यानी भारत में जितना निवेश आया, उससे कहीं ज्यादा पैसा बाहर चला गया।
- IPOs से निवेशकों की निकासी: रिपोर्ट में बताया गया कि Alpha Wave Global और अन्य निवेशकों ने Swiggy और Big Basket Mega Mart जैसे भारतीय स्टार्टअप्स के आईपीओ से अपनी हिस्सेदारी निकाल ली। इससे FDI फ्लो पर असर पड़ा।
- स्थिर बनाम अस्थिर निवेश: RBI ने यह भी कहा कि स्थिर FDI फ्लो अस्थिर पोर्टफोलियो निवेश की तुलना में 86% कम रहा। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान पोर्टफोलियो फ्लो महज 2.67 बिलियन डॉलर रहा।
क्या कहती है RBI और विपक्ष?
RBI ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि यह गिरावट परिपक्व बाजार के संकेत के तौर पर देखी जानी चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार, जैसे-जैसे भारतीय अर्थव्यवस्था विकसित हो रही है, FDI की प्रकृति और पैटर्न में बदलाव आना स्वाभाविक है।
हालांकि, विपक्ष इस दलील से सहमत नहीं है। कांग्रेस पार्टी ने इस गिरावट पर गंभीर सवाल उठाए हैं। जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर लिखा, "FDI में इतनी भारी गिरावट दर्शाती है कि भारत में निवेश को लेकर बड़ी अनिश्चितता है। विदेशी ही नहीं, भारतीय कंपनियां भी अब देश के बजाय विदेश में निवेश को प्राथमिकता दे रही हैं।"
क्या मतलब है FDI फ्लो में गिरावट का?
FDI फ्लो में आई यह भारी गिरावट भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम और बड़े प्रोजेक्ट्स की फंडिंग पर असर डाल सकती है। विदेशी निवेश की कमी से नौकरियों, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और नए प्रोजेक्ट्स की रफ्तार भी धीमी पड़ सकती है।
क्या भविष्य में सुधार की उम्मीद है?
विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों का भरोसा लौटाने के लिए सरकार को नीतिगत स्थिरता, निवेश अनुकूल माहौल और लॉन्ग-टर्म विज़न पर फोकस करना होगा। साथ ही, विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए पारदर्शी प्रक्रियाएं और मजबूत ग्रोथ की संभावनाएं दिखानी होंगी।