नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (Q4FY25) में निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंक इंडसइंड बैंक को 2,329 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड शुद्ध घाटा हुआ है। यह बैंक के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा तिमाही घाटा है। हालांकि, इस नकारात्मक खबर के बावजूद, 22 मई को शेयर बाज़ार में इंडसइंड बैंक के शेयरों ने शुरुआती गिरावट के बाद शानदार रिकवरी दर्ज की।
शुरुआत में शेयर 5.7% गिरकर 725.80 रुपये तक पहुंच गया था, लेकिन बाद में इसमें मजबूती आई और यह 3.5% की बढ़त के साथ 796.70 रुपये तक पहुंच गया। दोपहर 11:27 बजे के करीब यह 773.95 रुपये पर 0.52% की बढ़त के साथ ट्रेड कर रहा था।
घाटे की मुख्य वजहें
मार्च में बैंक ने जानकारी दी थी कि इंटरनल डेरिवेटिव ट्रेड्स की गलत अकाउंटिंग के चलते 1,900 करोड़ रुपये का प्रभाव पड़ा है। साथ ही, माइक्रोफाइनेंस बिजनेस की आंतरिक ऑडिट में पाया गया कि करीब 660 करोड़ रुपये की राशि को तीन तिमाहियों तक ब्याज के रूप में गलत तरीके से दर्ज किया गया था।
मैनेजमेंट की प्रतिक्रिया
बैंक के चेयरमैन सुनील मेहता ने माना कि यह गड़बड़ियां कुछ कर्मचारियों की वजह से हुईं और फ्रॉड की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि तिमाही नतीजों में सभी चिंताओं को पारदर्शिता से प्रस्तुत किया गया है।
कमाई पर असर
Q4FY25 में बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) 3,048 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की तुलना में 43% कम है। बैंक का नेट इंटरेस्ट मार्जिन भी घटकर 2.25% रह गया, जो तिमाही दर तिमाही 168 बेसिस पॉइंट्स और सालाना 201 बेसिस पॉइंट्स की गिरावट है।
पिछली तिमाही का प्रदर्शन भी रहा कमजोर
Q3FY25 में बैंक ने 1,402 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया था, जो पिछले वर्ष की तुलना में 39% कम था। उस तिमाही में NII 5,228 करोड़ रुपये और नेट इंटरेस्ट मार्जिन 3.93% रहा था।
ब्रोकरेज फर्म्स की प्रतिक्रिया
बैंक के कमजोर नतीजों के बाद कम से कम 6 ब्रोकरेज हाउसेस ने स्टॉक की रेटिंग डाउनग्रेड की है, जबकि 13 ने टारगेट प्राइस घटा दिए हैं। उनकी मुख्य चिंता बैंक की लाभप्रदता और नेतृत्व उत्तराधिकार (management succession) को लेकर है।
शेयरहोल्डर्स को झटका
पिछले 6 महीनों में बैंक के शेयरों में करीब 23% की गिरावट आई है। एक महीने में यह 2.6% टूटा है, जबकि पिछले 5 ट्रेडिंग सेशंस में लगभग 1% की गिरावट रही है। बीते एक साल में बैंक ने निवेशकों की 45% से अधिक पूंजी को नुकसान पहुंचाया है।
बाजार में दिखी हालिया रिकवरी इस ओर संकेत करती है कि निवेशकों को उम्मीद है कि बैंक ने अपने वित्तीय अनियमितताओं को सामने ला दिया है और अब सुधार की दिशा में कदम बढ़ाएगा। हालांकि, फिलहाल निवेशकों को सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है।