नई दिल्ली: डिजिटल लेनदेन के बढ़ते चलन के बीच यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की लोकप्रियता दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। लेकिन इसी के साथ यूपीआई नेटवर्क में बार-बार होने वाली रुकावटें और डाउनटाइम की समस्या भी आम होती जा रही है, जिससे उपयोगकर्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस समस्या को देखते हुए नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूपीआई सिस्टम को बेहतर और स्थिर बनाने के लिए बैंकों और भुगतान सेवा प्रदाताओं के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं।
NPCI ने क्या नए दिशा-निर्देश दिए हैं?
NPCI ने यूपीआई के एपीआई (API) यानि एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस से जुड़े 10 नए निर्देश जारी किए हैं, जिन्हें सभी बैंकों और भुगतान सेवा प्रदाताओं को 31 जुलाई तक लागू करना होगा। एपीआई वह तकनीकी प्रोटोकॉल होता है जो बैंकों के सिस्टम और यूपीआई नेटवर्क के बीच सुरक्षित डेटा का आदान-प्रदान सुनिश्चित करता है।
NPCI ने निर्देश दिए हैं कि यूपीआई एपीआई कॉल की संख्या को नियंत्रित किया जाए और इसका संयमित उपयोग किया जाए। खासकर ‘लेन-देन की स्थिति जांचें’ जैसी एपीआई कॉल पर विशेष ध्यान देना होगा, क्योंकि पिछले एनालिसिस में पाया गया कि इन कॉल्स की अत्यधिक संख्या सिस्टम पर दबाव डालकर डाउनटाइम का कारण बनी है।
सख्त कार्रवाई के संकेत
NPCI ने साफ तौर पर कहा है कि यदि ये निर्देश लागू नहीं किए गए तो संबंधित बैंक या सेवा प्रदाता के यूपीआई एपीआई पर प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। इसके अलावा जुर्माना, नए ग्राहकों की ऑनबोर्डिंग निलंबित करने जैसे कड़े कदम भी उठाए जा सकते हैं। यह कदम यूपीआई नेटवर्क की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी हैं।
पिछले प्रयास और आगे की योजना
यह नया सर्कुलर पिछले महीने जारी NPCI के निर्देशों का विस्तार है, जिसमें चार प्रमुख एपीआई की प्रतिक्रिया समय को कम करने और दुरुपयोग रोकने के लिए नियम बनाए गए थे। विशेषज्ञों का मानना है कि NPCI के ये उपाय यूपीआई नेटवर्क पर अत्यधिक दबाव को कम करेंगे और उपयोगकर्ताओं को बेहतर और स्थिर सेवा प्रदान करेंगे।
हालांकि, इस दिशा में बदलाव करने के लिए बैंकों और यूपीआई सेवा प्रदाताओं को अपनी तकनीकी प्रणालियों में जरूरी सुधार करने होंगे, ताकि आने वाले समय में यूजर्स को बिना रुकावट के डिजिटल पेमेंट का अनुभव मिल सके।
जैसे-जैसे डिजिटल भुगतान तेजी से बढ़ रहा है, यूपीआई जैसी सेवाओं की विश्वसनीयता और स्थिरता बहुत जरूरी हो जाती है। NPCI के इन नए निर्देशों से उम्मीद है कि यूपीआई नेटवर्क में आने वाली तकनीकी बाधाओं को कम किया जाएगा और ग्राहकों को सहज डिजिटल लेनदेन का अनुभव मिलेगा।