वॉशिंगटन: अमेरिका में शेयर मार्केट और सरकारी बॉन्ड्स बुधवार को बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए। इसका प्रमुख कारण था अमेरिकी ट्रेज़री द्वारा कमजोर बॉन्ड नीलामी और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा प्रस्तावित टैक्स कट योजना से जुड़े डेब्ट को लेकर बढ़ती चिंताएं। S&P 500 इंडेक्स में 1.6% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि 30-वर्षीय ट्रेज़री बॉन्ड की यील्ड बढ़कर 5.096% तक पहुंच गई—जो कि 2023 के अंत के बाद से सबसे ऊंचा स्तर है।
कमजोर ट्रेज़री नीलामी ने बढ़ाई चिंता
20-वर्षीय ट्रेज़री बॉन्ड की 16 बिलियन डॉलर की नीलामी में 5% कूपन पर मांग कमजोर रही। यह इस बॉन्ड के 2020 में पुन: शुरू होने के बाद सबसे ऊंचा कूपन स्तर था। नीलामी में प्राथमिक डीलर्स (जो अनसोल्ड बॉन्ड्स को खरीदते हैं) ने 16.9% हिस्सा लिया, जो बताता है कि broader market में सरकारी डेब्ट को लेकर संकोच बना हुआ है।
ट्रम्प का टैक्स प्लान और राजनीतिक अस्थिरता
ट्रम्प द्वारा प्रस्तावित "Big, Beautiful Bill" के तहत 2017 की टैक्स कट्स को बढ़ाने की योजना है। स्वतंत्र एनालिस्ट्स का कहना है कि इस बिल से अगले दशक में अमेरिका के राष्ट्रीय कर्ज में कम से कम 3 ट्रिलियन डॉलर का इज़ाफा हो सकता है। हालांकि, हाउस स्पीकर माइक जॉनसन ने GOP के भीतर राज्य टैक्स कट्स को लेकर सहमति की बात कही, लेकिन फ़्रीडम कॉकस जैसे समूह और ज़्यादा खर्च में कटौती की मांग कर रहे हैं।
क्रेडिट रेटिंग और निवेशकों की चिंता
Moody's द्वारा अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग को AAA से नीचे लाना पहले ही निवेशकों के आत्मविश्वास को झटका दे चुका है। अब, कमजोर बॉन्ड नीलामी ने यह साफ कर दिया है कि लंबी अवधि के सरकारी बॉन्ड्स को लेकर मार्केट में असहजता बढ़ रही है। TD Securities की रेट्स स्ट्रैटजिस्ट पूजा कुमरा ने कहा, "लंबी अवधि की अवधि (duration) को लेकर बाजार में कोई appetite नहीं है।"
शेयर मार्केट में गिरावट, टेक स्टॉक्स भी डूबे
S&P 500 में 95% से अधिक कंपनियों के शेयर लाल निशान में बंद हुए। फाइनेंशियल, हेल्थकेयर और रियल एस्टेट सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। टेक्नोलॉजी शेयरों में भी गिरावट दर्ज की गई, खासकर OpenAI द्वारा Sir Jony Ive की हार्डवेयर स्टार्टअप ‘io’ को 6.4 बिलियन डॉलर में खरीदने की खबर के बाद। Apple के शेयर 2.3% टूटे, जबकि Amazon, Nvidia और Microsoft में भी 1% से अधिक गिरावट आई।
डॉलर इंडेक्स में कमजोरी
बढ़ते कर्ज और ट्रेज़री की कमजोर मांग के चलते डॉलर इंडेक्स में 0.6% की गिरावट आई। निवेशकों को अब इस बात की चिंता सता रही है कि कहीं अमेरिका की वित्तीय स्थिति डॉलर की वैश्विक स्थिरता को प्रभावित न कर दे।
जैसे-जैसे ट्रम्प का टैक्स बिल वोटिंग के करीब आ रहा है और बाजार की निगाहें बॉन्ड डिमांड पर टिकी हैं, अगले कुछ हफ्ते अमेरिकी इकॉनमी के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार की दिशा और सरकारी नीतियों पर बारीकी से नजर बनाए रखें।