Chicago

FY25 में बैंक फ्रॉड के मामले कम, लेकिन ठगी की रकम तीन गुना बढ़ी: RBI रिपोर्ट

FY25 में बैंक फ्रॉड के मामले कम, लेकिन ठगी की रकम तीन गुना बढ़ी: RBI रिपोर्ट

वित्त वर्ष 2024-25 में बैंक फ्रॉड के मामलों में कमी आई है, लेकिन ठगी की रकम में भारी वृद्धि देखी गई है। RBI की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार कुल धोखाधड़ी की रकम 36,014 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो पिछले साल से लगभग तीन गुना ज्यादा है। ज्यादातर धोखाधड़ी के मामले डिजिटल माध्यमों से हुए हैं। सरकारी बैंक धोखाधड़ी की राशि में आगे हैं, जबकि प्राइवेट सेक्टर के बैंक अधिक मामलों में फंसे हैं।

बैंक धोखाधड़ी के मामले कम हुए, लेकिन राशि बढ़ी

आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 में बैंक फ्रॉड के मामले कुल 23,953 दर्ज किए गए, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 34% कम हैं। यह कमी उम्मीद से अच्छी खबर है, क्योंकि फ्रॉड से जुड़ी घटनाएं कम होना अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत माना जाता है।

लेकिन इसमें शामिल रकम ने चिंता बढ़ा दी है। कुल धोखाधड़ी की राशि 36,014 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो पिछले साल से लगभग तीन गुना ज्यादा है।

धोखाधड़ी की बढ़ी रकम का कारण

रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण कुछ पुराने मामलों का फिर से फ्रॉड की श्रेणी में आने से है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 122 मामलों की पुनः जांच की गई, जिनमें ₹18,674 करोड़ की राशि शामिल थी। इन्हें चालू वित्त वर्ष में नए सिरे से रिपोर्ट किया गया, जिससे धोखाधड़ी की कुल रकम में बड़ा इजाफा हुआ।

यह आंकड़ा सिर्फ 1 लाख रुपये और उससे ऊपर की धोखाधड़ी पर आधारित है। कुछ धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग उन वर्षों की भी हो सकती है, जिनमें धोखाधड़ी हुई थी, न कि जिस वर्ष रिपोर्ट की गई।

प्राइवेट और सरकारी बैंकों में अंतर

वित्त वर्ष 2025 में प्राइवेट सेक्टर के बैंकों ने सबसे ज्यादा 14,233 फ्रॉड केस दर्ज किए, जो कुल मामलों का करीब 59.4 प्रतिशत है। इन बैंकों ने ₹10,088 करोड़ की धोखाधड़ी रिपोर्ट की।

वहीं, सरकारी बैंकों में मामलों की संख्या कम थी, सिर्फ 6,935 मामले (लगभग 29%)। हालांकि, सरकारी बैंकों में धोखाधड़ी की राशि ₹25,667 करोड़ तक पहुंच गई, जो कुल धोखाधड़ी का 71.3 प्रतिशत है।

इसका मतलब है कि सरकारी बैंकों में धोखाधड़ी के मामले कम होने के बावजूद, उसमें फंसी रकम काफी बड़ी है।

डिजिटल भुगतान और धोखाधड़ी

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि ज्यादातर धोखाधड़ी डिजिटल माध्यमों से हुई है। बढ़ते डिजिटल लेनदेन के कारण साइबर फ्रॉड और ऑनलाइन ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यह बैंकिंग सेक्टर के लिए एक बड़ा चुनौती बन चुका है, जिसे नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा तंत्र को और मजबूत करने की आवश्यकता है।

Leave a comment