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सोने में गिरावट की आहट: क्या अब ₹88,000 तक आ सकता है दाम? जानिए विशेषज्ञों की रणनीति और निवेशकों के लिए क्या है संकेत

सोने में गिरावट की आहट: क्या अब ₹88,000 तक आ सकता है दाम? जानिए विशेषज्ञों की रणनीति और निवेशकों के लिए क्या है संकेत
अंतिम अपडेट: 18-05-2025

पिछले कुछ हफ्तों में सोने की कीमतों में काफी गिरावट आई है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर 22 अप्रैल को ₹99,358 प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छूने के बाद, अब इसमें लगभग 7% की गिरावट दर्ज की गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि निकट भविष्य में कीमतें ₹88,000 तक फिसल सकती हैं।

गिरावट के पीछे कारण क्या हैं?

Axis Securities की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, सोने की कीमतें फिलहाल 50-दिवसीय मूविंग एवरेज जैसे महत्वपूर्ण तकनीकी सपोर्ट स्तर की परीक्षा कर रही हैं, जो ऐतिहासिक रूप से नीचे की ओर मजबूत समर्थन प्रदान करता रहा है। हालांकि, अब इसके नीचे गिरने का जोखिम बढ़ गया है – जो कि दिसंबर 2023 के बाद पहली बार हो सकता है।

एक प्रमुख कारण है अमेरिका के फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों में कमी। इससे सरकारी बॉन्ड की यील्ड बढ़ी है, जिससे बिना यील्ड वाले सोने का आकर्षण घटा है। इसके अलावा, वैश्विक व्यापार युद्धों की चिंताओं में कमी ने भी सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की मांग को कमजोर किया है।

Axis Securities ने 16 से 20 मई के बीच के समय को महत्वपूर्ण बताया है, जब ट्रेंड में बदलाव संभव हो सकता है। वैश्विक बाजार में $3,136 का समर्थन स्तर अहम है; अगर यह टूटता है, तो सोना $2,875–$2,950 तक गिर सकता है, जो भारतीय बाजार में ₹88,000 प्रति 10 ग्राम तक का स्तर हो सकता है।

विशेषज्ञों की राय

Augmont की रिसर्च हेड रेनिशा चेनानी के अनुसार, हालाँकि सोने की कीमतें अपने इंट्राडे निचले स्तरों से थोड़ा उभरी हैं, बाजार में अस्थिरता बनी हुई है। उन्होंने कहा, “कमजोर अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों और जारी भू-राजनीतिक तनावों के चलते सुरक्षित निवेश की मांग फिर से बढ़ी है।”

लेकिन उन्होंने यह भी चेताया कि $3,200 पर डबल-टॉप नेकलाइन सपोर्ट के टूटने से निकट भविष्य में और गिरावट संभव है। उनका अनुमान है कि कीमतें $3,000–$3,050 तक जा सकती हैं, जो भारत में ₹87,000–₹88,000 प्रति 10 ग्राम के बराबर है। उनका मानना है कि यह दीर्घकालिक निवेशकों के लिए सोने में खरीदारी का अच्छा मौका हो सकता है।

Augmont के तकनीकी विश्लेषण के अनुसार, फिलहाल समर्थन स्तर ₹92,000 और प्रतिरोध ₹94,000 प्रति 10 ग्राम है, जो कि एक संकीर्ण ट्रेडिंग रेंज में मंदी के रुझान को दर्शाता है।

लंबी अवधि का दृष्टिकोण स्थिर

RiddiSiddhi Bullions के एमडी पृथ्वीराज कोठारी का मानना है कि सोने की लंबी अवधि की बुनियादी स्थिति मजबूत बनी हुई है। “सोना हमेशा से वैश्विक अनिश्चितताओं के खिलाफ एक सुरक्षा कवच रहा है। फिलहाल अस्थायी दबाव जरूर है, लेकिन दीर्घकालिक निवेशकों के लिए दृष्टिकोण सकारात्मक है,” उन्होंने कहा।

हालांकि, उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि अगर वैश्विक आर्थिक सुधार अपेक्षा से तेज़ हुआ, तो सोने पर और दबाव आ सकता है। “अगर जोखिम-विहीन भावना खत्म होती है और वैश्विक विकास की रफ्तार बढ़ती है, तो सोना $3,000–$3,050 के स्तर तक और गिर सकता है।”

निवेशकों को क्या करना चाहिए?

निवेशकों के लिए यह समय जोखिम और अवसर दोनों से भरा हुआ है। शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स को सतर्क रहना चाहिए और प्रमुख समर्थन स्तरों पर नजर रखनी चाहिए। वहीं, लंबी अवधि के निवेशकों के लिए अगर कीमत ₹88,000 तक आती है, तो यह खरीदारी का एक बेहतर मौका हो सकता है – बशर्ते वे एक विविध और चरणबद्ध निवेश रणनीति अपनाएं।

सोने की कीमतें फिलहाल एक नाजुक मोड़ पर हैं। आगे की दिशा काफी हद तक वैश्विक आर्थिक संकेतकों और केंद्रीय बैंकों की नीतियों पर निर्भर करेगी। अगर कीमतें ₹88,000 प्रति 10 ग्राम तक गिरती हैं, तो विशेषज्ञ इसे दीर्घकालिक खरीदारों के लिए एक आकर्षक स्तर मानते हैं। निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए, समर्थन स्तरों पर नजर रखनी चाहिए और एकमुश्त निवेश की बजाय किस्तों में निवेश करने की रणनीति अपनानी चाहिए।

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