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देश में आधे वाहन बिना इंश्योरेंस के, फिर भी सिस्टम खामोश — जानिए क्यों नहीं हो रही सख्त कार्रवाई

देश में आधे वाहन बिना इंश्योरेंस के, फिर भी सिस्टम खामोश — जानिए क्यों नहीं हो रही सख्त कार्रवाई
अंतिम अपडेट: 21-05-2025

नई दिल्ली, मई 2025: भारत में मोटर इंश्योरेंस को लेकर एक गंभीर स्थिति सामने आई है। न्यू इंडिया एश्योरेंस की चेयरपर्सन और मैनेजिंग डायरेक्टर गिरिजा सुब्रमण्यन ने खुलासा किया है कि देश में केवल 52% वाहनों का ही बीमा है, यानी लगभग 48% गाड़ियां बिना बीमा के चल रही हैं। यह न सिर्फ कानून के खिलाफ है, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ितों को मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया को भी जटिल बनाता है।

जानकारी होते हुए भी कार्रवाई क्यों नहीं?

गिरिजा सुब्रमण्यन के अनुसार, सरकार के पास उन वाहनों का पूरा डेटा है जिनका बीमा नहीं है। बावजूद इसके, उचित कार्रवाई नहीं हो रही। वजह है - बीमा लागू कराने की प्रणाली का कमजोर होना। इससे सड़क दुर्घटना में नुकसान झेल रहे लोगों को पर्याप्त मदद नहीं मिल पाती।

बीमा प्रीमियम में बढ़ोतरी की जरूरत

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस प्रीमियम कई वर्षों से नहीं बढ़ा है, जबकि कोर्ट द्वारा दिए जाने वाले मुआवजे की राशि समय के साथ बढ़ रही है। ऐसे में बीमा कंपनियों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। सुब्रमण्यन को उम्मीद है कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) इस साल प्रीमियम दरों में संशोधन करेगा।

नियमों की अनदेखी बनी बड़ी चुनौती

2018 में सुप्रीम कोर्ट और बीमा नियामक संस्था IRDAI ने स्पष्ट रूप से कहा था कि नई कारों के लिए तीन साल और दोपहिया वाहनों के लिए पांच साल का थर्ड पार्टी बीमा अनिवार्य होगा। इसके बावजूद, रजिस्टर्ड वाहनों और इंश्योर्ड वाहनों की संख्या में बड़ा अंतर है। इससे साफ है कि जमीनी स्तर पर इन नियमों को सही ढंग से लागू नहीं किया जा रहा।

बीमा कंपनियों की रणनीति में बदलाव

न्यू इंडिया एश्योरेंस अभी मुख्यतः कमर्शियल वाहनों पर फोकस कर रही है, जिनमें क्लेम दर अधिक होती है। अब कंपनी निजी कारों और दोपहिया वाहनों के सेगमेंट में विस्तार करने की योजना बना रही है। हालांकि इन सेगमेंट्स में कमीशन लागत अधिक है, फिर भी कंपनी इस दिशा में 2026 तक ठोस पहल करेगी।

डिजिटल प्लेटफॉर्म से उम्मीदें

कंपनी अब डिजिटल माध्यमों जैसे कि फोनपे और अन्य ऑनलाइन एग्रीगेटर्स के साथ जुड़कर बीमा सेवाओं को अधिक सुलभ बना रही है। इसके अलावा, न्यू इंडिया एश्योरेंस ने बीमा सुगम नामक एक नए बीमा मार्केटप्लेस में निवेश किया है, जहां ग्राहक विभिन्न बीमा विकल्पों की तुलना कर सकते हैं।

ज़रूरत है सख्त अमल की

वाहनों के बीमा के मामले में भारत में जो खामियां हैं, वे सुधार की मांग करती हैं। बीमा डेटा पहले से मौजूद है, अब जरूरत है एक सख्त निगरानी और अमल प्रणाली की, जो कानून का पालन सुनिश्चित करे और सड़क दुर्घटनाओं के बाद लोगों को समय पर सहायता मिल सके।

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